नासा का मंगल 2020 मिशन | NASA MARS MISSION 2020

स्वागत है दोस्तों आपका हमारी और आपकी अपनी वेबसाइट www.aurjaniy.com पर यहाँ हम आपको देते हैं सबसे अच्छा सिविल सर्विस सामान्य अध्ययन मटेरियल हिंदी में सबसे अच्छी किताबों और स्त्रोतों से और आजके इस ब्लॉग में हम जानेंगे

औरजानिये। Aurjaniye


हाल ही में ‘ नेशनल एरोनॉटिक्स एंड स्पेस एडमिनिस्ट्रेशन ‘ ( NASA ) का ‘ पर्सिवरेंस रोवर ( Perseverance Rover ) मंगल पर उतरा है । 

प्रमुख बिंदु – MAIN POINTS OF NASA MARS MISSION 2020

इस मिशन को मंगल ग्रह के भू – विज्ञान को बेहतर ढंग से समझने तथा जीवन के प्राचीनतम साक्ष्यों का पता लगाने , भविष्य में रोबोट और मानव संबंधी अन्वेषण के लिये प्रौद्योगिकी का उपयोग करने हेतु डिजाइन किया गया है । – 

अवधिः TIME TAKEN BY MARS MISSION

इस मिशन की अवधि कम – से – कम एक मंगल वर्ष ( पृथ्वी के 687 दिन के बराबर ) होगी ।

मिशन के विभिन्न चरण – STAEGES OF MARS MISSION

  1. नमूने एकत्रित करनाः 

कठोर चट्टानों एवं मिट्टी के नमूनों को एकत्र किया जाएगा जिसे मिशन के अगले चरणों के तहत पृथ्वी पर लाया जाएगा । –

  1. नमूने वापस लाना : 

‘ मार्स फेच रोवर ‘ ( यूरोपियन स्पेस एजेंसी द्वारा निर्मित ) मंगल की सतह से एकत्रित इन नमूनों को ‘ मार्स एसेंट व्हीकल ‘ में स्थानांतरित करेगा । 

पर्सिवरेंस रोवर PERSIVERENCE ROVER

पर्सिवरेंस रोवर के बारे में – पर्सिवरेंस मंगल ग्रह पर भेजी गई अत्यधिक उन्नत , अत्यधिक लागत वाली तथा एक जटिल चलायमान प्रयोगशाला है । – यह मिशन पिछले मिशनों से भिन्न है , क्योंकि यह चट्टानों और मिट्टी की खुदाई करने तथा नमूने एकत्रित कर मंगल की सतह पर सुरक्षित रखने में सक्षम है । – 

प्रक्षेपणः 30 जुलाई , 2020 .

लैंडिंग : 18 फरवरी , 2021 

लैंडिग का स्थान LANDING PLACE

जेजेरो क्रेटर ( एक प्राचीन नदी डेल्टा जिसमें चट्टानें और खनिज विद्यमान | हैं । ऐसे डेल्टा का निर्माण केवल पानी की वजह से ही होता है ) । 

ऊर्जा का स्रोत POWER SOURCE OF NASA MARS MISSION 

थर्मोइलेक्ट्रिक जनरेटर ‘ ( Multi – Mission Radioisotope Thermoelectries रोवर में विद्युत आपूर्ति हेतु एक ‘ मल्टी – मिशन रेडियोआईसोटोप Generator – MMRTG ) का प्रयोग किया गया है जो प्लूटोनियम ( प्लूटोनियया का डाइऑक्साइड ) के प्राकृतिक रेडियोधर्मी क्षय के कारण उत्पन्न गर्मी बिजली में परिवर्तित करता है । 

उपकरण DEVICES IN NASA MARS MISSION

यह रोवर मंगल ग्रह पर विज्ञान तथा नई तकनीक के अभूतपूर्व परीक्षण करने के उद्देश्य से भेजा गया है । इसमें कुल सात उपकरण , दो माइक्रोफोन और 23 कैमरे प्रयुक्त किये गए हैं , जिनमें से कुछ इस प्रकार हैं : 

