प्राचीन भारतीय इतिहास के स्रोत ( SOURCES OF ANCIENT INDIAN HISTORY )

इतिहास उन घटनाओं का वृत्तान्त होता है जो भूतकाल में हुई हों , अतः मूलतः महत्वपूर्ण तथ्यों को चुनकर अतीत के पुनर्निर्माण करने को ही इतिहास कहते हैं ।

ये महत्वपूर्ण तथ्य विभिन्न रूपों में प्राप्त होते हैं , जिन्हें इतिहास के स्रोत कहा जाता है ।

SOURCES OF ANCIENT INDIAN HISTORY 

प्राचीन भारत का इतिहास भारत के लिए गौरव का विषय है , परन्तु इस युग का क्रमबद्ध ज्ञान प्राप्त करने के लिए प्रामाणिक स्रोतों का अभाव प्रतीत होता है । इसी कारण कुछ पाश्चात्य एवं भारतीय विद्वानों ने यह प्रमाणित करने की चेष्टा की है कि प्राचीन काल में भारतीयों में इतिहास लेखन के प्रति कोई रुचि नहीं थी ।

ऐसे इतिहासकारों में फ्लीट , एल्फिस्टन , स्मिथ , मजूमदार व त्रिपाटी प्रमुख हैं । कुछ इतिहासकारों का तो यह विचार है कि प्राचीन काल में भारतीयों में इतिहास बुद्धि ( Historical Sense ) का ही अभाव था ।

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SOURCES OF ANCIENT INDIAN HISTORY 

यदि आलोचनात्मक दृष्टि से अध्ययन किया जाय तो यह सरलता से प्रमाणित किया जा सकता है कि प्राचीन भारतीय इतिहास के स्रोत पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध हैं ।

यद्यपि यह सही है कि प्राचीन भारत में किसी ऐसे ग्रन्थ की रचना नहीं हुई जिसे पूर्णतया इतिहास ग्रन्थ ‘ की संज्ञा दी जा सके ।

प्राचीन भारतीय इतिहास पर प्रकाश डालने वाले स्रोतों को मुख्य रूप से दो भागों में बांटा जा सकता है—

  1. साहित्यिक खोज तथा पुरातात्विक स्रोत
  2. साहित्यिक स्त्रोत ( LITERARY SOURCES FOR ANCIENT INDIAN HISTORY )

प्राचीन भारतीय इतिहास पर प्रकाश डालने वाली सामग्नी प्रचुर मात्रा में उपलब्ध है ।

अध्ययन की सुविधा के लिए साहित्यिक सामग्री को भी निम्नलिखित भागों में विभाजित किया जा सकता है

साहित्यिक खोज तथा पुरातात्विक स्रोत 

( 1 ) धार्मिक ग्रन्थ ( Religious Writings for indian history ) – 

धार्मिक ग्रन्थों की श्रेणी में वे ग्रन्थ आते हैं जो किसी धर्म , विशेष से प्रभावित होते हैं । इन ग्रन्थों से तत्कालीन सामाजिक , धार्मिक व राजनीतिक स्थिति पर प्रकाश पड़ता है । 

धर्म – ग्रन्थों में ब्राह्मण , बौद्ध व जैन धर्म से सम्बन्धित आग्रलिखित ग्रन्य प्रमुख हैं : 

 
 


( 2 ) धर्म – निरपेक्ष साहित्य ( Secular Literature for indian history ) –

धार्मिक ग्रन्थों के अतिरिक्त अनेक ऐसे ग्रन्थ उपलब्ध हैं जो किसी धर्म से सीधा सम्पर्क नहीं रखते अथवा किसी धर्म विशेष से प्रभावित नहीं है । धर्म – निरपेक्ष साहित्य

( अ ) कल्पना प्रधान , लोक – साहित्य एवं जीवन चरित्र – विदेशियों के द्वारा भारत के विषय में लिखे गये वर्णन के अतिरिक्त सम्पूर्ण धर्म निरपेक्ष साहित्य इसी शीर्षक के अन्तर्गत आ जाता है । कुछ प्रमुख ग्रन्थ , जो ऐतिहासिक दृष्टि से विशेष महत्व रखते हैं , निम्नलिखित हैं :

SOURCES OF ANCIENT INDIAN HISTORY 

  • अर्थशास्त्र
  • मुद्राराक्षस
  • कालिदास की रचनाएं

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