पाइप लाइन नेटवर्क
पाइप लाइनों द्वारा पेट्रोलियम, पेट्रोलियम उत्पादों एवं प्राकृतिक गैस को भारी मात्रा में लंबी दूरी तक पहुँचाने में आसानी होती है। भारत में पाइप लाइनों के माध्यम से ठोस खनिजों का (द्रव्य चूर्ण के रूप में) परिवहन भी किया जाता है। वर्तमान में, कुद्रेमुख से मंगलुरू बंदरगाह तक पाइप लाइन द्वारा लौह-अयस्क पहुँचाया जा रहा है। हजीरा-बिजयपुर- जगदीशपुर (HBJ) पाइप लाइन 1,750 किमी. लम्बी है। यह हजीरा (गुजरात) से प्रारंभ होकर विजयपुर (मध्य प्रदेश) और वहाँ से जगदीशपुर (उत्तर प्रदेश) तक जाती है। यह पाइप लाइन 6 उर्वरक संयंत्रों एवं 30 ऊर्जा संयंत्रों को प्राकृतिक गैस की आपूर्ति करती है।
एक नई पाइप लाइन सलाया (गुजरात) से मथुरा तक बिछाई गयी है, जो 1,269 किमी. लम्बी है। यह कांडला पत्तन पर आयातित पेट्रोलियम को मथुरा की तेल शोधनशाला तक पहुँचाती है। बरौनी-हल्दिया पाइप लाइन द्वारा हल्दिया पत्तन पर आयातित पेट्रोलियम को तथा लकवा-रुद्रसागर-बरौनी पाइप लाइन द्वारा असम के तेल क्षेत्रों से पेट्रोलियम को बरौनी तेल शोधनशाला तक पहुँचाया जाता है। इसी प्रकार देश में कुछ और पाइप लाइनें बिछायी गयी हैं, जिससे तेल क्षेत्रों एवं पत्तनों से विभिन्न तेलशोधन संयंत्रों व अन्य आवश्यक स्थानों पर पेट्रोलियम पदार्थों की आपूर्ति की जा रही है। Pipelines Network In Inida In Hindi
हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लिमिटेड ने पेट्रोलियम पदार्थों के परिवहन के गुजरात के मुद्रा से दिल्ली तक 1,054 किमी. लम्बी पाइप लाइन की स्थापना की गयी है। भारतीय तेल निगम द्वारा निर्मित पारादीप-हल्विया पाइप लाइन से भी 4 अप्रैल, 2009 से परिवहन प्रारम्भ हो गया है। इस पाइप लाइन से खनिज तेल के सम्प्रेषण हेतु पारादीप, हल्दिया व बरौनी तेल शोधनशालाओं को जोड़ा गया है। Pipelines Network In Inida In Hindi
•ओमान से भारत तक 2300 किमी लम्बी गैस पाइप लाइनें बिछाने को भी एक योजना प्रस्तावित है, ताकि सभी दक्षिणी राज्यों को गैस की आपूर्ति की जा सके।
जनवरी 2005 में भारत, इंग्लादेश व म्यांमार के बीच त्रिपक्षीय समझौते के द्वारा पाइप लाइनों के माध्यम से प्राकृतिक गैस की आपूर्ति का निर्णय लिया गया है। यह पाइप लाइन म्यांमार के अराकान से मिजोरम, त्रिपुरा व बांग्लादेश होते हुए कोलकाता तक आएगी। इस पाइप लाइन से पूर्वी और पूर्वोत्तर भारत में आर्थिक संवृद्धि के नए अवसर सृजित होंगे।
तापी (TAPI) पाइपलाइन
23 जनवरी 2018 से बहुप्रतीक्षित तापी (TAPI) पाइपलाइन का निर्माण कार्य प्रारम्भ हो गया है। यह तुर्कमेनिस्तान, अफगानिस्तान पाकिस्तान तथा भारत की यह संयुक्त परियोजना है। इस गैस पाइप लाइन का निर्माण एशियाई विकास बैंक (ADB) की सहायता से किया जा रहा है।
