भारत – बहरीन संबंध INDIA BEHRAIN RELATIONSHIP
हाल ही में भारत के विदेश मंत्री डॉ . एस . जयशंकर ने फारस की खाड़ी में स्थित ‘ किंगडम ऑफ बहरीन ‘ का दो दिवसीय दौरा किया ।
प्रमुख बिंदु –
डॉ . एस . जयशंकर ने बहरीन के विदेश मंत्री के साथ प्रतिनिधिमंडल स्तर की वार्ता की । दोनों मंत्रियों ने द्विपक्षीय मुद्दों के साथ – साथ आपसी हित के क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर चर्चा की , जिसमें कोविड – पश्चात् की चुनौतियों से निपटने में सहयोग और समन्वय भी शामिल था |
बहरीन ने भारत द्वारा महामारी के दौरान दवाओं , चिकित्सा उपकरणों और चिकित्सा पेशेवरों की आपूर्ति के माध्यम से दी गई सहायता की सराहना की ।
एस जयशंकर तथा बहरीन के विदेश मंत्री दोनों ने एयर बबल ( Air Bubble ) व्यवस्था के संचालन पर सतोष व्यक्त किया । एयर बबल दो देशों के बीच हवाई यात्रा की अस्थायी व्यवस्था । जिसका उद्देश्य covID – 19 महामारी के परिणामस्वरूप निलंबित नियमित वाणिज्यिक यात्री सेवाओं को फिर से शुरू करना है –
दोनों पक्षों में रक्षा और समुद्री सुरक्षा , अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी , व्यापार और निवेश , बुनियादी ढॉंचा , आईटी , फिनटेक , स्थास्थ्य , हाइड्रोकार्बन तथा नवीकरणीय ऊर्जा के क्षेत्रों सहित ऐतिहासिक भारत – बहरीन संबंधों को और मजबूत करने पर सहमति व्यक्त की ।
भारत – बहरीन संबंध (INDIA BEHRAIN RELATIONSHIP)
भारत और बहरीन उत्कृष्ट द्विपक्षीय संबंध साझा करते हैं जिसमें सौहार्दपूर्ण राजनीतिक , आर्थिक और सांस्कृतिक संबंध शामिल हैं ।
ऐतिहासिक संबंध
भारत – बहरीन द्विपक्षीय व्यापार और वाणिज्यिक संबंध भारत में सिंधु घाटी सभ्यता तथा बहरीन में दिलमन सभ्यता ( Dilman Civilization ) के समय से रहे हैं । ऐसा माना जाता है कि प्राचीन बहरीन के व्यापारियों ने भारतीय मसालों तथा मोती का व्यापार किया था ।
व्यापार और आर्थिक संबंध –
वित्तीय वर्ष 2018-19 में कुल द्विपक्षीय व्यापार 1282.96 मिलियन अमेरिकी डॉलर या तथा वर्ष 2019-20 ( अप्रैल – दिसंबर ) में 753.60 मिलियन अमेरिकी डॉलर है ।
बहरीन में भारतीय निर्यात खनिज ईधन और तेल , अकार्बनिक रसायन , कीमती धातुओं के कार्बनिक या अकार्बनिक यौगिक , अनाज , नट , फल , परिधान तथा कपड़ों के सामान आदि ।
बहरीन से भारतीय आयात : कच्चा तेल , खनिज इंधन और बिटुमिनस पदार्थ , एल्यूमिनियम , उर्वरक , अयस्कों / एल्यूमिनियम की राख , लोहा , तांबा आदि । .
बहरीन में भारतीय निवेश : जनवरी 2003 से मार्च 2018 के बीच बहरीन में भारत का कुल पूंजी निवेश लगभग 1.69 बिलियन अमेरिकी डॉलर था । वित्तीय सेवाओं में उच्चतम निवेश का मूल्य कुल परियोजनाओं का 40 % है . जिसके बाद रियल स्टेट और आतिथ्य ( Hospitality ) क्षेत्र है । .
भारत ने बहरीन की राजधानी मनामा में श्री कृष्ण मंदिर के पुनर्विकास के लिये वर्ष 2019 में 42 मिलियन डॉलर की परियोजना शुरू की थी ।
200 वर्ष पुराना यह मंदिर भारत – बहरीन मित्रता के एक स्थायी प्रमाण के रूप में जाना जाता है।
भारतीय प्रवासी समुदाय
वर्तमान में लगभग 3,50,000 भारतीय बहरीन में रह रहे हैं , जिनमें से लगभग 70 % अकुशल श्रमिक है । -ब्लू – कॉलर श्रम बल के अलावा भी बहरीन में अन्य पेशेवरों को एक बड़ी संख्या है जो यहाँ के सामाजिक – आर्थिक विकास में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं ।
बहरीन ने देश के इतिहास और प्रगति में भारतीय समुदाय के योगदान को स्वीकार तथा चिन्हित करने के लिये नवंबर 2015 ‘ लिटिल इंडिया इन बहरीन ‘ परियोजना शुरू की ।
मुख्य द्विपक्षीय समझौते –
- प्रत्यर्पण संधि ( जनवरी 2000 ) . पूचना और संचार प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में सहयोग पर समझौता ज्ञापन ( मई 2012)
- संयुक्त उच्चायोग की स्थापना पर समझौता ज्ञापन ( फरवरी 2014 ) –
- जल संसाधन विकास और प्रबंधन पर समझौता ज्ञापन ( फरवरी 2015 ) –
- अंतर्राष्ट्रीय आतंकवाद , अवैध संगठित अपराध , अवैध ड्रग्स , नशीले पदार्थों और नशीले पदार्थों की तस्करी से निपटने में सहयोग हेतु समझौता ( दिसंबर 2015)
- नवीकरणीय ऊर्जा , स्वास्थ्य देखभाल पर समझौता ज्ञापन ( जुलाई 2018 )
- राजनयिक और विशेष / सरकारी पासपोर्ट धारकों के लिये लघु स्टे । ( Stay ) बीजा से जूट पर समझौता ( जुलाई 2018 )
- शांतिपूर्ण उद्देश्यों के लिये बाह्य अंतरिक्ष के अन्वेषण और उपयोग पर समझौता ज्ञापन ( मार्च 2019 )
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