fssai kya hai, fssai licence kaise banwaye

FSSAI (Food Safety and Standards Authority of India (FSSAI)-भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण

FSSAI क्या है? | FSSAI KYA HAI

FSSAI Full Form In Hindi खाद्य सुरक्षा और मानक अधिनियम, 2006 के तहत एफ़एसएसएआई निशित रूप से खाने की पीने की वस्तुओ में मिलावट पर नियंत्रण करने का कार्य करता है और खाद्य सुरक्षा सुनिक्षित करता है FSSAI का पूरा नाम Food Safety and Standards Authority of India है जिसे हिन्दी में भारतीय खाद्य एवं मानक प्राधिकरण कहा जाता है।

(FSSAI), 2006 की मुख्य विशेषताएं | Features of FSSAI FSSAI क्या है?

खाद्य सुरक्षा और मानक अधिनियम विभिन्न केंद्रीय अधिनियम जैसे खाद्य अपमिश्रण निवारण अधिनियम, 1954, फल उत्पाद आदेश, 1955, मांस खाद्य उत्पाद आदेश, 1973, वनस्पति तेल उत्पाद (नियंत्रण) आदेश, 1947, खाद्य तेल पैकेजिंग (विनियमन) आदेश 1988, विलायक निकाला हुआ तेल, तेल रहित भोजन और खाद्य आटा (नियंत्रण) आदेश, 1967, दूध और दूध उत्पाद आदेश, 1992 आदि लागू होने के बाद निरस्त किया जाएगा। और जानें- zero budget natural farming

एफएसएस अधिनियम, 2006 के अधिनियम का उद्देश्य बहु-स्तरीय, बहु-विभागीय नियंत्रण से कमांड की एकल पंक्ति में स्थानांतरित करके, खाद्य सुरक्षा और मानकों से संबंधित सभी मामलों के लिए एकल संदर्भ बिंदु स्थापित करना है।
FSSAI Full Form In Hindi इस आशय के लिए, अधिनियम दिल्ली में प्रधान कार्यालय के साथ एक स्वतंत्र वैधानिक प्राधिकरण – भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण की स्थापना करता है। भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण (एफएसएसएआई) और राज्य खाद्य सुरक्षा प्राधिकरण अधिनियम के विभिन्न प्रावधानों को लागू करेंगे। FSSAI Full Form In Hindi|FSSAI क्या है?

प्राधिकरण की स्थापना | FSSAI Ki Sthapana

स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय, भारत सरकार FSSAI के कार्यान्वयन के लिए प्रशासनिक मंत्रालय है। भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण (FSSAI) के अध्यक्ष और मुख्य कार्यकारी अधिकारी को भारत सरकार द्वारा पहले ही नियुक्त किया जा चुका है। अध्यक्ष भारत सरकार के सचिव के पद पर होता है। FSSAI Full Form In Hindi|FSSAI क्या है?

FSSAI का उद्देश्य-

और जानें- World Food Programme UPSC in Hindi | विश्व खाद्य कार्यक्रम

भारत सरकार के स्‍वास्‍थ्‍य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के तहत FSSAI का संचालन किया जाता है। इसका मुख्‍यालय दि‍ल्ली में स्थित है,

  • जो राज्‍यों के खाद्य सुरक्षा अधिनियम के विभिन्‍न प्रावधानों को लागू करने का काम करता है।
  • इसके अलावा यह देश के सभी राज्‍यों, जिला एवं ग्राम पंचायत स्‍तर पर खाद्य पदार्थों के उत्पादन और बिक्री के तय मानक को बनाए रखने में सहयोग करता है।
  • साथ ही यह समय-समय पर खुदरा एवं थोक खाद्य पदार्थों की गुणवत्ता की जांच भी करता है।
  • ताकि देश में आम लोगों को बाजार में उपलब्ध खाद्य पदार्थ की गुणवत्ता और उसमें पाए जाने वाले पोषक तत्वों के तय मानक को बनाए रखा जा सके।

FSSAI का कार्यक्षेत्र- | Work Of FSSAI

FSSAI का मुख्य काम खाद्य वस्तुओं से जुड़े दिशा –निर्देश बनाना और यह सुनिश्चित करना की उसके द्वारा बनाए गए नियमों का पालन किया जा रहा है या नही FSSAI केंद्र सरकार और राज्य सरकारों के विभिन्न मंत्रालयों और विभागों के खाद्य पदार्थो से संबन्धित मुद्दो को देखता है। इसके अलावा यह बड़े पैमाने पर और विभिन्न मंत्रालयों के नियंत्रण वाली खाद्य पदार्थो के उत्पादन और वितरण के मानक पर भी नजर रखता है। FSSAI Full Form In Hindi|FSSAI क्या है?

