राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग ( NCBC ) |National Commision For Backword classes 

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राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग ( NCBC ) की स्थापना 

मंडल मुकदमे के निर्णय ( 1992 ) में , सर्वोच्च न्यायालय ने केन्द्र सरकार को 

  • पिछड़े वर्गों की सूची में शामिल होने योग्य ( under inclusion ) , 
  • सूची में शामिल नहीं होने योग्य होने के बावजूद शामिल , 
  • तथा सूची से बाहर , 
  • असामिवष्ट होने संबंधी नागरिकों की शिकायतों की जांच के लिए
  • एक स्थाई वैधानिक निकाय की स्थापना के लिए निदेशित किया । 

उसी अनुसार राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग ( NCBC ) की स्थापना 1993 में की गई । 

बाद में 102 वें संशोधन अधिनियम द्वारा आयोग को संवैधानिक दर्जा प्रदान किया गया । इस उद्देश्य के लिए , संशोधन के अंतर्गत नये अनुच्छेद 338 – बी का प्रावधान संविधान में किया गया । 

 

राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग ( NCBC )  के अध्यक्ष भगवान लाल साहनी

इस प्रकार आयोग एक वैधानिक निकाय मात्र न रहकर संवैधानिक एक निकाय बना दिया गया । 

नई व्यवस्था के अंतर्गत आयोग के कार्य का विषय क्षेत्र भी व्यापक बन गया । ऐसा सामाजिक एवं शैक्षणिक रूप से पिछड़े वर्गों के हितों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए किया गया । 

दूसरे शब्दों में नये आयोग का वही दर्जा बन गया जो राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग ( NCSC ) तथा राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग ( NCST ) को प्राप्त था । 

  • आयोग का एक अध्यक्ष , भगवान लाल साहनी
  • एक उपाध्यक्ष तथा 
  • तीन सदस्य होते हैं । 
  • इनकी नियुक्ति राष्ट्रपति द्वारा उनके हस्ताक्षर एवं मुहर के माध्यम से होती है । 
  • उनकी सेवा शर्ते एवं सेवा अवधि का निर्धारण भी राष्ट्रपति करते हैं । 

राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग ( NCBC ) के कार्य आयोग के कार्य निम्नलिखित हैं : 

1. सामाजिक – शैक्षणिक रूप से पिछड़े वर्गों की संवैधानिक एवं वैधानिक सुरक्षा से सम्बन्धित सभी मामलों के अनुसंधान एवं अनुश्रवण तथा उनके कार्य संचालन का मूल्यांकन ; 

2. सामाजिक – शैक्षणिक रूप से पिछी वर्षों के अधिकारों की वंचना तथा सुरक्षा से सम्बन्धित शिकायतों की जांच और अनुसंधान करना 

3. केन्द्र अथवा किसी राज्य में सामाजिक – शीणक रूप से पिछड़े वर्गों के सामाजिक आर्थिक विकास में भागीदारी तथा इसके लिए सलाह देना , साथ ही उनके विकास सम्बन्धी प्रगति का मूल्यांकन करना ; 

4. इन सुरक्षा उपायों पर एक प्रतिवेदन भारत के राष्ट्रपति को प्रत्येक वर्ष , अथवा जब भी वह उचित समझे , सौंपना 

5. सामाजिक – शैक्षणिक रूप से पिछड़े वर्गों की सुरक्षा , कल्याण , तथा सामाजिक – आर्थिक विकास के उपायों को प्रभावी रूप से लागू करने के विषय में केन्द्र अथवा राज्य को अनुशंसाएं देना ; 

6. सामाजिक शैक्षणिक रूप से पिछड़े वर्गों की सुरक्षा , कल्याण तथा विकास एवं उन्नति के लिए अन्य कार्य संपादित करता जिनके लिए राष्ट्रपति निर्दिष्ट करें । 

राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग ( NCBC )का प्रतिवेदन 

आयोग अपना वार्षिक प्रतिवेदन राष्ट्रपति को समर्पित करता है । इसके अतिरिक्त भी वह आवश्यक होने पर अपना प्रतिवेदन उन्हें समर्पित कर सकता है । 

राष्ट्रपति ऐसे प्रतिवेदन को संसद के समक्ष प्रस्तुत करते हैं , इसके साथ ही आयोग द्वारा अनुशंसाओं पर की गई कार्यवाही का विवरण भी एक ज्ञापन में संलग्न होता है । 

ज्ञापन में जिन अनुशंसाओं पर कार्यवाही नहीं की जा सकती , उसके बारे में कारण भी स्पष्ट किया जाता है । राष्ट्रपति आयोग द्वारा प्रेषित किसी राज्य से सम्बन्धित प्रतिवेदन को सम्बन्धित राज्य को अग्रसारित करते हैं । 

इस प्राप्त प्रतिवेदन को राज्य सरकार राज्य विधायिका के समक्ष प्रस्तुत करती है , जिसके साथ आयोग की अनुशंसाओं पर की गई कार्यवाही को दर्शाने वाला एक जापन भी सलग्न होता है । 

जिन अनुशंसाओं को लागू नहीं किया जा सकता , उनके कारणों की व्याख्या भी ज्ञापन में होती है । 

राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग ( NCBC ) की शक्तियां 

आयोग को अपनी प्रक्रियाएं स्वयं निर्धारित एवं विनियमित करने की शक्तियां प्राप्त हैं । किसी मामले के अनुसंधान अथवा किसी शिकायत की जांच करते समय आयोग को न्यायिक शक्तियां विहित होती हैं ।

 विशेषकर निम्नलिखित मामलों में : 

1. भारत के किसी भूभाग से किसी भी व्यक्ति को आयोग के समक्ष बुलाने एवं उसकी उपस्थिति सुनिश्चित कराने एवं शपथ कराकर उससे पूछताछ करना ; 

2. किसी भी दस्तावेज की खोज और प्रस्तुतीकरण की मांग करता 

3. शपथ – पत्रों पर साक्ष्य प्राप्त करना ; 

4. किसी भी न्यायालय या कार्यालय से किसी भी पायजानक अभिलेख की मांग करना ; 

5. गवाहों और दस्तावेजों के परीक्षण के लिए सम्पन जारी करना , तथा 

6. कोई अन्य मामला , जिसका विनिश्चय राष्ट्रपति करे । 

केन्द्र सरकार तथा राज्य सरकारों को सामाजिक – शैक्षणिक रूप से पिछड़े वर्गों को प्रभावित करने वाले समस्त नीतिगत मामलों पर आयोग से सलाह लेनी जरूरी है । 

तो दोस्तों अगर आपको यह जानकारी अच्छी लगे तो हमें कमेंट करके जरुर बतायें , और इसे शेयर भी जरुर करें।

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