| सौरमंडल ( Solar System In Hindi) |

Solar System In Hindi PDF Download सूर्य एवं उसके चारों ओर भ्रमण करने वाले 8 ग्रह , 172 उपग्रह , धीरे – धीरे धूमकेतु , उल्काएँ एवं क्षुद्रग्रह संयुक्त रूप से सौरमंडल कहलाते है । हाल ही में , दिसंबर , 2017 में नासा ने अपनी केपलर अंतरिक्ष दूरबीन और गूगल के अर्टिफिशियल इंटेलिजेंस { ARTIFICAL INTELLIGENCE – AI ) एवं मशीन लर्निंग ( MACHINE LEARNING होताको सहायता से नए सौरमंडल की खोज की । नए सौरमंडल में 8 ग्रह है और ये केपलर – 90 नामक तारा की परिक्रमा करते हैं इसलिए इसे केपलर – 90 तारामंडल ( KEPLER 90 STAR SYSTEM ) कहा जाता है ।

SOLAR SYSTEM IN HINDI PDF

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सूर्य ( sun)

सूर्य जो कि सौरमंडल का जन्मदाता है, एक तारा है , जो ऊर्जा और प्रकाश प्रदान करता है । सूर्य की ऊर्जा का स्रोत , उसके केन्द्र में हाइड्रोजन परमाणुओं का नाभिकीय संलयन द्वारा हीलियम परमाणुओं में बदलना है ।

सूर्य की संरचना ( Structure of Sun )

सूर्य का जो भाग हमें आँखों से दिखाई देता है , उसे प्रकाशमंडल ( Photosphere ) कहते हैं । सूर्य का बाह्यतम भाग जो केवल सूर्यग्रहण के समय दिखाई देता है , कोरोना ( Corona ) कहलाता है । कभी – कभी प्रकाशमंडल से परमाणुओं का तूफान इतनी वेग से निकलता है कि सूर्य की आकर्षण शक्ति को पार कर अंतरिक्ष में चला जाता है । इसे सौर ज्वाला ( Solar Flares ) कहते हैं । जब यह पृथ्वी के वायुमंडल में प्रवेश करता है तो हवा के कणों से टकराकर रंगीन प्रकाश ( Aurara tight ) , उत्पन्न करता है , जिसे उत्तरी व दक्षिणी ध्रुव पर देखा जा सकता है । उत्तरी ध्रुव पर इसे औरोरा बोरियालिस एवं दक्षिणी ध्रुव पर औरोरा ऑस्ट्रालिस कहते है । सौर ज्याला जहाँ से निकलती है , वहाँ काले धब्बे से दिखाई पड़ते हैं । इन्हें ही सौर – कलंक ( Sun Spots ) कहते हैं । ये सूर्य के अपेक्षाकृत ठंडे भाग हैं , जिनका तापमान 1500°C होता है । सौर कलंक प्रबल चुम्बकीय विकिरण उत्सर्जित करता है , जो पृथ्वी के बेतार संचार व्यवस्था को बाधित करता है । इनके बनने – बिगड़ने तथा की प्रक्रिया औसतन 11 वर्षों में पूरी होती है , जिसे सौर – कलंक चक्र ( Sunspot – cycle ) कहते हैं । सूर्य के कोरोना का अध्ययन एवं पृथ्वी पर इलेक्ट्रॉनिक संचार में व्यवधान पैदा करने वाली सौर – लपटों की जानकारी प्राप्त करने के लिए इसरो ने आदित्य – L1 उपग्रह के प्रक्षेपण की योजना बना रहा है । इसका प्रक्षेपण वर्ष 2019 – 20 में किया जाएगा । आदित्य – L1 उपग्रह सोलर कॅरोनोग्राफ यंत्र की मदद से सूर्य के सबसे बाह्य भाग का अध्ययन करेगा । सूर्य के अत्यंत समीप से उसके अध्ययन हेतु पार्कर सौर प्रोब नासा द्वारा एक प्रस्तावित मिशन है , जो लिविंग विद ए स्टार कार्यक्रम का एक हिस्सा है । यह मिशन जुलाई – अगस्त , 2018 के मध्य केनेडी स्पेस सेंटर से डेल्टा – v प्रक्षेपणयान द्वारा अंतरिक्ष में भेजा जाएगा । solar system in hindi