प्रस्तावित तापी गैस पाइप लाइन कुल 1814 किमी. लम्बी होगी। इसमें तुर्कमेनिस्तान में 214 किमी. अफगानिस्तान में 774 किमी, तथा पाकिस्तान में भारत की सीमा तक 826 किमी. भाग का निर्माण किया जाएगा। भारत द्वारा सार्वजनिक उपक्रम गेल (GAIL) को इस पाइपलाइन से गैस के भारतीय हिस्से की प्राप्ति हेतु अधिकृत किया गया है।
जगदीशपुर फूलपुर-हल्दिया (एनर्जी हाइवे) पूर्वी भारत को ऊर्जा आवश्यकताओं को पूरा करने की दिशा में 24 अगस्त 2014 एनजी हाइवे के रूप में जगदीशपुर फूलपुर तथा हल्दिया प्राकृतिक गैस पाइप लाइन के निर्माण की घोषणा की गयी है। सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी गेल (GAIL) 10,000 करोड़ रुपये के निवेश से 2,050 किमी. लम्बी इस परियोजना का निर्माण करेगी। इस पाइप लाइन के पहले चरण की क्षमता 16 MMSCMD (Million Metric Standard (Cubic Meter per Day) होगी, जिसे दूसरे चरण में बढ़ा कर 32. MMSCMD किया जाएगा। इससे लाभान्वित होने वाले उर्वरक कारखानों में गोरखपुर, बरौनी, सिंदरी और मेटिक्स दुर्गापुर स्थित इकाईयाँ शामिल हैं। इनके अतिरिक्त बरौनी व हल्दिया स्थित रिफाइनरी, स्टील रिफाइनी, स्टील कारखानों, बिजली संयंत्रों एवं इस क्षेत्र में अन्य छोटे माध्यम और उद्योगों को प्राकृतिक गैस की आपूर्ति की जाएगी।
इस एनर्जी हाइवे से पश्चिम बंगाल, बिहार, झारखंड और उत्तर प्रदेश को पर्याप्त एवं पर्यावरण अनुकूल इंधन प्राप्त होगा। यह परियोजना पूर्वी भारत को राष्ट्रीय गैस ग्रिड से जोड़ेगी। इस पाइप लाइन से 4 राज्यों के लाखों लोगों को लाभ होगा तथा इस क्षेत्र के 17 मुख्य शहरों में शहर गैस वितरण नेटवर्क स्थापित किया जा सकेगा। इससे इन शहरों में पाइप नेचुरल गैस (PNG) सोधे घरों तक पहुँचेगी तथा वाहनों को सस्ती कंप्रेस्ड नेचुरल गैस (CNG) का लाभ मिल सकेगा। इसके अतिरिक्त इस पाइप लाइन से इस क्षेत्र के उर्वरक व बिजली संयंत्र तथा बड़े उद्यमों को फीड स्टॉक की आपूर्ति की जा सकेगी।
वाभोल-बंगलुरु गैस पाइप लाइन |
भारतीय गैस प्राधिकरण लिमिटेड (GAIL) की महाराष्ट्र में दाभोल से कर्नाटक में बंगलुरु तक 1,000 किमी. लम्बी गैस पाइप लाइन का निर्माण किया गया है। दाभोल- बंगलुरु पाइप लाइन से दक्षिण भारत पहली बार राष्ट्रीय गैस ग्रिड से जुड़ गया है। वर्तमान में भारत विश्व का 7वाँ सबसे बड़ा ऊर्जा उत्पादक देश है। जबकि ऊर्जा खपत की दृष्टि से भारत चौथा सबसे बड़ा देश है। भारत में कुल ऊर्जा खपत के अन्तर्गत लगभग 41% तेल और गैस की खपत है। ऐसी सम्भावना है कि वर्ष 2020 तक भारत के विश्व का सर्वाधिक ऊर्जा खपत करने वाला देश बन जाएगा।
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