आच्युतम् केशवम्: एक दिव्य भक्तिमय गीत
Achyutam Keshavam Lyrics In Hindi : भारतीय संस्कृति में भगवान के विभिन्न रूपों की प्राशंसा करने वाले गीत और भजन हमें उनकी दिव्यता को समझने और उनके प्रति भक्ति व्यक्त करने का एक अद्वितीय तरीका प्रदान करते हैं। “आच्युतम् केशवम्” भी ऐसा ही एक भजन है, जो भगवान कृष्ण की महिमा को स्तुति और संगीत के माध्यम से अद्वितीय रूप से प्रस्तुत करता है।
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Achyutam Keshavam Lyrics In Hindi | Achyutam Keshavam Lyrics
अच्युतं केशवं रामनारायणं
कृष्णदामोदरं वासुदेवं हरिम् ।
श्रीधरं माधवं गोपिकावल्लभं
जानकीनायकं रामचंद्रं भजे ॥
जानकीवल्लभं किष्किन्धावल्लभं
सुरधून्दरं गोविन्दमादिपुरुषम् ।
ताम्बूलसारिकं साततं प्रभूतं
वार्धि-व्याधिषु देवं तारे भगंगम् ॥
कामितार्थ-चतुरं निर्वाण-पदं
कैवल्यपदं नर्लोक-मांगलम् ।
करणं कुरुते कृष्णात्मा तु पातकीं
तत्त्वार्थ-विचारं तत्प्रयाति यः ॥
Achyutam Keshavam Lyrics In Hindi PDF
गीत का अर्थ और महत्व: “आच्युतम् केशवम्” का पाठ करते समय हम भगवान कृष्ण के विभिन्न नामों और रूपों की महिमा को समझते हैं। गीत के प्रारंभिक पंक्तियों में ही उनके सुंदर विगतियों का स्मरण होता है। “आच्युतम्” नाम भगवान के अविनाशी और अद्वितीय स्वरूप को दर्शाता है, “केशव” उनके मनोहर रूप का संकेत है, “रामनारायणं” उनके धर्मप्रिय और धर्मरक्षक रूप को दर्शाता है।
Achutam keshvam bhajan lyrics गीत के आगे के भाग में, हम भगवान कृष्ण के बालक और वयस्क रूप की स्तुति करते हैं। “कृष्णदामोदरं” उनके बालक रूप का उल्लेख करता है, जबकि “वासुदेवं” उनके माता-पिता वासुदेव और देवकी के पुत्र होने की याद दिलाता है। “श्रीधरं” उनके धन-लक्ष्मी के संग उनके सवारी होने की व्याख्या करता है, “माधवं” उनके वासुदेव नंदन होने का संकेत देता है, “गोपिकावल्लभं” उनके वृंदावन की गोपियों के प्रिय पति होने का बोध करता है।
इसके आलावा, गीत में भगवान कृष्ण के विभिन्न रूपों की स्तुति के साथ-साथ उनके भक्तों को उनके साधना के अलग-अलग मार्गों पर पहुँचाने की महत्वपूर्ण बातें भी दर्शाता है।
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ध्यान की आवश्यकता – Achyutam Keshavam Lyrics
Achutam keshvam bhajan lyrics गीत के शब्दों का समय समय पर गूँजना और उनका अर्थ समझना हमें भगवान कृष्ण की महिमा को समझने में मदद करता है। हमें यह ध्यान देना चाहिए कि हर शब्द का अर्थ और संदेश समझने की कोशिश करें ताकि हम भगवान कृष्ण के प्रति अपने भावनाओं को सही तरीके से व्यक्त कर सकें।
बिल्कुल, “आच्युतम् केशवम्” एक भक्तिमय गीत है जो भगवान कृष्ण की प्रशंसा करता है और उनके विभिन्न दिव्य रूपों और गुणों की महिमा को बताता है। यहां उस गीत के शब्दों की व्याख्या है: achyutam keshavam ram narayanam lyrics
- “आच्युतं केशवं रामनारायणं”:
- आच्युतं: वह जो कभी भी अपने धर्म या स्वभाव से नहीं पड़ता है।
- केशव: भगवान कृष्ण का एक और नाम।
- रामनारायणं: भगवान राम और भगवान नारायण (विष्णु) के गुणों का संयोजन। अर्थ: यह पंक्ति भगवान कृष्ण की प्रशंसा करती है, जो शाश्वत हैं, धर्म के प्रोतेक्टर हैं और भगवान राम और भगवान नारायण के गुणों का धारण करते हैं।
- “कृष्णदामोदरं वासुदेवं हरिम्”:
- कृष्णदामोदरं: वह जिनकी सुंदर रूप के साथ कमर पर रस्सी बंधी होती है (यह बचपन के कृष्ण का संकेत है)।
- वासुदेवं: वासुदेव के पुत्र।
- हरिम्: मुश्किलें हरने वाले। अर्थ: यह भाग भगवान कृष्ण की आकर्षक बालक रूप की चर्चा करता है, जिन्हें उनकी मां यशोदा ने बंध दिया था, उनकी दिव्य उपाधि के रूप में वासुदेव के पुत्र के रूप में और उनके विशेष बचावक के रूप में जो हमें मुश्किलों से मुक्ति देते हैं।
- “श्रीधरं माधवं गोपिकावल्लभं”:
- श्रीधरं: वह जिन्होंने धन की देवी (लक्ष्मी) को संभाला है।
- माधवं: मा लक्ष्मी के पति।
- गोपिकावल्लभं: गोपियों (वृंदावन की गोपियों) के प्रियजन। अर्थ: यह हिस्सा भगवान कृष्ण की आपातकालीन धन की देवी को संभालने वाले, मा लक्ष्मी के पति के रूप में और गोपियों के प्रियजन के रूप में उनकी प्रशंसा करता है।
- “जानकीनायकं रामचंद्रं भजे”:
- जानकीनायकं: सीता के पति (भगवान राम की ओर संकेत करता है)।
- रामचंद्रं: भगवान राम का एक और नाम।
- भजे: मैं पूजा करता हूँ। अर्थ: यह पंक्ति भगवान राम की ओर संकेत करती है जिन्होंने सीता को विवाहित किया था और उनकी पूजा करती है।
इस तरह, “आच्युतम् केशवम्” एक सुंदर भजन है जो भगवान कृष्ण और उनके बहुतायत रूपों के प्रति भक्ति और सम्मान की सार को पकड़ता है।
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समापन:
“आच्युतम् केशवम्” एक ऐसा भक्तिमय गीत है जो हमें भगवान कृष्ण की अद्वितीयता, प्रेम और महिमा को समझने का अवसर प्रदान करता है। इस गीत के शब्द हमें उनके विभिन्न रूपों की महत्वपूर्ण बातें सिखाते हैं और हमें उनके प्रति अपने मन की गहराईयों से जुड़ने का मार्ग प्रदान करते हैं। इस भक्तिमय गीत को सुनकर हम अपने जीवन को ध्यान में लाने का प्रयास कर सकते हैं और भगवान के प्रति अपनी श्रद्धा और प्रेम को मजबूती से बढ़ा सकते हैं।