भारतमाला परियोजना

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सड़क परिवहन व राजमार्ग मंत्रालय द्वारा सागरमाला शिपिंग प्रोजेक्ट के मॉडल पर आधारित भारत के अंतर्राष्ट्रीय सीमा क्षेत्रों को सड़कों से जोड़ने के लिए भारतमाला परियोजना पर कार्य किया जा रहा है । 

राष्ट्रीय राजमार्ग विकास परियोजना के बाद भारतमाला दूसरी सबसे बड़ी राजमार्ग परियोजना है । इस परियोजना की घोषणा 30 अप्रैल , 2015 को की गयी थी । 

इसके अंतर्गत भारत के प्रमुख तटीय नगरों के बीच 4-6 लेन वाले राजमार्गों का विकास किया जाएगा । इस परियोजना के अंतर्गत श्रीनगर ( जम्मू – कश्मीर ) से कन्याकुमारी ( तमिलनाडु ) तथा पोरबन्दर ( गुजरात ) से सिलचर ( असम ) तक लगभग 25000 किमी . की लम्बाई में सड़कों का विकास जिसमें स्वर्णिम चतुर्भुज भी शामिल है ।

हरित राजमार्ग नीति -2015 

सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने 29 सितम्बर , 2015 को हरित राजमार्ग नीति -2015 प्रारम्भ की है । पौधारोपण , सौंदर्याकरण एवं रख – रखाव इस नीति के मुख्य उद्देश्य है । राजमार्ग में समुदायों , किसानों , निजी क्षेत्रों , सरकारी संगठनों और सरकारी संस्थानों की प्रतिभागिता के माध्यम से हरियाली को प्रोत्साहित करना शामिल है । 
इस नीति से ग्रामीण क्षेत्रों में पाँच लाख लोगों को रोजगार मिलने की सम्भावना है । 

सड़क मार्ग से सम्बंधित कुछ महत्वपूर्ण तथ्य 

  • राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 1 और 2 को सम्मिलित रूप से ग्रांड ट्रक रोड कहा जाता है । 
  • राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 14 जालंधर से जम्मू व श्रीनगर होते हुए उरी तक जाती है । इसी मार्ग पर स्थित बनिहाल दरे में जवाहर सुरंग स्थित है । 
  • N.H. – 47A भारत का सबसे छोटा राष्ट्रीय राजमार्ग है । यह केरल के बेम्बानन झील में स्थित वेलिगंटन द्वीप में है ।
  •  देश का सबसे बड़ा एक्सप्रेस – वे India’s biggest expressway

आगरा – लखनऊ एक्सप्रेसवे देश का सबसे लम्बा एक्सप्रेसवे ( 302 किमी ) है , जिस पर 21 नवम्बर , 2016 को लड़ाकू विमान को लैंडिंग के साथ परिचालन प्रारम्भ हुआ इस एक्सप्रेसवे पर 3.3 किमी . लम्बी हवाई पट्टी तैयार की गयी है । 

  • विश्व की सबसे ऊँची सड़क मनाली – लेह राजमार्ग है । 
  • भारत में सड़कों की सर्वाधिक लंबाई महाराष्ट्र में है । 
  • इसके बाद क्रमशः उत्तर प्रदेश , ओडिशा , आंध्र प्रदेश व तमिलनाडु का स्थान आता है । 
  • सड़कों की न्यूनतम लंबाई सिक्किम में है । 
  • उसके बाद क्रमशः मिजोरम , मेघालय , गोवा व मणिपुर आते है । 

सेतु भारतम योजना 

राष्ट्रीय राजमार्गों पर पुलों के निर्माण और सुरक्षित व सहज यात्रा के लिए नई दिल्ली में सेतु भारतम योजना का शुभारंभ 4 मार्च 2016 में किया गया । 
सेतु भारतम परियोजना का लक्ष्य वर्ष 2019 तक सभी राष्ट्रीय राजमार्गों को रेलवे स्तरीय क्रॉसिंग मुक्त बनाना है । क्रॉसिंग पर बार – बार होने वाली किया जाना है । 
दुर्घटनाओं और जान – माल की हानि को रोकने के लिए ऐसा किया गया है ।  

अंतर्राष्ट्रीय राजमार्ग 

एशिया एवं सुदूर – पूर्व आर्थिक आयोग ( ECAFE ) के एक समझौते के तहत पड़ोसी देशों को जोड़ने वाले देश के कुछ राजमार्गों को अंतर्राष्ट्रीय राजमार्ग घोषित किया गया है । 
ये अंतर्राष्ट्रीय राजमार्ग दो प्रकार के हैं 
  1. ऐसे राजमार्ग जो विभिन्न देशों की राजधानियों को जोड़ेंगे बे मुख्य मार्ग होगे । इनको समग्र लम्बाई 63,500 किमी . है । 
  2. यह राजमार्ग सिंगापुर से हो – ची – मिन्ह सिटी , बैंकॉक और माण्डले होता हुआ बांग्लादेश , भारत व पाकिस्तान और तुर्की होकर एशियाई राजमार्ग को यूरोपीय अंतर्राष्ट्रीय राजमार्ग से जोड़ता है । 
  3. भारत में इस मार्ग का लगभग 2,860 किमी . विस्तार है । यह पाकिस्तान की सीमा पर अमृतसर और दिल्ली – आगरा – कानपुर , कोलकाता – ढाका , आगरा – ग्वालियर हैदराबाद – बैंगलुरु – धनुषकोटि एवं बरही से काठमांडू को जोड़ता है
दूसरे

  1. वे राजमार्ग जो मुख्य मार्गों को नगरों एवं बन्दरगाहों से जोड़ेंगे । 
  2. यह राजमार्ग फिरोजपुर के निकट भारत में आरम्भ होकर दिल्ली , मुरादाबाद , टनकपुर ( नेपाल की सीमा ) तक 900 किमी . लम्बा है । 
  3. इसकी अन्य शाखाएँ आगरा , मुम्बई , दिल्ली , कोलकाता , चेनई तथा गोलाघाट – लीडो मार्ग है । 

मेकांग – गंगा सहयोग परियोजना Mekang Ganga Sahyog Pariyojna

  • मेकांग – गंगा सहयोग परस्पर सहयोग करने के लिए स्थापित छ : देशों का संगठन है । 
  • इसके छः सहयोगी देश हैं- भारत , म्यांमार , थाईलैण्ड , कम्बोडिया , लाओस और वियतनाम । 
  • इस संगठन का नाम इस क्षेत्र की दो बड़ी नदियों गंगा और मेकांग के नाम पर रखा गया है । 
  • गंगा और मेकांग वाले देशों के निवासियों के मध्य परस्पर संस्कृति , शिक्षा , आवागमन , पर्यटन , ताल – मेल और सहयोग बढ़ाने के उद्देश्य से 24 जुलाई , 2016 को विएनतियाने ( लाओस ) में सातवों मेकांग – गंगा सहयोग की मजिस्तरीय बैठक में इन देशों के विदेश मॉत्रयों में भारत , म्यांमार , थाइलैंड त्रिपक्षीय राजमार्ग का लाओस , कम्बोडिया ऐसा और वियतनाम तक विस्तार करने पर सहमति बनी है । 

  • यह त्रिपक्षीय राजमार्ग कोलकाता से म्यांमार होते हुए बैंकॉक तक प्रस्तावित है । 

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