ग्रह ( Planet )

ग्रह ( Planet ) कलंक तारों की परिक्रमा करने वाले प्रकाश रहित आकाशीय पिण्ड को ग्रह ( Planet ) कहा जाता है । ये सूर्य से ही निकले हुए पिंड हैं तथा सर्य की परिक्रमा करते हैं । इनका अपना प्रकाश नहीं होता, सभी ग्रह सूर्य की परिक्रमा पश्चिम से पूर्व दिशा में करते हैं , परन्तु शुक्र व अरुण इसके अपवाद हैं तथा ये सूर्य के चारों ओर पूर्व से पश्चिम दिशा में परिभ्रमण करते हैं । solar system in hindi आंतरिक ग्रहों ( Inner Planets ) के अंतर्गत बुध , शुक्र , पृथ्वी व मंगल आते हैं । सूर्य से निकटता के कारण ये भारी पदार्थों से निर्मित हुए हैं जबकि , बाह्य ग्रहों ( Outer Planets ) में बृहस्पति , शनि , अरुण व वरुण आते हैं , जो हल्के पदार्थों से बने हैं । आकार में बड़े होने के कारण इन ग्रहों को ग्रेट प्लेनेट्स ( Great Planets ) भी कहा जाता है । सौरमंडल का सबसे बड़ा ग्रह बृहस्पति ( Jupiter ) और सबसे छोटा ग्रह बुध ( Mercury ) है । सौरमंडल के ग्रहों का सूर्य से दूरी के बढ़ते । क्रमों में विवरण निम्नानुसार है solar system in hindi

1 . बुध ( Mercury )

बुध सूर्य का सबसे निकटतम तथा सौरमंडल का सबसे छोटा ग्रह है । यह 88 दिनों में सूर्य की परिक्रमा पूर्ण कर लेता है । वायुमंडल के अभाव के कारण बुध पर जीवन सम्भव नहीं है , क्योंकि यहाँ दिन अति गर्म व रातें बर्फीली होती हैं । इसका तापान्तर सभी ग्रहों में सबसे अधिक ( 560°C ) है । बुध का एक दिन पृथ्वी के 90 दिन के बराबर होता है । परिमाण ( mass ) में यह पृथ्वी का 1 / 18वाँ भाग है । बुध के सबसे पास से गुजरने वाला कृत्रिम उपग्रह मैरिनर – 10 था, जिसके द्वारा लिए गए चित्रों से पता चलता है कि इसकी सतह पर कई पर्वत , क्रेटर और मैदान हैं । इसका कोई भी उपग्रह नहीं है । solar system in hindi

2 . शुक्र ( Venus )

यह सूर्य से निकटवर्ती दूसरा ग्रह है तथा सूर्य की परिक्रमा 225 दिनों में पूरी करता है । यह सामान्य दिशा के विपरीत सूर्य की पूर्व से पश्चिम दिशा में परिक्रमण करता है । यह पृथ्वी के सर्वाधिक निकट है , जो सूर्य व चन्द्रमा के बाद । सबसे चमकीला दिखाई पड़ता है । इसे सांझ का तारा या भोर का तारा भी कहते हैं , क्योंकि यह शाम को पश्चिम दिशा में तथा सुबह पूर्व दिशा में दिखाई देता है । आकार व द्रव्यमान में पृथ्वी से थोड़ा ही कम होने के कारण इसे पृथ्वी की जुड़वा बहन कहा जाता है । solar system in hindi शुक्र के वायुमंडल में कार्बन डाईऑक्साइड ( CO2/ 90 – 95 %) तक है । इस कारण यहाँ प्रेशर कुकर की दशा ( Pressure Cooker Condition ) उत्पन्न हाता है, इसका भी कोई उपग्रह नहीं है । Solar System In Hindi PDF Download

