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Sunderkand Lyrics | सुंदरकाण्ड पाठ | Sunderkand In Hindi | Free

चौपाई : चलत महाधुनि गर्जेसि भारी। गर्भ स्रवहिं सुनि निसिचर नारी॥ नाघि सिंधु एहि पारहि आवा। सबद किलिकिला कपिन्ह सुनावा॥1॥ भावार्थ:-चलते समय उन्होंने महाध्वनि से भारी गर्जन किया, जिसे सुनकर…