Hind Mahasagar इसे अर्द्धमहासागर भी कहा जाता है । इसका उत्तरी किनारा बहुत ही कटा – फटा है । औसत गहराई अपेक्षाकृत कम लगभग 4,000 मी. है । नितल पर असमानताएँ भी कम है । गर्त सामान्यतः नहीं मिलते, सुंडा गर्त व डायपेंटिना गर्त इसके अपवाद हैं । जावा द्वीप के दक्षिण व उसके समानांतर स्थित सुंडा गर्त है । भारतीय महासागर या हिन्द महासागर विश्व का तृतीय सबसे बड़ा समुद्र है और पृथ्वी की सतह पर उपस्थित पानी का लगभग 20% भाग इसमें समाहित है।
उत्तर में यह भारतीय उपमहाद्वीप से, पश्चिम में पूर्व अफ्रीका; पूर्व में भारत-चीन, सुंदा द्वीप समूह और ऑस्ट्रेलिया, तथा दक्षिण में दक्षिणध्रुवीय महासागर से घिरा है। विश्व में केवल यही एक महासागर है जिसका नाम किसी देश के नाम यानी, भारत के नाम पर है। प्राचीन भारतीय ग्रंथो में इसे “रत्नाकर”(समुद्र मंथन की कथा के अनुसार)1 कहा गया है।
डायमेंटिना गर्त दक्षिणी – पूर्वी आस्ट्रेलियन बेसिन में स्थित है तथा यह सुंडा गर्त से भी गहरा है । हिन्द महासागर के नितल पर अनेक चौड़े जलमग्न कटक है । अटलांटिक महासागर की तरह इसमें भी कन्याकुमारी से लेकर अंटार्कटिका तक लगातार एक जलमग्न कटक है , जो इस महासागर को लगभग दो बराबर बेसिनों में विभक्त करता है । यह अटलांटिक कटक से चौड़ा है परन्तु समुद्री जलस्तर के उतने निकट तक नहीं पहुँचता । विभिन्न कटक हिन्द महासागर को अनेक बेसिनों में
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हिन्द महासागर के प्रमुख द्वीप | Hind Mahasagar Islands
- Hind Mahasagar Ke Pramukh Dweep – प्रमुख द्वीप : मेडागास्कर , श्रीलंका , जावा , सुमात्रा , अंडमान निकोबार , रीयूनियन , जंजीबार , मॉरीशस , कोमोरो , मालदीव , सेशेल्स , डियागो गार्सिया , कोकोज , अमरैंटीज आदि ।
- प्रमुख कटक : लक्षद्वीप – चैगोस कटक , चैगोस सेंट पॉल कटक , एमस्टर्डम कटक , कार्ल्सबर्ग कटक , सकोत्रा – चैगोस कटक , सेशेल्स कटक , दक्षिणी मेडागास्कर कटक , प्रिंस ता एडवर्ड कटक क्रोजेट कटक , अण्डमान – निकोबार कटक ।
- हिन्द महासागर में स्थित अधिकांश द्वीप महाद्वीपीय खंडों से टूटकर अलग हुए भाग हैं , उदाहरणत : अंडमान – निकोबार द्वीप समूह , श्रीलंका , मेडागास्कर व जंजीबार आदि ।
- भारत के दक्षिण पश्चिम तट के समीप लक्षद्वीप व मालदीव प्रवाल द्वीपों के उदाहरण हैं ।
- मॉरीशस व रीयूनियन द्वीप ज्वालामुखी प्रक्रिया के उदाहरण हैं ।
- हिन्द महासागर के पूर्वी भाग में अपेक्षाकृत काफी कम द्वीप हैं ।
- सीमान्त सागर : फारस की खाड़ी , लाल सागर , अदन की खाड़ी , मोजाम्बिक चैनल , ओमान , कच्छ एवं खंभात की खाड़ी ।
- प्रमुख गर्त : सुण्डा या जावा गर्त , मॉरीशस गर्त , ओब गर्त , डायमेंटिना गर्त , अमीरांटे गर्त आदि ।
हिन्द महासागर से सम्बद्ध प्रमुख तथ्य | Hind Mahasagr Se Jude Facts In Hindi | Facts In Hindi
- हिंद महासागर विश्व का तीसरा सबसे बड़ा महासागर है।
- हिंद महासगर युवा महासागर है, उसने केवल 3.6 करोड़ वर्ष पहले ही अपना वर्तमान रूप ग्रहण किया है।
- हिंद महासागर एशिया के दक्षिण में अफ्रीका और आस्ट्रेलिया के बीच फैला हुआ है।
- हिंद महासागर का अधिकांश भाग पृथ्वी के दक्षिणी गोलार्ध में आता है। इसके उत्तरी छोर पर भारतीय उपमहाद्वीप है, दक्षिण में अंटार्टिका, पश्चिम में अफ्रीका, और पूर्व में इंडोनेशिया और आस्ट्रेलिया हैं।
- हिंद महासागर अंध महासागर और प्रशांत महासागर से जुड़ा हुआ है।
- हिंद महासागर का क्षेत्रफल 7.4 करोड़ वर्ग किलोमीटर है।
- हिंद महासागर की औसत गहराई 4 किलोमीटर है।
- कहा जाता है कि इसका यह नाम आज से लगभग एक हज़ार साल पहले उन अरब व्यापारियों ने दिया जो उस समय भारत से व्यापार करते थे। उस समय भारत के बंदरगाह बड़े, उन्नत और विकसित थे। व्यापारी पश्चिम के मध्य पूर्व देश और पूर्व में चीन तक व्यापार करते थे।
- महासागरों में पानी एक ही दिशा में बहता है, पर हिंद महासागर में पानी का बहाव साल में दो बार दिशा बदलता है-
- गर्मियों में मानसूनी हवाओं के कारण पानी भारत की ओर बहता है। सर्दियों में पानी अफ्रीका की ओर बहने लगता है।
- विश्व की दो बड़ी नदियां, ब्रह्मपुत्र और गंगा हिंद महासागर में मिलती हैं।
- ये नदियाँ 2,000 किलोमीटर दूर हिमालय पर्वतमाला से रेत व मिट्टी ला कर समुद्र में ड़ालती हैं जिनसे नदियों के मुहानों के आगे महासागर में अनेक टापू बन गए हैं।
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