 

3 . पृथ्वी ( Earth )

यह सभी ग्रहों में आकार की दृष्टि से पांचवा स्थान रखता है। यह अपने अक्ष पर पश्चिम से पूर्व की ओर प्रमण करती है । यह अपने अक्ष पर 230 झुकी हुई है । इसका एक परिक्रमण लगभग 365 दिन में पूरा होता है । इसकी सूर्य से औसत दूरी लगभग 15 करोड़ किमी है । चारों ओर मध्यम तापमान , ऑक्सीजन और प्रचुर मात्रा में जल की उपस्थिति के कारण यह सौरमंडल का अकेला ऐसा ग्रह है . जहाँ जीवन है । अतरिक्ष से यह जल की अधिकता के कारण नीला दिखाई देता है। Solar System In Hindi PDF Download

4 . मंगल ( Mars )

solar system in hindi यह सूर्य से दूरी के क्रम में पृथ्वी के बाद चौथा ग्रह है । यह परिक्रमा 687 दिनों में पूरी करता है । मंगल की सतह लाल होने के कारण इसे लाल ग्रह भी कहते हैं । इस ग्रह पर वायुमंडल अत्यंत विरल है । इसकी घूर्णन गति पृथ्वी की घूर्णन गति के समान , फोबोस और डीमोस मंगल के दो उपग्रह हैं । डीमोस सौरमंडल का सबसे छोटा उपग्रह है । solar system in hindi सबसे ऊंचा पर्वत निक्स ओलंपिया है . जो एवरेस्ट से तीन गना ऊँचा है ।  पृथ्वी के अलावा यह एकमात्र ऐसा ग्रह है जिस पर जीवन की संभावना व्यक्त की जा रही है । सर्वप्रथम मार्स ओडिसी नामक कृत्रिम  उपग्रह से यहाँ बर्फ छत्रकों और हिमशीतित जल की सूचना मिली थी । मंगल पर जीवन की संभावना तथा उसके वातावरण के अध्ययन के लिए अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी ( NASA ) ने नवम्बर , 2011 में मार्स साइंस लैबोरेटरी ( MSL ) या मार्स क्यूरियोसिटी रोवर को प्रक्षेपित किया । 6 अगस्त , 2012 को नासा का यह अंतरिक्षयान मंगल ग्रह पर गेल क्रेटर नामक स्थान में पहुँचा । 18 दिसम्बर , 2015 को क्यूरियोसिटी रोवर ने मंगल ग्रह पर सिलिका का भंडार खोजा है । वर्ष 2006 से सक्रिय अंतरिक्ष यान मार्स रिकॉनसियस आर्बिटर ( MRO ) से ली गई तस्वीरों के अध्ययनों के आधार पर नासा ने 28 सितम्बर , 2015 को मंगल ग्रह पर जल – प्रवाह की भी घोषणा की । नासा द्वारा इस बात की पुष्टि की गई है कि मंगल पर खारे पानी की बहती धाराएं उपस्थित है । मंगल ग्रह पर ऊंचा वायुमण्डल के अध्ययन के लिए नासा ने एक अन्य मिशन मावेन ( Mars Atmosphere and volatile tvolution Mission , MAVEN ) 18 नवम्बर , 2017 को प्रक्षेपित किया था , जो 22 सितम्बर , 2014 को मंगल की कक्षा में पहुँच गया । मंगल ग्रह के वैज्ञानिक अन्वेषण के लिए भारत का प्रथम अभियान मार्स आर्बिटर मिशन ( MOM ) या मंगलयान है । भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन ( ISRO ) द्वारा मंगलयान का सफल प्रक्षेपण 5 नवम्बर , 2013 को किया गया । यह प्रक्षेपण सतीश धवन अंतरिक्ष केन्द्र , श्री हरिकोटा से ध्रुवीय उपग्रह प्रक्षेपण यान ( Pslv – C – 25 ) के माध्यम से किया गया , जो मंगल ग्रह को कक्षा में 24 सितम्बर , 2014 को पहुँचा । इस सफलता से भारत मार्शियन इलीट क्लव ( अमेरिका , रूस और यूरोपीय संघ ) में शामिल हो गया है । टाइम पत्रिका ने भी मंगलयान को वर्ष 2014 के 25 सर्वश्रेष्ठ आविष्कारों में जगह देते हुए इसे द सुपरस्मार्ट स्पेसक्राफ्ट की संज्ञा दी ।