फूड प्रोडक्ट के लिए रजिस्‍ट्रेशन है अनिवार्य- | FSSAI FOOD REGISTRATION

देश में किसी भी खाद्य पदार्थ का उत्पादन और बिक्री से पहले किसी भी कंपनी को FSSAI क यहां अपना रजिस्ट्रेशन करवाना अनिवार्य होता है |एसके बाद ही कंपनी अपने प्रॉडक्ट को बाजार मे बेच सकती है, रजिस्ट्रेशन के लिए शुल्क (सभी जो पंजीकरण क मापदंड के तहत आते हैं )100 रुपए , केंद्रीय लाइसेन्स के लिए शुल्क (जो कि केंद्रीय लाइसेंस के लिए पात्र हैं )7500 रूपये ।

FSSAI के फायदे – | Benefits of FSSAI

FOOD SAFETY STANDARDS
  • जनता को शुद्ध खान-पान मिलता हैं।
  • हानिकारक और जहरीले पदार्थ बाज़ार तक नहीं पहुँचते।
  • एफएसएसएआई खान-पान सुरक्षा और खाद्य नियमों के मापदंड की मुख्य और एकमात्र संस्था हैं।
  • एक क्षेत्र में अलग-अलग प्रकार की खाद्य सामग्री के लिए एक ही लाइसेंस की ज़रूरत होती हैं।
  • किसी खाद्य पदार्थ के विक्रेता के पास एफएसएसएआई लाइसेंस होने से उसके ग्राहकों को उसपे विश्वास रहता हैं।
  • आम तौर पर एफएसएसएआई लाइसेंस पाने में दो महीने लगते हैं।

Types OF FSSAI | FSSAI के PRAKAR

FSSAI Full Form In Hindi भारत में तीन प्रकार के एफएसएसएआई लाइसेंस होते हैं

1- बेसिक एफएसएसएआई लाइसेंस (Basic FSSAI License):

यह क्षुद्र और लघु उद्योग के लिए हैं जो सामान्य तौर पर एक से पाँच साल के लिए दिया जाता हैं। यह उनके लिए हैं जिनकी वार्षिक आमदनी 12 लाख रुपये से कम हो।

2- स्टेट एफएसएसएआई लाइसेंस (State FSSAI License):

यह मध्यम वर्गीय उत्पादकों और विक्रेताओ के लिए हैं जिनकी सालाना आमदनी 12 लाख से ज़्यादा हो। यह भी एक साल से पाँच साल के लिए दिया जाता हैं।

3- सेंट्रल एफएसएसएआई लाइसेंस (Central FSSAI License):

यह उन खाद्य व्यापारियों के लिए हैं जिनकी सालाना आमदनी 20 करोड़ से ऊपर हैं।

FSSAI LICENCE DOCUMENTS

FSSAI लाइसेंस के लिए कौन से डाक्यूमेंट्स जरूरी हैं?
दोस्तों, लाइसेंस के लिए आपको कुछ दस्तावेज भी आवेदन के साथ देने होते हैं। आइए जानते हैं कि यह कौन कौन से डाक्यूमेंट्स हैं-

  • आवेदक का पासपोर्ट साइज फोटो
  • पहचान पत्र जैसे पैन कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस, वोटर आईडी कार्ड
  • पते का प्रमाण पत्र
  • घोषणा पत्र
  • व्यक्ति के नाम और पते के साथ अथारिटी लेटर
  • फूड ऑपरेटर द्वारा एक बार दिया गया शुल्क किसी भी परिस्थिति में वापस नहीं होता है
  • एक फूड बिजनेस ऑपरेटर लाइसेंस के नवीनीकरण के समय पर अधिकतम 5 वर्षो के लिए आवेदन कर सकता है

How To Apply FSSAI Licence |FSSAI LICENCE KAISE BANWAYE

  • FSSAI लाइसेंस रजिस्टर करवाने के लिए एक ई-मेल आई-डी और फोन नंबर होना आवश्यक हैं।
  • अपने आवेदन में अपने नाम की स्पेलिंग सही लिखें और उसे सबमिट करें।
  • उस आवेदन के बाद आपको एक अपना अलग आई-डी दिया जाएगा जो आगे की प्रक्रिया के लिए ज़रूरी होगा।
  • अंत में आपको एक निर्धारित रकम का भुगतान करना होगा।
  • अपने आवेदन पत्र की कॉपी और भुगतान की राशि के साथ एक डिमांड ड्राफ्ट तैयार कीजिए और उसे सबमिट करें

राज्य लाइसेंस प्राधिकरण द्वारा जारी लाइसेंस के लिए शुल्क – FEES FOR FSSAI LICENCE

लाइसेंस लेने के लिए एक फीस भी निर्धारित है। स्टेट लाइसेंस लेने के लिए आपको इस तरह से चुकानी पड़ती है –

  • 4 स्टार होटल के लिए यह फीस 5000 रुपये है
  • भोजन सर्व करने वाले फूड बिजनेस आपरेटर के लिए यह फीस 2000 रुपये रखी गई है।
  • स्कूल कैंटीन के सहित कालेज, आफिस और इंस्टीट्यूट कैटरर, बैंक्वेट हाल और खाने की व्यवस्था करने वाले इसी के तहत रखे गए हैं।
  • क्लब, रेस्टोरेंट, बोर्डिंग हाउस आदि के लिए यह फीस 2000 रुपये रखी गई है।
  • एक मैन्युफैक्चरर और मिलर जो एक मीट्रिक टन दूध या 501 से 10 हजार लीटर दूध का उत्पादन करता है
  • या 2.5 एमपी से 500 मीट्रिक टन दूध के लिए हर साल 3000 रुपये फीस चुकानी पड़ती है।

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