गैंडा परियोजना | Genda Pariyojna

 एक सींग वाले गैंडे केवल भारत में पाए जाते हैं । इनके सींग का उपयोग औषधि निर्माण में होता है इसीलिए बड़े पैमाने पर इनका अवैध शिकार होता है । अवैध शिकार के कारण गैंडों की संख्या में लगातार कमी होती गई । इनकी कम होती संख्या के कारण इनके संरक्षण के लिए वर्ष 1987 में गैंडा परियोजना प्रारम्भ की गई । गैंडों के लिए असम के मानस अभयारण्य व काजीरंगा उद्यान तथा पश्चिम बंगाल का जाल्दा पारा अभयारण्य गैंडों की मुख्य शरणस्थली है । |

इंडियन राइनो विजन – 2020 / वर्ल्ड वाइड फण्ड – इण्डिया ( WWF )

अन्तर्राष्ट्रीय राइनो फाउण्डेशन के सहयोग से असम वन विभाग तथा बोडो | स्वायत्त परिषद् ने 28 मार्च , 2014 को भारतीय गैंडा दृष्टिकोण – 2020 आरंभ किया इसका उद्देश्य एक सींग वाले गैंडों का संरक्षण तथा उनकी संख्या में वृद्धि करना
( वर्ष 2020 तक गैण्डों की संख्या को 3000 करना ) है विश्व में एक सींग वाले गैंडों की वाल गैंडों की कुल आबादी का लगभग 85 % भारत इसमें भी 75 % संख्या असम में हैलगभग 2400 मैं से 2329 गैंडा असम के काजीरंगा नेशनल भारतीय गैंडों में 2329 गैंडा असम के काजीरंगा पार्क में है

BIOSPHERE RESERVES IN INDIA AND LIST OF UNICEF MAB

tiger reserves and tiger projects in india

kastoori mrug pariyojna

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Exit mobile version