5 . बृहस्पति ( Jupiter ) 

यह सौरमंडल का सबसे बड़ा ग्रह है , जो सूर्य की परिक्रमा 11 . 9 वर्ष में करता है । सौरमंडल में इसके 67 उपग्रह हैं , जिनमें गैनिमीड सबसे बड़ा है । यह सौरमंडल का सबसे बड़ा उपग्रह है । आयो , यूरोपा , कैलिस्टो , अलमथिया आदि इसके अन्य उपग्रह है ।
पिछले साल शेपर्ड ने बृहस्पति के चारों ओर 12 चांदों की तलाश की थी.बृहस्पति को लघु सौर – तंत्र ( Miniature Solar System ) भी कहते हैं । इसके वायुमंडल में हाइड्रोजन , होलियम , मोथेन और अमोनिया जैसी गैसें पाई जाती हैं । यहाँ का वायुमंडलीय दाब पृथ्वी के वायुमंडलीय दाब की तुलना में 1 करोड़ गुना अधिक है । यह तारा और ग्रह दोनों के गुणों से युक्त होता है , क्योंकि इसके पास स्वयं को रेडियो ऊर्जा है ।

 

6 . शनि ( Saturn )

solar system in hindi यह आकार में दूसरा बडा ग्रह है । यह सूर्य की परिक्रमा 29 . 5 वर्ष में पूरी करता है । इसकी सबसे बड़ी विशेषता या रहस्य इसके मध्यरेखा के चारों ओर पूर्ण विकसित वलयों का होना है जिनकी संख्या 7 है । यह वलय अत्यंत छोटे – छोटे कणों से मिलकर बने होते हैं , जो सामूहिक रूप से गुरूत्वाकर्षण के कारण इसकी परिक्रमा करते हैं । शनि को गैसों का गोला ( Globe of Gases ) एवं गैलेक्सी समान ग्रह ( Galaxy Like Planet ) भी कहा जाता है । आकाश में यह ग्रह पीले तारे के समान दृष्टिगत होता है । solar system in hindi इसके वायुमंडल में भी बृहस्पति की तरह हाइड्रोजन , होलियम , मीथेन और अमोनिया गैसें मिलती हैं । अब तक इसके 62 उपग्रहों का पता लगाया जा चुका है । टाइटन शनि का सबसे बड़ा उपग्रह है , जो आकार में बुध ग्रह के लगभग बराबर है ।शनि के इर्द गिर्द 20 और नए चांदों की खोज हुई है और इसके साथ ही उसने बृहस्पति को पीछे छोड़ दिया है.वैज्ञानिकों ने सोमवार को बताया कि शनि ग्रह के इर्द गिर्द चक्कर लगाने वाले चांदों की संख्या अब 82 हो गई है. मंगल ग्रह की भाँति यह नारंगी रंग का है । टाइटन पर वायुमंडल और गुरुत्वाकर्षण दोनों का प्रभाव बराबर हैं । इसके अन्य प्रमुख उपग्रह मीमांसा , एनसीलाडु , टेथिस , डीआन , रीया , हाइपेरियन , इपापेटस और फोये हैं। शनि अंतिम ग्रह है जिसे आँखों से देखा जा सकता है ।

7.अरुण ( Uranus )

