Ansar Shaikh The Youngest IAS Officer

स्वागत है दोस्तों आपका हमारी और आपकी अपनी वेबसाइट www.aurjaniy.com पर यहाँ हम आपको देते हैं सबसे अच्छा सिविल सर्विस सामान्य अध्ययन मटेरियल हिंदी में सबसे अच्छी किताबों और स्त्रोतों से और आजके इस ब्लॉग में हम जानेंगे

औरजानिये। Aurjaniye

अक्सर लोगों को कहते हुए सुना होगा कि मेहनत करने वालों की कभी हार नहीं होती. महाराष्ट्र के रहने वाले अंसार शेख ने इस कहावत को सच कर दिखाया है, अंसार शेख भारत के सबसे युवा आईएएस ऑफिसर्स में से एक हैं| साथ ही वे अपने परिवार के पहले ऐसे सदस्य हैं, जिन्होंने ग्रेजुएशन में डिग्री ली है।
Ansar Shaikh

साल 2016 में अंसार शेख ने पहले ही प्रयास में ही यूपीएससी सिविल सर्विस परीक्षा में सफलता हासिल कर के काफी सुर्खियों बटोरी थीं. उन्होंने राष्ट्रीय सूची में 361वीं रैंक हासिल किया था. उस समय अंसार शेख की उम्र केवल 21 वर्ष की थी।


अंसार का बचपन बेहद मुश्किल में गुजरा है. अंसार के पिता को नशे की लत है. वह शेलगांव  के एक गांव में रिक्शा चलाने का काम करते हैं. अंसार के पिता ने 3 शादियां की हैं. अंसार की मां उनके पिता की दूसरी पत्नी हैं, जो खेती का काम करती हैं।
अंसार के पिता उनकी मां को अक्सर पीटा करते थे,  घरेलू हिंसा और बाल विवाह जैसे वातावरण में उनका बचपन गुजरा है.  केवल 15 साल की उम्र में उनकी बहन की शादी करा दी गई और घर को चलाने के लिए अंसार से दो साल छोटे उनके भाई को कक्षा 6 से ही स्कूल छोड़कर एक अंकल की गैरेज में काम करना पड़ा।
अंसार ने अपनी एक स्पीच में बताया था कि, ‘ मेरे रिश्तेदार मेरे माता-पिता से कहा करते थे कि वे लोग मुझे क्यों पढ़ा रहे हैं, इसकी कोई जरूरत नहीं है. जब में कक्षा 4 में था उस समय मेरे माता-पिता ने मेरे स्कूल टीचर से कहा था कि वे मुझे स्कूल से निकालना चाहते हैं,  जिसके बाद मेरे स्कूल टीचर ने मेरे माता-पिता को बताया कि आपका बच्चा पढ़ाई में बहुत अच्छा है. इसकी पढ़ाई में खर्च करने पर आपको कभी पछतावा नहीं होगा।
 
आपका बच्चा आपका जीवन संवारेगा. स्कूल टीचर की कही वो बातें मेरे माता-पिता के लिए बहुत अहम थी।
स्कूल टीचर की बात सुनने के बाद अंसार के माता-पिता ने उन्हें पढ़ाने का निर्णय लिया. अपनी मेहनत से अंसार ने कक्षा 12वीं  में 91 फीसदी नंबर हासिल कर अपने माता-पिता का नाम रोशन किया.
Family
कक्षा 12वीं तक मराठी मीडियम में पढ़ने के बाद उन्होंने पुणे के जाने-माने कॉलेज फेर्गुसन से पॉलिटिकल साइंस में बैचलर डिग्री हासिल की. हालांकि पुणें के इस महंगे कॉलेज में पढ़ना अंसार के लिए आसान नहीं था. अंसार के खर्च के लिए उनके पिता थोड़े बहुत पैसे जमा कर के उनको भेजा करते थे. जबकि अंसार के कॉलेज की हर महीने की लगभग 6,000 रुपय की फीस उनके भाई  देते थे.
21 की उम्र में बने IAS, पिता चलाते हैं ऑटो रिक्शा
साल 2016 में अंसार शेख ने पहले ही प्रयास में ही यूपीएससी सिविल सर्विस परीक्षा में सफलता हासिल कर के काफी सुर्खियों बटोरी थीं. उन्होंने राष्ट्रीय सूची में 361वीं रैंक हासिल किया था. उस समय अंसार शेख की उम्र केवल 21 वर्ष की थी.
बता दें, जब साल 2012 में अंसार पहली बार कॉलेज में पहुंचे तो उनके पास केवल एक जोड़ी चप्पल और 2 जोड़ी कपड़े थे. उनकी अंग्रेजी भी काफी कमजोर थी. लेकिन उन्होंने कभी हार नहीं मानी और अपने लक्ष्य की ओर बढ़ते चले गए.कॉलेज के पहले साल में उनकी टीचर ने उन्हें यूपीएससी परीक्षा देने को कहा. उस समय उनके लिए सबसे बड़ी चुनौती थी कि किस तरह यूपीएससी कोचिंग की फीस का इंतेजाम करें.
अंसार शेख ने बताया कि उन्होंने अपनी आर्थिक स्थिति की जानकारी अपने टीचर को दी, जिसके बाद उनके टीचर ने उन्हें कोचिंग की फीस में 50 फीसदी का कंसेशन दिया. उन्होंने बताया कि जब वह पहली बार कोचिंग में गए तब वहां 20 से 30 साल के लोग मौजूद थे और सभी 2 से 3 बार परीक्षा में कोशिश कर चुके थे. उन्हें उन लोगों से बात-चीत करने में काफी मुश्किल होती थी.
ANSAR SHAIKH
उन्होंने बताया कि प्रीलिम्स परीक्षा पास करने के बाद, जब वह अपने मेन परीक्षा की तैयारी कर रहे थे, तब उनकी बहन के पति की अल्कोहल के ज्यादा सेवन के कारण मृत्यु हो गई. जिसके बाद बहन के परिवार की जिम्मेदारी उनके कंधों पर आ गई. लेकिन उनकी बहन ने उन्हें पुणे जाकर परीक्षा की तैयारी करने के लिए प्रोत्साहित किया और उन्होंने यूपीएससी परीक्षा में सफल होकर सभी का नाम गर्व से रोशन कर दिया।
 

तो दोस्तों अगर आपको यह जानकारी अच्छी लगे तो हमें कमेंट करके जरुर बतायें , और इसे शेयर भी जरुर करें।


औरजानिये। Aurjaniye

For More Information please follow Aurjaniy.com and also follow us on Facebook Aurjaniye | Instagram Aurjaniyeand Youtube  Aurjaniye with rd

RELATED POSTS:-


Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Exit mobile version