Sukhmani Sahib Path In Hindi : धार्मिक ग्रंथों की अद्वितीय विरासत में श्री सुखमनी साहिब एक महत्वपूर्ण स्थान रखता है। यह प्रमुख सिख ग्रंथ ‘गुरू ग्रंथ साहिब’ के भाग में स्थान पाता है और सिख समुदाय में अत्यंत महत्वपूर्ण माना जाता है। सुखमनी साहिब का अर्थ होता है “आत्मिक सुख की माला” या “आत्मिक शांति का मार्ग”।
इसे पठने से मानसिक और आध्यात्मिक सुख की प्राप्ति होती है और इसके माध्यम से जीवन में समृद्धि और सहजता की प्राप्ति होती है।
सुखमनी साहिब पाठ का आरम्भ जपजी साहिब से होता है, sukhmani sahib pdf जो सिखों के जीवन के मूलभूत सिद्धांतों और गुरुवाक्यों का संग्रह है। जपजी साहिब के बाद, आठवीं पौड़ी से शुरू होता है सुखमनी साहिब का पाठ। यह ग्रंथ छः अध्यायों (आसा महला १, मारू सोलह, श्रीरागु महला ५, लौंगी महला १०, तांड महला ५ और सुही महला ५) में विभाजित है और इसमें २४ पौड़ियां हैं।
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Sukhmani Sahib In Hindi | Sukhmani Sahib Path In Hindi
॥ जपुजी सहिब ॥
जपु ॥
आदि सचु जुगादि सचु ॥ हैभी सचु नानक होसी भी सचु ॥१॥
सोचै सोचि न होवई जे सोची लख वारि ॥
चुपै चुप न होवई जे लाए रहा लिव तारि ॥
भुखिया भुख न उतरी जे बना पुरी आइ ॥
सहसि सिआणपा लख होहि त इक न चलै नालि ॥१॥
भुखिया भुख न उतरी जे बना पुरी आइ ॥
सहसि सिआणपा लख होहि त इक न चलै नालि ॥१॥
खीवे सखीआरी के तारे ता के कीआ कितु विचारि ॥
वारिआ न जावा एक वारि जो तुध भावै साई ॥
सो थापै सहाई होइ न सकै बिना साहा ॥
केरा दा जाणै केता दा साहू ॥१॥
केरा दा जाणै केता दा साहू ॥१॥
हुकमी हुकमु चलाए राहे लिव लाए ना कोइ ॥
नानक वडआई वडा निकया जितु जीअ अपारि ॥१॥४०॥
॥ सोधि ॥
सोधि सोधि ठाकुर अराधीऐ ॥ जिनि सेविआ तिनि पाए मा उधरि लाए ॥१॥
सोधि सोधि सुरति संधि आराधिऐ ॥ नानक नदरी करमि भगति आगमि गाहि ॥२॥४२॥
॥ आटपदि ॥
दूख दरू भै दा अरु सुख राजै भै खाई ॥
जिस हथु जोडि अवर न पाइआ मारे ठाकुरु सुखदाई ॥१॥
दूख दरू भै दा अरु सुख राजै भै खाई ॥
जिस हथु जोडि अवर न पाइआ मारे ठाकुरु सुखदाई ॥१॥
सरमु सरमि होइ जे सरै आनै सरै ॥
जुकि जुकी न सीखी जे लाेग मुखु करै ॥
गिआनि तीसरो गिआनु अपारु ॥
गिआनि तीसरो गिआनु अपारु ॥
अंतु न पारि करीऐ जो जाणै सभु आपि ॥
नानक नदरी करमि भगति आगमि गापि ॥३॥४६॥
॥ बरनै ॥
कला अकालि सरूप अणूप तेरी भगति करणी ॥
जिनि सेविआ तिनि आपि पाए मानस देहुरी भरणी ॥१॥
कला अकालि सरूप अणूप तेरी भगति करणी ॥
जिनि सेविआ तिनि आपि पाए मानस देहुरी भरणी ॥१॥
सगल दुआर को छाडि कै गहे शशि सुरज निकलि तेरी भाणी ॥
तुधु भावई सहाई तुधु जिनि साजिसु उपाई ॥
तुधु भावई सहाई तुधु जिनि साजिसु उपाई ॥
वडा आपा आपि अणु ना कोई ॥
नानक गविया गुन चित ना चिताई ॥२॥४९॥
॥ वारां टुकारी ॥
सभि गवाइऐ हरि के नामि ॥ केती दातारा आखि न कामि ॥१॥
सभि गवाइऐ हरि के नामि ॥ केती दातारा आखि न कामि ॥१॥
सिरीरागु महला ५॥
सिरीरागु महला ५॥
जग महि सचु धरम सलाही ॥ तिसु नावण जीउ लागे ब्राहमगिआनी ॥१॥
जग महि सचु धरम सलाही ॥ तिसु नावण जीउ लागे ब्राहमगिआनी ॥१॥
निन्दक निहालु राखीऐ आंगु ॥ जिव तिसु नावै तिवै तरई रंगु ॥२॥
निन्दक निहालु राखीऐ आंगु ॥ जिव तिसु नावै तिवै तरई रंगु ॥२॥
कूडी करासीआ ठाइवै रंगु ॥ जग महि तरंगु जीउ नावण लंगु ॥३॥
कूडी करासीआ ठाइवै रंगु ॥ जग महि तरंगु जीउ नावण लंगु ॥३॥
अपुने आपि द्रिसटि करी देखे ॥ नानक आपे जे नीचे दिखे ॥४॥१॥६॥२॥५१॥
॥ मारु सोलह ॥
सिरीरागु महला ५ ॥
मारु सोलह छंदु ॥ रहाउ ॥
मारु सोलह छंदु ॥ रहाउ ॥
अवगणा चउथै पैधा हारि ॥ विचि अंधुला सुणि द्रिसटि गिरारि ॥१॥
अवगणा चउथै पैधा हारि ॥ विचि अंधुला सुणि द्रिसटि गिरारि ॥१॥
