समाजशास्त्र तथा मनोविज्ञान से लोक प्रशासन के क्या सम्बन्ध हैं ? SAMAJSHASHTRA AND MANOVIGYAN SE LOK PRASHASAN SE KYA SAMBANDH HAI
प्रशासन का समाजशास्त्र से सम्बन्ध | SOCIOLOGY’S RELATION WITH PUBLIC ADMINISTRATION IN HINDI- लोक प्रशासन का समाजशास्त्र से सम्बन्ध सामाजिक क्रियाओं से सम्बन्धित होने की वजह से लोक प्रशासन तथा समाजशास्त्र दोनों ही का घनिष्ठ सम्बन्ध है । व्यक्ति के सामाजिक व्यवहार का अध्ययन समाजशास्त्र में किया जाता है । lok prashashan or samajshashtra in hindi
अन्य शब्दों में कहा जा सकता है कि अन्तर्सम्बन्धों तथा व्यक्ति का एक निश्चित समुदाय विशेष के सदस्यों के रूप में व्यवहार का अध्ययन है । इसी प्रकार प्रशासन भी एक सामूहिक प्रयास ही है क्योंकि इनमें अनेक व्यक्ति मिल जुलकर कार्य करते हैं । अतः प्रशासनिक कर्मचारियों के उस संगठन को जिसमें वे कार्य क्रियान्वित करते हैं एक सामाजिक समुदाय की उपमा दी जा सकती है । प्रशासकीय कर्मचारियों के इस विशाल समुदाय के भीतर अनेक छोटे – छोटे समुदाय भी होते हैं , जिनके सदस्य एक ही प्रशासकीय इकाई में कार्यरत रहने की वजह से परस्पर एक संगठन निर्मित कर लेते हैं इन समुदायों का अपना – अपना दृष्टिकोण तथा विशिष्ट प्रकृति होती है । lok prashasan or samajshastra in hindi difference
इन समुदायों की प्रगति किस प्रकार होती है ? वे किस प्रकार अपने कार्यों को क्रियान्वित करते हैं ? तथा वे अपने सदस्यों को किस प्रकार प्रभावित करते हैं ? इन समस्त तथ्यों का समुचित ज्ञान विभिन्न प्रशासनिक समस्याओं के समाधान में मददगार सिद्ध होता है । उक्त सभी ज्ञान हम समाजशास्त्र से ही हासिल करते हैं जो कि लोक प्रशासन के लिए बहुपयोगी है । प्रशास एक – दूसरे से घनिष्ठ रूप से उक्त स्पष्ट है कि समाजशास्त्र एव सम्बन्ध रखते हैं । lok prashasan or samajshastra in hindi essay
लोक प्रशासन का मनोविज्ञान से सम्बन्ध | PSYCOLOGY RELATION WITH PUBLIC ADMINISTRATION IN HINDI
निःसन्देह एक कुशल प्रशासक हेतु यह परमावश्यक है कि उसे मनोविज्ञान का कुछ न कुछ ज्ञान जरूर ही होना चाहिए क्योंकि उसका सम्बन्ध उस गतिशील व्यक्ति से होता है , जो परिस्थितियोवश अथवा भावावेश की वजह से अपने व्यवहार को परिवर्तित कर देता है । लोक प्रशासन में समूह मनोविज्ञान की अत्यधिक उपयोगिता है । दिन – प्रतिदिन हमें समूह के क्रियाकलापों का प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष रूप से सामना करना पड़ता है मनोविज्ञान लोकमत को समझाने में भी सहायक सिद्ध होता है । इसी आधार पर विभिन्न अपराधों का विश्लेषण भी किया जाता है । विभिन्न मनोवैज्ञानिक तत्वों , जैसे- संवेदना संवेग नेतृत्व परामर्श , आदत , मनोरंजन तथा खेल इत्यादि का प्रभाव लोक प्रशासन की सफलता में सहायक सिद्ध होता है । अतः स्पष्ट है कि लोक प्रशासन मनोविज्ञान से अटूट सम्बन्ध रखता है । lok prashashan or manovigyan in hindi for upsc
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