Durga Chalisa – दुर्गा चालीसा हिंदी में एक प्रमुख हिन्दू धार्मिक पाठ है, जिसे माता दुर्गा की पूजा एवं भक्ति में पढ़ा जाता है। यह चालीसा माता दुर्गा के समर्पण में गायी जाती है और इसका पाठ करने से माता दुर्गा की कृपा प्राप्त होती है माना जाता है। चालीसा का अर्थ होता है “चालीस” यानी 40, जो इसे एक बड़ी प्रार्थना बनाता है। Jai Ho Mata Durga ki

श्री दुर्गा चालीसा क्या है? (DURGA CHALISA) | Durga Chalisa Lyrics In Hindi

Durga Chalisa Lyrics दसावतार के मध्य आने वाली माता दुर्गा की कथा और महिमा को वर्णित करती है। यह चालीसा माता दुर्गा के गुणों, स्वरूप, शक्तियों, विजय की कथा, आशीर्वाद और रक्षा के बारे में ज्ञान प्रदान करती है। यह पाठ करने वाले भक्तों को शक्ति, सुख, समृद्धि, शांति और सुरक्षा की प्राप्ति में सहायता करती है।

दुर्गा चालीसा के पाठ के माध्यम से भक्त दुर्गा माता की पूजा करते हैं Durga Chalisa Lyrics और उनसे अपनी मनोकामनाएं मांगते हैं। चालीसा के बोल और मन्त्रों का जाप करने से भक्त की मनोकामनाएं पूर्ण होने की कामना की जाती है। यह चालीसा सुख,देने वाली है।

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दुर्गा चालीसा का पाठ के प्रभाव | Shri DURGA CHALISA PATH KE FAYDE IN HINDI

Shri Durga Chalisa – का पाठ करने के कई फायदे हैं। यहां कुछ ऐसे पोटेंशियल फायदे बताए गए हैं जो दुर्गा चालीसा के जाप से प्राप्त हो सकते हैं:

देवी दुर्गा का आशीर्वाद: दुर्गा चालीसा एक प्रभावशाली प्रार्थना है जिसके माध्यम से भक्त देवी दुर्गा का आशीर्वाद आमंत्रित करते हैं। चालीसा को आदर्शवादी और ईमानदारी के साथ पठने से, भक्त देवी के दिव्य ऊर्जा के साथ एक गहरी जुड़ाव बना सकते हैं।

सुरक्षा और बाधाओं का निवारण: देवी दुर्गा को शक्ति, साहस और सुरक्षा का प्रतीक माना जाता है। दुर्गा चालीसा का पाठ करके भक्त अपने जीवन में सभी प्रकार की नकारात्मक शक्तियों, बुरे प्रभावों और बाधाओं से सुरक्षा मांगते हैं। इससे भक्त के चारों ओर दिव्य ऊर्जा की एक कवचित ऊर्जा बनती है।

इच्छाओं की पूर्ति: दुर्गा चालीसा को इच्छा की पूर्ति के लिए पठा जाता है। भक्त मानते हैं कि चालीसा का नियमित जाप करने से उनकी इच्छाएं और आकांक्षाएं पूरी करता है।
आंतरिक शक्ति और साहस: देवी दुर्गा आंतरिक शक्ति और साहस का प्रतीक हैं। माना जाता है कि दुर्गा चालीसा का पाठ करने से भक्त के भीतर इन गुणों का आह्वान होता है, जिससे उन्हें भय, शंकाओं और चुनौतियों पर काबू पाने में मदद मिलती है। यह जीवन के उतार-चढ़ाव का सामना करने के लिए आत्मविश्वास, दृढ़ संकल्प और लचीलापन पैदा करता है।

नकारात्मक ऊर्जा को दूर करता है: दुर्गा चालीसा का पाठ नकारात्मक ऊर्जा को दूर करने और आसपास के वातावरण को शुद्ध करने में प्रभावी माना जाता है। ऐसा माना जाता है कि यह एक सकारात्मक और शुभ वातावरण बनाता है, नकारात्मकता को दूर करता है और सद्भाव और शांति को बढ़ावा देता है। durga chalisa in hindi

बेहतर फोकस और एकाग्रता: maa durga chalisa दुर्गा चालीसा का जाप करने के लिए एकाग्रता और फोकस की आवश्यकता होती है। सस्वर पाठ के नियमित अभ्यास से इन गुणों को विकसित करने और बढ़ाने में मदद मिलती है, जिससे अन्य पहलुओं पर बेहतर ध्यान केंद्रित होता है durga chalisa aarti

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Durga Chalisa Lyrics | श्री दुर्गा चालीसा | Durga Chalisa

दुर्गा चालीसा के लेखक कौन है? | Who Is The Writer Of Durga Chalisa?