 इसकी खोज 1781 ई . में सर विलियम हरशेल द्वारा की गई। यह सौरमंडल का सातवाँ तथा आकार में तृतीय ग्रह है । अधिक अक्षीय झुकाव के कारण इसे लेटा हुआ ग्रह भी कहते हैं । यह सूर्य की परिक्रमा 84 वर्षों में पूरी करता है । यह भी शुक्र ग्रह की भांति ही ग्रहों की सामान्य दिशा के विपरीत पूर्व से पश्चिम  दिशा में सूर्य के चारों ओर परिभ्रमण करता है । इस ग्रह पर वायुमंडल बृहस्पति और शनि की ही भांति काफी सघन है . होना से जिसमें हाइड्रोजन , हीलियम , मीथेन एवं अमोनिया है । दूरदर्शी से देखने पर यह हरा दिखाई देता है । सूर्य से दूर होने के कारण यह काफी ठंडा है । शनि की भाँति अरुण के भी चारों ओर वलय गोला है , जिनकी संख्या 5 हैं । ये हैं – अल्फा ( a ) , बीटा ( B ) , गामा Like ( Y ) , डेल्टा ( A ) और इप्सिलॉन । इसके 27 उपग्रह है। अरूण पर सूर्योदय पश्चिम दिशा में एवं सूर्यास्त पूर्व दिशा में होता है । ध्रुवीय प्रदेश में इसे सूर्य से सबसे अधिक ताप और प्रकाश मिलती मिलता है ।

8 . वरुण ( Neptune )

का इसकी खोज जर्मन खगोलशास्त्री जोहान गाले ने की यह 165 वर्ष में सूर्य की परिक्रमा पूरी करता है । यहाँ का वायुमंडल अति घना बना है । इसमें हाइड्रोजन , होलियम , मीथेन और अमोनिया , । विद्यमान रहती हैं । solar system in hindi यह ग्रह हल्का पीला दिखाई देता है । इसके 13 उपग्रह हैं । इनमें ट्रिटोन व मेरोड प्रमुख है।

                                                             उपग्रह ( Satellite )

ये वे आकाशीय पिंड हैं , जो अपने – अपने ग्रहों की परिक्रमा करते हैं तथा अपने ग्रह के साथ – साथ सूर्य की भी परिक्रमा करते हैं । ग्रहों की भाँति इनकी भी अपनी चमक नहीं होती , अतः ये भी सूर्य के प्रकाश से ही प्रकाशित होते हैं । ग्रहों के समान उपग्रहों का भ्रमण पथ भी परवलयाकार ( Parabolic ) होता है । बुध और शक्र का कोई उपग्रह नहीं है । सबसे अधिक उपग्रह बृहस्पति के हैं । पृथ्वी का एकमात्र उपग्रह चन्द्रमा है । solar system in hindi

सुपर मून ( Super Moon )

चन्द्रमा एवं पृथ्वी के बीच की दूरी औसतन 3,84,000 किमी . है , चूँकि चन्द्रमा परवलयाकार कक्ष में पृथ्वी की परिक्रमा करता है , इसी कारण पृथ्वी एवं चन्द्रमा के बीच की दूरी बदलती रहती है । सुपर मून वह स्थिति है जब चन्द्रमा पृथ्वी के सबसे निकट होता है । इसे पेरिजी फुल मून ( Perigee Full Moon ) भी कहा जाता है । इसमें चन्द्रमा 14 % ज्यादा बड़ा एवं 30 % अधिक चमकीला दिखाई पड़ता है । 27 सितम्बर , 2015 को विश्व के अनेक भागों में सुपर मून चन्द्रग्रहण की परिघटना देखी गई , solar system in hindi जिसमें सुपर मून व चन्द्रग्रहण दोनों घटनाएँ एक साथ घटित हुई । ऐसा सन् 1982 के बाद पहली बार हुआ । अब ऐसा । संयोग पुनः 25 नवम्बर , 2034 को बनेगा।

ब्लू मून ( Blue Moon )

