भारत की विदेश नीति के मूल उद्देश्य तथा सिद्धान्त | Bhartiya Videsh Neeti ke Main Uddeshya and Siddhant

Indian Foreign Policy In Hindi स्वागत है दोस्तों आपका हमारी और आपकी अपनी वेबसाइट www.aurjaniy.com पर यहाँ हम आपको देते हैं सबसे अच्छा सिविल सर्विस सामान्य अध्ययन मटेरियल हिंदी में सबसे अच्छी किताबों और स्त्रोतों से और आजके इस ब्लॉग में हम जानेंगे

Indian Foreign Policy In Hindi

भारत की विदेश नीति के मूल उद्देश्यों तथा सिद्धान्तों की चर्चा कीजिए ।

भारतीय विदेश नीति  Indian Foreign Policy Hindi

 भारतीय विदेश नीति के मूल उद्देश्य एवं सिद्धान्त-किसी भी राष्ट्र की विदेश नीति का मुख्य अभीष्ट राष्ट्रीय हित होता है , और उसको ध्यान में रखकर ही प्रत्येक राष्ट्र अन्तर्राष्ट्रीय राजनीति से सम्बन्धित अपने आचरण सिद्धान्त तय करता है तथापि इस सन्दर्भ में उसके अपने व्यावहारिक अनुभव भी निर्णायक होते हैं ।

भारत ने अपनी  विदेश नीती के जो सिद्धान्त एवं लक्ष्य निश्चित किये वे उसके विदेश नीति अनुभवों एवं उसके सम्पूर्ण परिवेश से ही जन्मे हैं ।

स्वतन्त्रता के आन्दोलन में जो संकल्प विदेश नीति के सन्दर्भ में किये गये थे , वे आगे चलकर स्वतन्त्र भारत की विदेश नीति के रूप में विकसित हुए हैं ।

4 सितम्बर , 1947 को संविधान सभा में श्री नेहरू ने कहा था- ” आप चाहे जो भी नीति अपनाएँ , विदेश नीति के निर्धारण की कला राष्ट्रीय हित के सम्पादन में ही निहित है ।

” 26 सितम्बर , 1946 को पण्डित नेहरू ने स्वाधीनता सम्मेलन में बोलते हुए भारतीय विदेश नीति के जिन सिद्धान्तों का उल्लेख अधिक स्पष्टता से किया था वे निम्नलिखित हैं .

aurjaniy.com
  1. अन्तर्राष्ट्रीय शान्ति के लिए प्रयत्नशीलता
  2. संयुक्त राष्ट्र संघ के साथ सहयोग
  3. विश्व के सभी राष्ट्रों के साथ मैत्री भाव
  4. राष्ट्रकुल की सदस्यता
  5. परतन्त्र राष्ट्रों का स्वाधीनता संघर्ष में सहयोग
  6. रंगभेद की नीति का विरोध ।

भारतीय विदेश नीति  Indian Foreign Policy Hindi

भारतीय विदेश नीति के लक्ष्यों को स्पष्ट करते हुए नेहरूजी ने 17 अक्टूबर , 1949 को कोलम्बिया विश्वविद्यालय में भी कहा था कि

 ” किसी बड़ी शक्ति या गुट के साथ अपने को संलग्न करके विश्व शान्ति का अनुसरण , विवादपूर्ण मामलों में स्वतन्त्र दृष्टिकोण अपनाना , अधीन जातियों को स्वतन्त्र कराना , व्यक्तिगत एवं राष्ट्रीय स्वतन्त्रता को बनाये रखना , प्रजातीय भेदभाव को दूर कराना , भूख , बीमारी और निरक्षरता को दूर करना भारत की विदेश नीति के मुख्य लक्ष्य हैं । 

पामर तथा पर्किन्स ने भारतीय विदेश नीति के निम्नलिखित लक्ष्य बताये हैं

  • जातीय भेदभाव तथा साम्राज्यवाद का प्रबल विरोध
  • साम्यवाद या नीति राजनीति की अपेक्षा राष्ट्रों के आधारभूत आर्थिक, सामाजिक और राजनैतिक विकास पर बल
  • एशियाई देशों की उपेक्षा न करने और उन पर बलात् कुछ न थोपने का आग्रह
  • संयुक्त राष्ट्र तथा अन्तर्राष्ट्रीय सहयोग के प्रयास में विश्वास
  •  स्वतन्त्रता अथवा असंलग्नता या गुटनिरपेक्षता की नीति पर बल
  • शीत युद्ध क्षेत्रीय रक्षा संगठनों से अलगाव तथा
  • अन्तर्राष्ट्रीय तनावों को कम करने वाले और शान्तिपूर्ण सह – अस्तित्व को बढ़ाने वाले प्रयासों में आस्था ।
Aurjaniy.com

भारतीय संविधान के चतुर्थ अध्याय में राज्य नीति के निदेशक सिद्धान्तों में इनका वर्णन है । भारत द्वारा अन्तर्राष्ट्रीय राजनीति में व्यवहार करने के लिए विदेश नीति सम्बन्धी सिद्धान्त निश्चित किये गये हैं ।

भारतीय संविधान के अनुच्छेद 51 में वर्णित नीति निर्देशक सिद्धान्त निम्नलिखित हैं

  • अन्तर्राष्ट्रीय शान्ति एवं सुरक्षा में वृद्धि
  • राष्ट्रों के मध्य न्यायपूर्ण एवं सम्मानजनक सम्बन्ध बनाये रखना
  • अन्तर्राष्ट्रीय कानून एवं विभिन्न राष्ट्रों की पारस्प सन्धियों का सम्मान करने की भावना तथा
  • अन्तर्राष्ट्रीय विवादों को मध्यस्थता द्वारा सुलझाने की भावना को प्रोत्साहित करना ।

भारतीय विदेश नीति के इन सिद्धान्तों के सम्बन्ध में समय – समय पर व्यक्त उपर्युक्त विचारों का विश्लेषण करके हम निम्नलिखित निष्कर्षों पर पहुँचते हैं , जो भारतीय विदेश नीति के मुख्य लक्ष्य एवं सिद्धान्त हैं

  •  गुट निरपेक्षता की नीति 
  • अन्तर्राष्ट्रीय शान्ति एवं सुरक्षा में आस्था
  • साम्राज्यवाद एवं उपनिवेशवाद का विरोध
  • रंगभेद का विरोध 
  • अन्तर्राष्ट्रीय कानूनों एवं संयुक्त राष्ट्र संघ के प्रति आस्था 
  • सभी राष्ट्रों के साथ मैत्री स्थापित करना 
  • एशियाई – अफ्रीका देशों की सहायता करना 
  • निशस्त्रीकरण का समर्थन तथा
  • पंचशील ।

औरजानिये। Aurjaniye

तो दोस्तों अगर आपको यह जानकारी अच्छी लगे तो हमें कमेंट करके जरुर बतायें , और इसे शेयर भी जरुर करें।

औरजानिये। Aurjaniye

For More Information please follow Aurjaniy.com and also follow us on Facebook Aurjaniye | Instagram Aurjaniyeand Youtube  Aurjaniye with rd

Related Posts:-

WHAT IS NON-ALIGNMENT IN HINDI  

what is economic reforms in hindi

DAVID RICARDO KE SIDDHANT IN HINDI

jal jeevan mision shahri hindi

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *