युनेस्को विश्व विरासत स्थल किसे कहते है?

युनेस्को विश्व विरासत स्थल ऐसे खास स्थानों (जैसे वन क्षेत्र, पर्वत, झील, मरुस्थल, स्मारक, भवन, या शहर इत्यादि) को कहा जाता है, जो विश्व विरासत स्थल समिति द्वारा चयनित होते हैं; और यही समिति इन स्थलों की देखरेख युनेस्को के तत्वाधान में करती है।

इस कार्यक्रम का उद्देश्य विश्व के ऐसे स्थलों को चयनित एवं संरक्षित करना होता है जो विश्व संस्कृति की दृष्टि से मानवता के लिए महत्वपूर्ण हैं। कुछ खास परिस्थितियों में ऐसे स्थलों को इस समिति द्वारा आर्थिक सहायता भी दी जाती है।

विश्व धरोहर या विश्व विरासत स्‍थलों से जुड़े महत्वपूर्ण तथ्‍य:

विश्व धरोहर स्‍थल या विश्व विरासत स्‍थल दुनिया में मौजूद कुछ विशेष स्थान होते है जो अंतरराष्ट्रीय संस्था यूनेस्को  द्वारा संरक्षित होते है।
विश्व में मौजूद ये स्थान बहुमूल्य, प्राचीन एवं दुर्लभ होते है जो विश्व संस्कृति के लिए महत्त्वपुर्ण होते है। ये स्थान वन क्षेत्र, पर्वत, झील, मरुस्थल, स्मारक, भवन या शहर हो सकते है।

इन स्थानों का चयन यूनेस्को के तत्वाधान में विश्व विरासत समिति द्वारा किया जाता है।

यूनेस्को द्वारा इन स्थानों के प्रति लोगो में जागरूकता के लिये प्रतिवर्ष 18 अप्रैल को विश्व विरासत दिवस मनाया जाता है।

विश्व में जुलाई 2019 तक दुनिया के 167 देशों से 1,121 स्थानों को विश्व विरासत स्थलो की सूची में शामिल किया गया हैं, जिसमे  869 सांस्कृतिक, 213 प्राकृतिक और 39 मिश्रित इमारते शामिल है। चीन में सबसे ज्यादा 55 साइटों को यूनेस्को द्वारा विश्व धरोहर स्थल की तालिका सूचीबद्ध किया है, इसके बाद इटली में भी (55), स्पेन (48), फ्रांस (44), जर्मनी (46), भारत (38), मेक्सिको (35), यूनाइटेड किंगडम (32) और ब्रिटिश ओवरसीज टेरिटोरीज़ से 31 स्थान इस सूची में सम्मिलित है।

केंद्रीय सांस्कृतिक मंत्रालय के अनुसार भारत में यूनेस्को के विश्व धरोहर स्थलों की कुल संख्या 38 है, जिनमें 30 सांस्कृतिक, 7 प्राकृतिक और 1 मिश्रित स्थल शामिल हैं।

यूनेस्को की विश्व धरोहर समिति के साल 2019 में आयोजित 43वें सत्र में भारत के राजस्थान राज्य की राजधानी जयपुर सबसे बड़ा शहर है। जिसे गुलाबी शहर के नाम से भी जाना जाता है। इसे विश्व धरोहर स्थलों की सूची में शामिल किया है।

वर्ष 2018 में शामिल किये जाने वाले स्थल है- मुंबई की ‘विक्टोरियन गोथिक’ और ‘आर्ट डेको’ इमारतों को विश्व धरोहर स्थलों की सूची में शामिल किया था।

वर्ष 2016 में शामिल किये जाने वाले स्थल है- चंडीगढ़ के केपिटल काम्प्लेक्स , कंचनजंघा पार्क एवं नालंदा विश्व विद्यालय का पुरातात्विक स्थल।

यूनेस्को द्वारा भारत की ओर से सर्वप्रथम साल 1983 में अजंता और एलोरा की गुफाये एवं आगरा के किले को विश्व विरासत की सूची में शामिल किया गया था।

मेरी फेवरेट किताब
ये पोस्ट भी में इसी किताब में से करता हूँ

महाराष्ट्र
1983

स्थलों के नाम

जगह का नाम

वर्ष

आगरा किला आगरा (उत्तर प्रदेश) 1983
अजन्ता की गुफाएँ, महाराष्ट्र 1983
साँची के बौद्ध स्तूप, मध्य प्रदेश 1989
चंपानेर-पांडवगढ बाग, गुजरात 2004
छत्रपति शिवाजी टर्मिनल, महाराष्ट्र 2004
पुराने गोवा के चर्च गोवा 1986
एलिफ़ेन्टा की गुफाएँ, महाराष्ट्र 1987
एलोरा की गुफाएँ, महाराष्ट्र 1983
फतेहपुर सीकरी, आगरा उत्तर प्रदेश 1986
चोल मंदिर, तमिलनाडु 1987
हम्पी के स्मारक, कर्नाटक 1986
महाबलीपुरम के स्मारक, तमिलनाडु 1984
पट्टादक्कल के स्मारक, कर्नाटक 1987
हुमायुँ का मक़बरा, दिल्ली 1993
काजीरंगा राष्ट्रीय अभयारण्य, असम 1985
केवलदेव राष्ट्रीय अभयारण्य, राजस्थान 1985
खजुराहो के स्मारक और मंदिर, मध्य प्रदेश 1986
महबोधि मंदिर, बोधगया, बिहार 2002
मानस राष्ट्रीय अभयारण्य, असम 1985
भारतीय पर्वतीय रेल दार्जिलिंग 1999
नंदादेवी राष्ट्रीय अभयारण्यऔर फूलों की घाटी, उत्तराखंड 1988
क़ुतुब मीनार, दिल्ली 1993
भीमबेटका के प्रस्तरखंड, मध्य प्रदेश 2003
कोणार्क का सूर्य मंदिर, उड़ीसा 1984
सुंदरवन राष्ट्रीय अभयारण्य, पश्चिम बंगाल 1987
ताज़ महल, उत्तर प्रदेश 1983
जंतर मंतर जयपुर राजस्थान 2010
पश्चिमी घाट गोवा,कर्नाटक,महाराष्ट्र,तमिलनाडु और केरल 2012
ग्रेट हिमालयन राष्ट्रिय उद्यान हिमाचल प्रदेश 2014
नालंदा महविहार / विश्वविद्यालय बिहार 2016
राजस्थानी पहाड़ी दुर्ग राजस्थान 2013
कंचनजंगा राष्ट्रीय उद्यान सिक्किम 2016
अहमदाबाद का ऐतिहासिक शहर अहमदाबाद(गुजरात) 2017
मुंबई का विक्टोरियन और आर्ट डेको एनसेंबल मुंबई 2018
गुलाबी शहर जयपुर 2019
ली कोर्बुज़िए के वास्तुशिल्प चंडीगढ़ 2016
रानी की वाव गुजरात 2014
दिल्ली का लाल किला दिल्ली 2007
तो दोस्तों अगर आपको यह जानकारी अच्छी लगे तो हमें कमेंट करके जरुर बतायें , और इसे शेयर भी जरुर करें।
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2 thoughts on “युनेस्को विश्व विरासत स्थल”

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