एक कैलेन्डर माह में जब दो पूर्णिमाएँ हों तो दूसरी पूर्णिमा का चाँद ब्लू मून कहलाता है । इसका नीले रंग से कोई सम्बंध नही है । वस्तुतः इसका मुख्य कारण दो पूर्णिमाओं के बीच के अंतराल का 31 दिनों से कम होना है । ऐसा हर दो – तीन वर्ष पर होता है । जुलाई , 2015 में ब्लू मून की स्थिति देखी गई । जनवरी ( 2 व 31 जनवरी ) 2018 में ब्लू मून की स्थिति देखी गई । solar system in hindi जब किसी वर्ष विशेष में दो या अधिक माह ब्लू मून के होते हैं , तो उसे ब्लू मून ईयर कहा जाता है ।

ब्लड मून ( Blood Moon )

लगातार चार पूर्ण चन्द्रग्रहणों ( Lunar Tetrad ) को ब्लड मून ( Blood Moon ) की संज्ञा दी गई है । चार पूर्ण चन्द्रग्रहण को टेट्राड भी कहा जाता है । जब पृथ्वी , चन्द्रमा पर पूर्ण काया डालती है तब सूर्य का प्रकाश चन्द्रमा तक न पहुँच पाने के कारण पूर्ण चन्द्रग्रहण की स्थिति उत्पन्न होती है । इसमें चन्द्रमा का रंग लाल हो जाता है । इसे ही ब्लड मून ( Blood Moon ) कहा जाता है ।solar system in hindi पूर्ण चन्द्रग्रहण दुर्लभ परिघटना है । सामान्यतया तीन चन्द्रग्रहणों में से एक पूर्ण चन्द्रग्रहण की घटना होती है । किसी स्थान पर एक दशक में चार से पाँच ग्रहण की खगोलीय परिघटना घटित होती है । पूर्ण चन्द्रग्रहण श्रृंखला का पहला चन्द्रग्रहण 14 – 15 अप्रैल , 2014 को , दूसरा 7 – 8 अक्टूबर , 2014 एवं तीसरा 4 अप्रैल , 2015 को हुआ । 4 अप्रैल , 2015 को सदी का सबसे छोटा पूर्ण चन्द्रग्रहण लगा था । solar system in hindi

सुपर ब्लू ब्लड मून 

31 जनवरी , 2018 को एशिया में सुपरमून , ब्लू मून और ब्लड मून की खगोलीय घटना एक साथ देखी गयी । इसलिए इसे सुपर ब्लू ब्लड मून भी कहा जा रहा है । solar system in hindi

चन्द्रमा से जुड़े अंतरिक्ष अभियान-

चन्द्रयान – 1

 भारत ने 22 अक्टूबर , 2008 को आंध्र प्रदेश के श्री हरिकोटा स्थित सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से ध्रुवीय उपग्रह प्रक्षेपण यान ( PSLV – C11x ) से अपने पहले चन्द्र अभियान चन्द्रयान – 1 को रवाना किया । बंगलुरू में स्थित स्पेस क्राफ्ट कंट्रोल सेंटर ( Scc ) द्वारा पाँच बार ऊपरी कक्षाओं में स्थानान्तरित किए जाने के बाद 8 नवम्बर , solar system in hindi 2008 को चन्द्रयान – 1 अपने 5वें और अंतिम चरण के बाद चन्द्रमा की कक्षा में प्रवेश कर गया । इस प्रकार अमेरिका , यूरोप , रूस , जापान व चीन के बाद भारत चन्द्रमा की कक्षा में पहुँचने वाला छठा देश बन गया । solar system in hindi

चन्द्रयान – 2

solar system in hindi भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संस्थान ( इसरो ) ने 16 अगस्त , 2009 को चन्द्रयान – 2 का भी डिजाइन तैयार कर लिया था । यह भारत का चन्द्रमा के लिए दूसरा अंतरिक्ष मिशन है।(और जानने के लिये क्लिक करें लिंक पर) Solar System In Hindi PDF Download

चन्द्रयान – 2 ke bare main aur jane

कृत्रिम उपग्रह ( Artificial Satellite )

