राष्ट्रीय राजमार्ग विकास परियोजना (National Highway Development Project)

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देश के आर्थिक विकास को बढ़ावा देने के लिये सरकार ने  राष्ट्रीय राजमार्ग विकास परियोजना शूरू की है। 
इसके अंतर्गत , लगभग 14,145 किमी . एक लेन वाले राष्ट्रीय राजमार्गा को चार से छः लेनों में बदलने की एक वृहद् परियोजना का प्रारूप तैयार किया गया है । देश के सड़क विकास क्षेत्र में राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण द्वारा कार्यान्वित की जाने वाली यह अब तक की सबसे बड़ी परियोजना है । 
NHDP – 1 व 2 के अंतर्गत निम्नलिखित परियोजनाएं शामिल हैं

स्वर्णिम चतुर्भुज परियोजना GOLDEN QUADRILATRAL PROJECTS: 

यह देश के चार महानगरों दिल्ली , मुम्बई , चेन्नई व कोलकाता को चार लेन वाले राजमार्गों से जोड़ने वाली द्रुतमार्गी राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजना है । इस सड़क मार्ग की लम्बाई 5,846 किमी . है । यह परियोजना वर्ष 2001 में प्रारम्भ होकर वर्ष 2012 में पूर्ण हुई ।

उत्तर – दक्षिण व पूर्व – पश्चिम कॉरिडोर NORTH-SOUTHERN & EAST-WESTERN CORIDOR: 

यह लगभग 7300 किमी . लम्बी राजमार्ग परियोजना है जो दो गलियारों में विभाजित है- उत्तर – दक्षिण गलियारा तथा पूर्व – पश्चिम गलियारा । 
उत्तर – दक्षिण गलियारा लगभग 4000 किमी , लम्बा है जो श्रीनगर को कन्याकुमारी से जोड़ता है । इसमें कोच्चि – सलेमपुर के तिर्यक मार्ग भी शामिल हैं । पूर्व – पश्चिम गलियारा लगभग 3300 किमी . लम्बा है जो असम के सिलचर को गुजरात के पोरबंदर से जोड़ता है ।

भारत के 13 बड़े बंदरगाहों को जोड़ने की योजना : 

इस योजना के अन्तर्गत पारादीप , हल्दिया , विशाखापत्तनम् , चेन्नई- एनौर , तूतीकोरिन , कोचीन , न्यू मंगलुरू , मार्मागाओ , जवाहरलाल नेहरू पोर्ट ( न्हावाशेवा ) व कांडला बंदरगाह को राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण द्वारा 380 किमी . लंबे चार लेन के सड़क मार्ग से जोड़ा गया है । 
देश का पहला 6 लेन एक्सप्रेस हाइवे मुम्बई – पुणे के मध्य वर्ष 2002 में बनाया गया , जिसकी लम्बाई 94.5 किमी है ।

  NHDP के अन्तर्गत प्रस्तावित सड़कें तथा निर्मित सड़कों की लम्बाई ( 31 दिसम्बर 2017 )                    
चरण                              विशेषता    प्रस्तावित        सड़कें   निर्मित  सड़क
NHDP-1  स्वर्णिम चतुर्भुज , पूर्व – पश्चिम एवं उत्तर – दक्षिण कॉरीडोर , पत्तन सम्पर्क और अन्य सड़के  7,522 किमी  7521 किमी
NHDP-2  उत्तर – दक्षिण एवं पूर्व पश्चिम कॉरीडोर और अन्य सड़कों को 4/6 लेन का बनाना  6.647 किमी  6,593 किमी
NHDP-3  सड़कों को उन्नयन , 4/6 लेन का बनाना  12,125 किमी  7962 किमी
NHDP-4  पेव्ड शोल्डर सहित 2लेन का बनाना  20200 किमी  8285 किमी
NHDP-5  स्वर्णिम चतुर्भुज और उच्च सधनता कॉरीडोर को 6 लेन का बनाना  6.500 किमी  2643 किमी
NHDP-6  एक्सप्रेस वे 1000 किमी __
NHDP-7  रिंग रोड , आईपास और फ्लाईओवर तथा अन्य संरचनाएँ  700 किमी  24 किमी