अपुनि बोइऐ आपे देइ ॥ कूदी करिए नामु टेकु लेइ ॥२॥
अपुनि बोइऐ आपे देइ ॥ कूदी करिए नामु टेकु लेइ ॥२॥
अपुनि बोइऐ आपे भरम ॥ करै न कारजु साधसंगि मृति तरम ॥३॥
अपुनि बोइऐ आपे भरम ॥ करै न कारजु साधसंगि मृति तरम ॥३॥
अपुने आपि बिरथा समझाइ ॥ बिनु संसारे इक गुरु दिखाइ ॥४॥
अपुने आपि बिरथा समझाइ ॥ बिनु संसारे इक गुरु दिखाइ ॥४॥
नानक नामु अपरा अपारा ॥ गुर परसादी मिले सुखदाता ॥५॥१॥९॥२॥५२॥
॥ आसा ॥
आसा महला १ ॥
आसा महला १ ॥
सोचै सोचि न होवई जे सोची लख वारि ॥ चुपै चुप न होवई जे लाए रहा लिव तारि ॥१॥
सोचै सोचि न होवई जे सोची लख वारि ॥ चुपै चुप न होवई जे लाए रहा लिव तारि ॥१॥
भुखिया भुख न उतरी जे बना पुरी आइ ॥ सहसि सिआणपा लख होहि त इक न चलै नालि ॥१॥
भुखिया भुख न उतरी जे बना पुरी आइ ॥ सहसि सिआणपा लख होहि त इक न चलै नालि ॥१॥
सहसु सुरति वापारमा जे लदै लाए एक लिव तारि ॥
वेखै विगसै वणजारा खाइ कुदरति आपि विचारि ॥२॥
जिनि ईठै वसै मनमुख अगनि पचवरि ॥ नानक नदरी करमि पवै नदरी पाइआ नालि ॥३॥१॥१०॥२॥५३॥
Sukhmani Sahib Pdf | Sukhmani Sahib Path Pdf
यह था सुखमनी साहिब का पाठ हिंदी में। इसको पठने से आपको शांति, सुख और आनंद की प्राप्ति होगी। इसे नियमित रूप से पाठ करने से आपका मन और आत्मा प्रकाशमय होगा और आप भगवान के नाम के साथ जीवन की समस्याओं से निपटने में सहायता प्राप्त करेंगे।
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Sukhmani Sahib Path Hindi
Sukhmani Sahib Path In Hindi सुखमनी साहिब का पाठ करने से मन की शांति और सुख की प्राप्ति होती है। इस ग्रंथ में सिखों के जीवन के विभिन्न पहलुओं, आध्यात्मिक तत्वों, सत्य की प्रशंसा और दिव्य ज्ञान की महिमा का वर्णन है। इसे पठने से मन का संतुलन स्थापित होता है, विचारों की शुद्धता बढ़ती है और आध्यात्मिक विकास होता है।
सुखमनी साहिब के पाठ का महत्वपूर्ण लाभ यह है कि इसे पठने वाले की मनःस्थिति में स्थिरता और ध्यान की सक्षमता विकसित होती है। यह आत्मिक संयम को प्राप्त करने में सहायता करता है और अंतर्दृष्टि को प्रबल बनाने में मदद करता है। इसके वाचन और समझने से मन की गहराई में अच्छी रूप से ध्यान लगता है और आध्यात्मिक आवेग बढ़ता है।
Sukhmani Sahib Path Hindi Pdf
सुखमनी साहिब के पाठ का अन्य एक महत्वपूर्ण लाभ यह है कि इसे पठने से व्यक्ति को समस्त शारीरिक और मानसिक बीमारियों से निजात मिलती है। यह मन को स्थिर करके तनाव, चिंता और दुःख से छुटकारा दिलाता है। यह शक्ति, स्थिरता और सामर्थ्य का स्रोत होता है जो व्यक्ति को जीवन की चुनौतियों का सामना करने की क्षमता प्रदान करता है। Sukhmani Sahib Path In Hindi
Sukhmani Sahib Path In Hindi सुखमनी साहिब का पाठ करना एक पवित्र और आंतरिक अनुभव है। इसे नियमित रूप से करने से व्यक्ति की आध्यात्मिक उन्नति होती है और उसका जीवन सच्ची खुशियों, शांति और सफलता से परिपूर्ण होता है। इस पाठ के माध्यम से व्यक्ति अपने मन, शरीर और आत्मा की संगति को प्राप्त करता है और अपने अस्तित्व के मूल्य और महत्व का अनुभव करता है।
Sukhmani Sahib In Hindi Pdf
sukhmani sahib pdf श्री सुखमनी साहिब पाठ एक अनूठा साधना है जो व्यक्ति को आत्मिक सुख और समृद्धि का स्रोत प्रदान करती है। इसे नियमित रूप से पाठ करने से जीवन में स्थिरता, आनंद और आत्मानुभूति की अनुभवित होती है। यह ग्रंथ हमें उच्चतम आदर्शों की ओर आकर्षित करता है और हमें सच्ची मुक्ति और प्रगति की ओर प्रेरित करता है। सुखमनी साहिब पाठ का अद्यतन रूप आज भी लाखों लोगों को उनकी आंतरिक सफलता और खुशहाली की ओर प्रवृत्त करता है।