विभिन्न देशों ने अनेक कृत्रिम उपग्रह भी स्थापित किए हैं , जो पृथ्वी की परिभ्रमण दिशा से साम्यता स्थापित करने के लिए पूर्व की ओर प्रक्षेपित किए जाते हैं । solar system in hindi सामान्यतः दूर – संवेदी उपग्रह ध्रुवीय सूर्य समतुल्य कक्षा ( Polar Sun – synchronous Orbit ) में 600 – 1100 किमी . की दूरी पर स्थापित किए जाते हैं । इन उपग्रहों का परिभ्रमण काल 24 घंटे का होता है । ये भूमध्यरेखा को एक निश्चित स्थानीय समय पर ही पार करते है , जो सामान्यतः प्रात : 9 से 10 बजे होता है । solar system in hindi सुदूर संवेदी उपग्रहों के द्वारा पृथ्वी के एक परिभ्रमण में सुदूर – संवेदन किया जाने वाला क्षेत्र , स्वाथ कहलाता है । विभिन्न उपग्रहों में यह प्रायः 10 से 100 किमी . चौड़ी धरातलीय पट्टी होती है । solar system in hindi कि पृथ्वी पश्चिम से पूर्व की ओर घूर्णन करती है , अत : ये उपग्रह पृथ्वी की परिक्रमा के क्रम में क्रमश : पश्चिम के भाग को बिना ढके आगे बढ़ जाते है । इसी कारण पूरी पृथ्वी को कवर करने हेतु कई सुदूर – संवेदी उपग्रहों की आवश्यकता पड़ती है । दूर – संचार उपग्रह भू – स्थैतिक कक्षा ( Geo – Stationary Orbit ) में 36 , 000 किमी . की ऊंचाई पर स्थापित किए जाते हैं । पृथ्वी के घूर्णन काल से मेल खाने के कारण ये स्थिर से प्रतीत होते हैं । इसी कारण इन्हें भू – स्थैतिक उपग्रह भी कहा जाता है । समस्त पृथ्वी को एक साथ कवर करने के लिए न्यूनतम तीन भू – स्थैतिक उपग्रहों की आवश्यकता पड़ती है । solar system in hindi

एस्ट्रोसैट

solar system in hindi एस्ट्रोसैट भारत की प्रथम समर्पित बहु – तरंगदैर्ध्य अंतरिक्ष वेधशाला ( Multi wavelength Space Observatory ) है । खगोलीय शोध को समर्पित यह वेधशाला पृथ्वी की निचली निकट भूमध्यरेखीय कक्षा ( Low Earth Near Equatorial orbit ) में लगभग 650 किमी , की ऊंचाई पर स्थापित की गई है । एस्ट्रोसैट के सफल प्रक्षेपण के साथ भारत अब अमेरिका , रूस , जापान और यूरोपीय संघ के ऐसे विशिष्ट क्लब में शामिल हो गया है , जिन्होंने अपनी अंतरिक्ष वेधशाला स्थापित की है। Solar System In Hindi PDF Download

वीनस उपग्रह

वीनस उपग्रह बीनस ( Vegetation and Environment Monitoring on a New Micrasatellite ) एक माइक्रो उपग्रह हैं , जिसका वजन मात्र 265 किग्रा . है । इस उपग्रह को इजरायली अंतरिक्ष एजेंसी ( ISA ) तथा फ्रांसीसी अंतरिक्ष एजेंसी ( CNES ) द्वारा सयुक्त रूप से विकसित किया गया है । यह अंतरिक्ष से पृथ्वी की वनस्पतियों की निगरानी करेगा । Solar System In Hindi PDF Download

उल्काश्म व उल्कापिंड

ये अंतरिक्ष में तीव्र गति से घूमते हुए अत्यन्त सूक्ष्म ब्रह्मांडीय पिण्ड है । धूल व गैस से निर्मित ये पिंड जब वायुमंडल में प्रवेश करते हैं तो पृथ्वी के गुरुत्वाकर्षण के कारण तेजी से पृथ्वी की ओर आते हैं तथा वायुमंडलीय घर्षण से चमकने लगते हैं । solar system in hindi इन्हें टूटता हुआ तारा ( Shooting star ) भी कहा जाता है । प्रायः ये पृथ्वी पर पहुंचने से पूर्व ही जलकर राख हो जाते हैं , जिन्हें उल्काश्म ( Meteors ) कहते हैं । परंतु , कुछ पिंड वायुमंडल के घर्षण से पूर्णतः जल नहीं पाते और चट्टानों के रूप में पृथ्वी पर आ गिरते हैं , जिन्हें उल्कापिंड कहा जाता है । Solar System In Hindi PDF Download