NHDP – 3 

के अन्तर्गत उपरोक्त परियोजनाओं में शामिल नहीं हुए राजधानी नगरों , औद्योगिक व वाणिज्यिक नगरों इंडस्ट्रियल और पर्यटक केन्द्रों को राष्ट्रीय राजमार्ग से जोड़ने की प्रमुख योजना है । इसमें 4 एवं 6 लेन वाले द्रुतमार्गों का निर्माण किया जा रहा है । जिनकी लम्बाई 12,109 किमी . होगी । 
NHDP – 4 , 5 , 6 व 7 
के अंतर्गत राजमार्गों के किनारे फुटपाथों का निर्माण , रिंग रोड , बाईपास ग्रेड सेपरेटर , फ्लाईओवर , अंडरपास , ओवरब्रिज , एलोवेटेड सड़क निर्माण , एक्सप्रेस – वे आदि शामिल हैं । 

पूर्वोत्तर क्षेत्र के लिए विशेष त्वरित सड़क विकास कार्यक्रम तैयार किया गया है । 
इसके अंतर्गत सभी पूर्वोत्तर राज्यों के जिला मुख्यालयों ( 58 शहरों ) को राज्य की राजधानियों से 2 या 4 लेन वाले राष्ट्रीय राजमार्गों से जोड़ा जाएगा तथा राष्ट्रीय राजमार्गों को चौड़ा किया जाएगा । 
इस कार्यक्रम का उद्देश्य पूर्वोत्तर क्षेत्र के दूर – दराज के स्थानों की सड़कों को सुधारना तथा उन्हें मुख्य मार्गों से जोड़ना है । इसमें लगभग 5,104 किमी . लंबे राष्ट्रीय राजमार्ग को 2 3 4 लेनों में , लगभग 4,656 किमी . लंबे लिमिटेड राजकीय मागों व सामरिक रूप से महत्वपूर्ण 1,888 किमी . लंबी सड़कों को 2 लेनों में बदलने का लक्ष्य है । 

दिल्ली – मुंबई औद्योगिक गलियारा परियोजना 

निवेश व व्यापार को प्रोत्साहन देने के उद्देश्य से विकसित की जा रही दिल्ली मुंबई औद्योगिक गलियारा परियोजना भारत की सबसे बड़ी अवसंरचनात्मक परियोजनाओं में से एक है ।
इस परियोजना को भारत व जापान के संयुक्त प्रयासों से क्रियान्वित किया जा रहा है । यह गलियारा देश की राजधानी इसके अन्तर्गत मल्टी मॉडल हाई एक्सल लोड डेडीकेटेड फ्रेट कोरीडोर का निर्माण किया जायेगा । यह गलियारा देश के 6 राज्यों ( उत्तर प्रदेश , हरियाणा , राजस्थान , गुजरात , मध्य प्रदेश एवं महाराष्ट्र ) से होकर गुजरेगा । इस गलियारे की कुल हजारिका लम्बाई 1483 किमी , है । 
2 मार्च , 2014 को इस परियोजना के प्रथम चरण की शुरूआत ग्रेटर नोएडा ( उत्तर प्रदेश ) से की गयी । यह औद्योगिक गलियारा उत्तर – प्रदेश के दादरी से प्रारंभ यह होकर मुम्बई के जवाहरलाल नेहरू बंदरगाह पर समाप्त होगा ।
इस परियोजना के कार्यान्वयन के लिए सरकार द्वारा दिल्ली – मुम्बई इंडस्ट्रियल कॉरिडोर डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन ( DMICDC ) का गवन किया गया । इस परियोजना में भारत के 6 राज्यों में 11 निवेश क्षेत्र व 13 औद्योगिक क्षेत्र स्थापित करने के प्रस्ताव है । 

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