नाइट्रोजन उपयोग दक्षता ( NUE ) NITROGEN USAGE EFFICIENCY
स्वागत है दोस्तों आपका हमारी और आपकी अपनी वेबसाइट www.aurjaniy.com पर यहाँ हम आपको देते हैं सबसे अच्छा सिविल सर्विस सामान्य अध्ययन मटेरियल हिंदी में सबसे अच्छी किताबों और स्त्रोतों से और आजके इस ब्लॉग में हम जानेंगे
औरजानिये। Aurjaniye
वैज्ञानिकों की टीम ने उन भौतिक विशेषताओं और जीनों की पहचान की है जिनसे चावल की फसल में नाइट्रोजन उपयोग दक्षता ( N – use efficiency – NUE ) बढ़ाने में मदद मिलेगी ।
प्रमुख बिंदु – MAIN POINTS OF NITROGEN USAGE EFFICIENCY
यह शोध कार्य गुरु गोबिंद सिंह इंद्रप्रस्थ विश्वविद्यालय ( GGSIU ) , नई दिल्ली से प्रो . एन . रघुराम के नेतृत्व में किया गया । प्रोफेसर एन . रघुराम वर्तमान में ‘ अंतर्राष्ट्रीय नाइट्रोजन पहल ‘ ( International Nitrogen Initiative – INI ) के अध्यक्ष भी हैं । –
वैज्ञानिकों ने संभावित फसल सुधार के लिये NUE से जुड़े 34 जीनों की भी पहचान की है , जो चावल के साथ ही अन्य फसलों के लिये भी प्रासंगिक हो सकते हैं ।
अंतर्राष्ट्रीय नाइट्रोजन पहल ( INI ) INTERNATIONAL NITROGEN INITIATIVE)
यह एक अंतर्राष्ट्रीय कार्यक्रम है , जिसे वर्ष 2003 में पर्यावरण की समस्याओं पर वैज्ञानिक समिति ( SCOPE ) और इंटरनेशनल जियोस्फीयर – बायोस्फीयर प्रोग्राम ( IGBP ) द्वारा प्रायोजित किया गया था । आईएनआई प्रत्येक तीन वर्ष में एक बार सम्मेलन आयोजित करता है ।
वर्तमान में इस कार्यक्रम का एक सतत भागीदार ‘ फ्यूचर अर्थ ( Future Earth ) है । उल्लेखनीय है कि फ्यूचर अर्थ एक वैश्विक संस्थान है जो अनुसंधान और नवाचार के माध्यम से वैश्विक परिवर्तनों में तेजी से स्थिरता लाने हेतु समर्पित है ।
आईएनआई के मुख्य उद्देश्यों में टिकाऊ खाद्य उत्पादन में नाइट्रोजन की फायदेमंद भूमिका को अनुकूलित करना , खाद्य और ऊर्जा उत्पादन के दौरान मानव स्वास्थ्य पर नाइट्रोजन के नकारात्मक प्रभाव को कम करना शामिल हैं ।
नाइट्रोजन उपयोग दक्षता –
- पौधों की वृद्धि और विकास के लिये नाइट्रोजन ( N ) एक आवश्यक पोषक है । फसल की पैदावार बढ़ाने के लिये खेतों में नाइट्रोजन युक्त उर्वरकों का उपयोग किया जाता है , परंतु पौधे नाइट्रोजन ( N ) का पूरी तरह उपयोग नहीं कर पाते हैं तथा अनुप्रयुक्त मात्रा जलीय पारिस्थितिकी प्रणालियों के लिये प्रमुख खतरा बन जाती है । .
- अप्रयुक्त नाइट्रोजन भू – जल संदूषण , सतही जल में यूट्रोफिकेशन , अल्गी ब्लूम , हाइपोक्सिया , अम्लीकरण ( अमोनिया के रूप में ) , ग्रीन हाउस गैस ( नाइट्रस ऑक्साइड के रूप में ) और क्षोभमंडलीय ओज़ोन निर्माण में ( नाइट्रिक ऑक्साइड के रूप में ) प्रमुख भूमिका निभाता है । –
- उपयुक्त विधियों या सर्वोत्तम प्रबंधन प्रथाओं ( BMPs ) को अपनाकर इन नुकसानों को कम किया जा सकता है । BMPS में निम्नलिखित में से कोई एक प्रणाली हो सकती है :
- पौधों के उपयोग के लिये उपलब्ध नाइट्रोजन की मात्रा या दक्षता बढाकर ;
- पौधों की नाइट्रोजन को अवशोषित करने की क्षमता को बढ़ाकर ;
- एग्रोनोमिक आवश्यकताओं के अनुसार पोषक तत्त्वों का अनुप्रयोग करके । .
4. BMPs में उर्वरकों की घुलनशीलता ( Slow – release ) की दर को मंद करना ( यथा- नीम कॉटेड यूरिया का उपयोग ) , लैग्यूम आधारित फसलों के साथ चक्रण , जैव उर्वरक , प्रेसिजन फार्मिग तकनीक आदि विधियाँ हो सकती हैं । –
5. NUE बोए गए कृषि क्षेत्र में उपयोग की नाइट्रोजन की कुल मात्रा तथा इसमें से पौधे द्वारा अवशोषित और उपयोग की गई नाइट्रोजन की मात्रा का अनुपात है । यद्यपि NUE को अभी भी स्पष्ट रूप से परिभाषित नहीं किया गया है –
6. वर्तमान में फसलें केवल 30 % नाइट्रोजन उर्वरक का ही उपयोग कर पाती हैं । अत : वैज्ञानिक समुदाय नाइट्रोजन उपयोग दक्षता के माध्यम से उपयोगी नाइट्रोजन की मात्रा को बढ़ाने का प्रयास कर रहा है ।
शोध का महत्त्व .
- भारत में कुल नाइट्रस ऑक्साइड उत्सर्जन का 70 % से अधिक कृषि का हिस्सा है , जिसमें से उर्वरकों द्वारा 77 % योगदान दिया जाता है ।
- यह शोध NUE बढ़ाने में मदद करेगा अतः इन पर्यावरणीय समस्याओं की व्यापकता को सीमित करने में मदद मिलेगी । –
- भारत सरकार नाइट्रोजन उर्वरकों ( मुख्य रूप से यूरिया ) पर प्रतिवर्ष ₹ 50,000 करोड़ से अधिक की सब्सिडी देती है । अत : NUE बढ़ने से आर्थिक बचत होगी ।
तो दोस्तों अगर आपको यह जानकारी अच्छी लगे तो हमें कमेंट करके जरुर बतायें , और इसे शेयर भी जरुर करें।
औरजानिये। Aurjaniye
For More Information please follow Aurjaniy.com and also follow us on Facebook Aurjaniye | Instagram Aurjaniyeand Youtube Aurjaniye with rd
न्यू स्टार्ट संधि का विस्तार NEW START TREATY
jal jeevan mision shahri hindi
हॉन्गकॉन्ग के निवासियों को ब्रिटिश वीज़ा
15th Finance commissions recomandations hindi
Clean Source of Energy hydrogen IIT Delhi
Corona Vaccine Policy Of India most important Hindi