पुच्छल तारे या धूमकेतु

ये आकाशीय धूल , बर्फ और हिमानी गैसों के पिंड हैं , जो सूर्य से दूर ठंडे व अंधेरे क्षेत्र में रहते हैं । सूर्य के चारों ओर ये लंबी किन्तु अनियमित या असंकेन्द्रित ( Eccentric ) कक्षा में घूमते हैं । solar system in hindi अपनी कक्षा में घूमते हुए कई वर्षों के पश्चात् जब ये सूर्य के समीप से गुजरते हैं तो गर्म होकर इनसे गैसों की फुहारें  निकलती हैं , जो एक लची चमकीली पूंछ के समान प्रतीत होती हैं । कभी – कभी ये लाखों किमी . लंबी होती है । सामान्य अवस्था में पुच्छल तारा ( Comats ) बिना पूंछ का होता है । पुच्छल तारे के शीर्ष को कोमा कहते हैं । लम्बी अवधि का धूमकेतु 70 से 90 वर्षों के अंतराल पर दिखाई पड़ता है । हेली पुच्छलतारा भी इन्हीं में से है । यह 76 वर्षों के अंतराल के बाद दिखाई पड़ता है । आतिम बार यह 1986 ई . में देखा गया था । खगोलशास्त्रियों के अनुसार , सौरमंडल में लगभग । लाख धूमकेत विचरण कर रहे हैं । Solar System In Hindi PDF Download

क्षुद्र ग्रह या अवान्तर ग्रह

क्षुद्रग्रह , मंगल और बृहस्पति ग्रह के मध्य क्षेत्र में सूर्य को परिक्रमा करने वाले छोटे से लेकर सैकड़ों किमी . आकार के पिंड हैं । इनकी अनुमानित संख्या 40 , 000 है । इनकी उत्पत्ति ग्रहों के विस्फोट के फलस्वरूप टूटे हुए खंडों से हुई है . यद्यपि इस सम्बंध में कुछ अन्य मत भी दिए गए हैं । जापान के हायाबूसा अंतरिक्ष यान ने हाल ही में इटोकावा नामक क्षुद्रग्रह की मिट्टी के नमूने को पृथ्वी तक भेजने में सफलता हासिल की है । पृथ्वी से क्षुद्र ग्रहों की संभावित टक्कर को रोकने के लिए नासा ने अक्टूबर , 2015 में एस्टेराएड रिडायरेक्शन मिशन की शुरूआत की । इस मिशन के अंतर्गत रोबोट से युक्त एक ऐसे अंतरिक्ष यान का निर्माण किया जाएगा , जो पृथ्वी की ओर आने वाले क्षुद्रग्रहों की दिशा को परिवर्तित करने में सक्षम होगा । नासा ने 12 अप्रैल , 2015 को अंतरिक्ष में स्थित एक क्षुद्रग्रह – 316201 का नाम पाकिस्तान कि समाजिक कार्यकर्ता मलाला यूसुफजई के नाम पर रखा है ।

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तो दोस्तों ऐसी ही अच्छी जानकारी के लिये जुड़े रहें हमारे साथ

5 thoughts on “Solar System In Hindi PDF Download”
  1. इन्हें ही सौर – कलंक ( Sun Spots ) कहते हैं । ये सूर्य के अपेक्षाकृत ठंडे भाग हैं , जिनका तापमान 1500°C होता है ।,,,, ये आपने लिखा है लेकिन
    , सनस्पॉट का तापमान 1500 डिग्री C नहीं होता है बल्कि सूर्य के तापमान से 1500 डिग्री C कम होता है

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