  • मार्स ऑक्सीजन इन – सीटू रिसोर्स यूटिलाइजशन एक्सपेरिमेंट ( MOXIE ) –

इसके द्वारा वायुमंडलीय कार्बन डाइऑक्साइड का प्रयोग कर ऑक्सीजन उत्पादन करने हेतु विद्युत का उपयोग किया जाएगा । – यदि यह उपकरण सफल रहता है तो साँस लेने हेतु ऑक्सीजन और पृथ्वी पर वापस आने हेतु रॉकेट ईंधन जैसी दो और महत्त्वपूर्ण आवश्यकताएँ आसानी से हासिल की जा सकेंगी । 

  • रडार इमेजर फॉर मार्स सबसर्फेस एक्सपेरिमेंट ( RIMFAX ) 

RIMFAX हाई रिज़ॉल्यूशन मैपिंग ( High Resolution Mapping ) करेगा तथा मंगल ग्रह की ऊपरी सतह पर पानी की खोज करेगा । 

  • मार्स हेलीकॉप्टर MARS HALICOPTER 

दरअसल यह परीक्षण हेतु एक छोटा ड्रोन है जो इस बात का पता लगाएगा कि क्या मंगल ग्रह के विरल वातावरण में एक हेलीकॉप्टर उड़ान भरने में सक्षम है । मंगल ग्रह के वायुमंडल का घनत्व एक हेलीकॉप्टर या विमान के उड़ान भरने के लिये आवश्यक घनत्व से बहुत कम है । 

  • मास्टकैम -Z MASTCAM Z

 यह पैनोरमिक ( Panoramic ) और त्रिविमीय चित्रण ( Stereoscopic Imaging ) क्षमता वाली एक उन्नत कैमरा प्रणाली है जो खनिजों का निर्धारण करने में मदद करेगी । 

  • सुपरकैम SUPERCAM

यह चित्र लेने , रासायनिक संरचनाओं के विश्लेषण और दूर से ही खनिजों का पता लगाने में सक्षम है ।

  • प्लेनेटरी इंस्ट्रूमेंट फॉर एक्स – रे लिथोकैमिस्ट्री ( PIXL )

एक ‘ एक्स – रे फ्लोरोसेंस स्पेक्ट्रोमीटर ‘ और ‘ हाई – रिज़ॉल्यूशन इमेजर ‘ पहले से कहीं अधिक विस्तृत रूप से रासायनिक तत्त्वों का पता लगाने और उनका विश्लेषण करने में सक्षम होगा । 

  • स्कैनिंग हैबिटेबल एन्वायरनमेंट्स विद रमन ल्युमिनेसेंस फॉर ऑर्गेनिक्स एंड केमिकल्स ( SHERLOC )

 स्पेक्ट्रोमीटर द्वारा ‘ फाइन – स्केल इमेजिंग ‘ प्राप्त करने तथा खनिज और कार्बनिक यौगिकों की माप करने हेतु एक पराबैंगनी ( UV ) लेज़र का उपयोग किया जाएगा । – SHERLOC मंगल की सतह पर पहला UV रमन स्पेक्ट्रोमीटर होगा जो अन्य उपकरणों के साथ मापन कार्य करेगा । 

xxx

मार्स एन्वायरनमेंट डायनिमिक एनालाइजर ( MEDA ) इस सेंसर द्वारा तापमान , हवा की गति , दिशा , दबाव , सापेक्षिक आर्द्रता और धूल के आकार का मापन किया जाएगा । 

तो दोस्तों अगर आपको यह जानकारी अच्छी लगे तो हमें कमेंट करके जरुर बतायें , और इसे शेयर भी जरुर करें।

औरजानिये। Aurjaniye

For More Information please follow Aurjaniy.com and also follow us on Facebook Aurjaniye | Instagram Aurjaniyeand Youtube  Aurjaniye with rd

 

 

RELATED POSTS:-

सागरमाला परियोजना 

15th Finance commissions recomandations hindi

India Innovation Index 2021

Clean Source of Energy hydrogen IIT Delhi

Corona Vaccine Policy Of India most important Hindi

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Exit mobile version