कस्तूरी मृग परियोजना | Kasturi Mrig Pariyojna in Hindi

Kasturi Mrig हिमालयी क्षेत्र में हिमाचल प्रदेश की चम्बा घाटी से लेकर सिक्किम तक पाये जाते हैं । कस्तूरी केवल नर मृग में ही पाया जाता है ।

Kasturi Mrig In Hindi कस्तूरी के औषधीय व प्रसाधन महत्व के कारण बड़े पैमाने पर इन मृगों का अवैध शिकार हुआ है ,जिसके परिणामस्वरूप यह विलुप्त होने के कगार पर पहुँच गए हैं । कस्तूरी मृग के प्राकृतिक संरक्षण के लिए अन्तर्राष्ट्रीय संघ के सहयोग से वर्ष 1970 के दशक में उत्तराखण्ड के केदारनाथ अभयारण्य में कस्तूरी मृग परियोजना की शुरूआत की गयी । कस्तूरी मृग के लिए हिमाचल प्रदेश का शिकारी देवी अभयारण्य तथा उत्तराखण्ड का बद्रीनाथ अभयारण्य प्रसिद्ध है ।

कस्तूरी मृग | Kasturi Mrig

हंगुल परियोजना | Hungal Pariyojna

हंगुल यूरोपीय रेन्डियर प्रजाति के सरल स्वभाव वाला हिरण है । ये अब केवल कश्मीर स्थित दाचीगाम राष्ट्रीय उद्यान में ही शेष बचा है । इसे कश्मीरी स्टैग के नाम से भी जाना जाता है , जो जम्मू – कश्मीर राज्य का राजकीय पशु है ।
यह संकटापन्न प्राणी है । 20वीं शताब्दी के प्रारंभ में संख्या लगभग 5 , 000 थी , जो वर्ष 1970 में घटकर मात्र 150 हो गई थी ।
अतः इसे संरक्षित करने एवं इसकी संख्या में वृद्धि हेतु वर्ष 1970 में IUCN (international union for conservation of nature)  तथा WWF  (world wild life fund)  के सहयोग से जम्मू – कश्मीर सरकार ने हंगुल परियोजना का शुभारंभ किया । इन प्रयासों के परिणामस्वरूप इनकी संख्या में कुछ वृद्धि हुई है ।

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