Durga chalisa in hindi pdf दुर्गा चालीसा के लेखक का नाम श्री गोस्वामी तुलसीदास (Goswami Tulsidas) है। durga chalisa lyrics in hindi pdf तुलसीदास जी एक महान हिन्दी कवि थे जिन्होंने रामचरितमानस जैसी मशहूर कृति भी रची है। durga chalisa lyrics hindi दुर्गा चालीसा उनकी देवी दुर्गा के समर्पण में रची गई है और यह उनके द्वारा लिखित एक महत्वपूर्ण पाठ है। durga chalisa pdf

Durga Chalisa In Hindi | Shri Durga Chalisa

नमो नमो दुर्गे सुख करनी ।
नमो नमो दुर्गे दुःख हरनी ॥

निरंकार है ज्योति तुम्हारी ।
तिहूँ लोक फैली उजियारी ॥

शशि ललाट मुख महाविशाला ।
नेत्र लाल भृकुटि विकराला ॥

रूप मातु को अधिक सुहावे ।
दरश करत जन अति सुख पावे ॥ ४

तुम संसार शक्ति लै कीना ।
पालन हेतु अन्न धन दीना ॥

अन्नपूर्णा हुई जग पाला ।
तुम ही आदि सुन्दरी बाला ॥

प्रलयकाल सब नाशन हारी ।
तुम गौरी शिवशंकर प्यारी ॥

शिव योगी तुम्हरे गुण गावें ।
ब्रह्मा विष्णु तुम्हें नित ध्यावें ॥ ८

रूप सरस्वती को तुम धारा ।
दे सुबुद्धि ऋषि मुनिन उबारा ॥

धरयो रूप नरसिंह को अम्बा ।
परगट भई फाड़कर खम्बा ॥

रक्षा करि प्रह्लाद बचायो ।
हिरण्याक्ष को स्वर्ग पठायो ॥

लक्ष्मी रूप धरो जग माहीं ।
श्री नारायण अंग समाहीं ॥ १२

क्षीरसिन्धु में करत विलासा ।
दयासिन्धु दीजै मन आसा ॥

हिंगलाज में तुम्हीं भवानी ।
महिमा अमित न जात बखानी ॥

मातंगी अरु धूमावति माता ।
भुवनेश्वरी बगला सुख दाता ॥

श्री भैरव तारा जग तारिणी ।
छिन्न भाल भव दुःख निवारिणी ॥ १६

केहरि वाहन सोह भवानी ।
लांगुर वीर चलत अगवानी ॥

कर में खप्पर खड्ग विराजै ।
जाको देख काल डर भाजै ॥

सोहै अस्त्र और त्रिशूला ।
जाते उठत शत्रु हिय शूला ॥

नगरकोट में तुम्हीं विराजत ।
तिहुँलोक में डंका बाजत ॥ २०

शुम्भ निशुम्भ दानव तुम मारे ।
रक्तबीज शंखन संहारे ॥

महिषासुर नृप अति अभिमानी ।
जेहि अघ भार मही अकुलानी ॥

रूप कराल कालिका धारा ।
सेन सहित तुम तिहि संहारा ॥

परी गाढ़ सन्तन पर जब जब ।
भई सहाय मातु तुम तब तब ॥ २४

अमरपुरी अरु बासव लोका ।
तब महिमा सब रहें अशोका ॥

ज्वाला में है ज्योति तुम्हारी ।
तुम्हें सदा पूजें नरनारी ॥

प्रेम भक्ति से जो यश गावें ।
दुःख दारिद्र निकट नहिं आवें ॥

ध्यावे तुम्हें जो नर मन लाई ।
जन्ममरण ताकौ छुटि जाई ॥ २८

जोगी सुर मुनि कहत पुकारी ।
योग न हो बिन शक्ति तुम्हारी ॥

शंकर आचारज तप कीनो ।
काम अरु क्रोध जीति सब लीनो ॥

निशिदिन ध्यान धरो शंकर को ।
काहु काल नहिं सुमिरो तुमको ॥

शक्ति रूप का मरम न पायो ।
शक्ति गई तब मन पछितायो ॥ ३२

शरणागत हुई कीर्ति बखानी ।
जय जय जय जगदम्ब भवानी ॥

भई प्रसन्न आदि जगदम्बा ।
दई शक्ति नहिं कीन विलम्बा ॥

मोको मातु कष्ट अति घेरो ।
तुम बिन कौन हरै दुःख मेरो ॥

आशा तृष्णा निपट सतावें ।
मोह मदादिक सब बिनशावें ॥ ३६

शत्रु नाश कीजै महारानी ।
सुमिरौं इकचित तुम्हें भवानी ॥

करो कृपा हे मातु दयाला ।
ऋद्धिसिद्धि दै करहु निहाला ॥

जब लगि जिऊँ दया फल पाऊँ ।
तुम्हरो यश मैं सदा सुनाऊँ ॥

श्री दुर्गा चालीसा जो कोई गावै ।
सब सुख भोग परमपद पावै ॥ ४०

देवीदास शरण निज जानी ।
कहु कृपा जगदम्ब भवानी ॥

॥दोहा॥
शरणागत रक्षा करे,
भक्त रहे नि:शंक ।
मैं आया तेरी शरण में,
मातु लिजिये अंक ॥
॥ इति श्री दुर्गा चालीसा ॥

Shri Durga Chalisa | In Hindi

पूजा, नवरात्रि, नवरात्रे, गुप्त नवरात्रि, माता की चौकी, देवी जागरण, जगराता, शुक्रवार तथा दुर्गा अष्टमी के शुभ अवसर पर गाये जाने वाला श्री दुर्गा चालीसा।

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