Surah Yaseen PDF: सूरह यासीन कुरान का 36वां अध्याय है, जो इस्लाम का केंद्रीय धार्मिक पाठ है। यह एक मक्का सूरह है, जिसका अर्थ है कि यह मक्का शहर में पैगंबर मुहम्मद के मिशन के शुरुआती काल में प्रकट हुआ था। सूरह यासीन को कुरान के सबसे महत्वपूर्ण और श्रद्धेय अध्यायों में से एक माना जाता है।
Surah Yaseen PDF सूरह का नाम अरबी शब्द “यासीन” के नाम पर रखा गया है, yaseen sharif pdf जिसका उल्लेख अध्याय के शुरुआती छंद में किया गया है। इसमें 83 छंद शामिल हैं और इसमें ईश्वर की एकता, मुहम्मद की भविष्यवाणी, न्याय का दिन, पिछले पैगंबरों की कहानियां और पुनरुत्थान सहित विभिन्न विषयों को शामिल किया गया है।
SURAH YASEEN KYA HAI | सूरह यासीन क्या है?
Surah Yaseen PDF सूरह यासीन इस्लामी परंपरा में महत्वपूर्ण आध्यात्मिक और भक्तिपूर्ण मूल्य रखता है। इसे अक्सर मुसलमानों द्वारा विभिन्न उद्देश्यों के लिए व्यक्तिगत या सामूहिक रूप से पढ़ा जाता है, जिसमें आशीर्वाद प्राप्त करना, सांत्वना पाना और आध्यात्मिक शक्ति प्राप्त करना शामिल है। कई मुसलमान इसके असंख्य लाभों और पुरस्कारों पर विश्वास करते हुए नियमित रूप से सूरह यासीन का पाठ करते हैं। Surah Yaseen PDF
- यह अध्याय अपनी वाक्पटुता और अभिव्यक्ति की सुंदरता के लिए भी जाना जाता है, yaseen pdf और इसमें विश्वासियों के लिए गहन सबक और अनुस्मारक शामिल हैं।
- यह ईश्वर की रचना के संकेतों, अविश्वास के परिणामों और ईश्वर की दया और शक्ति पर चिंतन को प्रोत्साहित करता है।
- मुसलमान सूरह यासीन के पाठ और चिंतन को अल्लाह की दया, yaseen pdf आशीर्वाद और क्षमा प्राप्त करने का एक साधन मानते हैं, और यह उनकी आध्यात्मिक प्रथाओं और अनुष्ठानों में एक विशेष स्थान रखता है।
- सूरह यासीन क़ुरआन-ए-पाक की अज़ीमुश्शान सूरह मुबारिका है। सूरह यासीन को क़ुरआन पाक का दिल भी कहते हैं। Surah Yaseen PDFआज हम आपको बताने जा रहे है Surah Yasin in Hindi
हजरत अनस रजि अल्लाह ताला अनहु से रिवायत है कि हुज़ूर सलाल्लाहो अलैहि वसल्लमने फ़रमाया : बेशक हर चीज़ का एक दिल है और क़ुरआन का दिल सूरह यासीन है। इसके पढ़ने से रज़ाए इलाही हासिल होती है और पढ़ने वाले की मगफिरत की जाती है (Source : सुनन-तिर्मिज़ी) yaseen pdf
सूरेह यासीन कुरान में 22 और 23 पारे में मौजूद है। और सूरेह यासीन में 83 आयात, 733 अल्फ़ाज़, 5 रुकू और 2988 हुरूफ़ हैं। Surah Yaseen PDF
सूरह यासीन | Surah Yaseen
यासीन
वल कुर आनिल हकीम
इन्नका लमिनल मुरसलीन
अला सिरातिम मुस्तकीम
तनजीलल अजीज़िर रहीम
लितुन ज़िरा कौमम मा उनज़िरा आबाउहुम फहुम गाफिलून
लकद हक कल कौलु अला अकसरिहिम फहुम ला युअ’मिनून
इन्ना जअल्ना फी अअ’ना किहिम अगलालन फहिया इलल अजक़ानि फहुम मुक़महून
व जअल्ना मिम बैनि ऐदी हिम सद्दव वमिन खलफिहिम सद्दन फअग शैनाहुम फहुम ला युबसिरून
वसवाउन अलैहिम अअनजर तहुम अम लम तुनजिरहुम ला युअ’मिनून
इन्नमा तुन्ज़िरू मनित तब अज़ ज़िकरा व खशियर रहमान बिल्गैब फबश्शिर हु बिमग फिरतिव व अजरिन करीम
इन्ना नहनु नुहयिल मौता वनकतुबु मा क़द्दमु व आसारहुम वकुल्ला शयइन अहसैनाहु फी इमामिम मुबीन
वज़ रिब लहुम मसलन असहाबल करयह इज़ जा अहल मुरसळून
इज़ अरसलना इलयहिमुस नैनि फकज जबूहुमा फ अज़ ज़ज्ना बिसा लिसिन फकालू इन्ना इलैकुम मुरसळून
कालू मा अन्तुम इल्ला बशरुम मिसळूना वमा अनजलर रहमानु मिन शय इन इन अन्तुम इल्ला तकज़िबुन
क़ालू रब्बुना यअ’लमु इन्ना इलैकुम लमुरसळून
वमा अलैना इल्लल बलागुल मुबीन
कालू इन्ना ततैयरना बिकुम लइल लम तनतहू लनरजु मन्नकूम वला यमस सन्नकुम मिन्ना अज़ाबुन अलीम
कालू ताइरुकुम म अकुम अइन ज़ुक्किरतुम बल अन्तुम क़ौमूम मुस रिफून
व जा अमिन अक्सल मदीनति रजुलुय यसआ काला या कौमित त्तबिउल मुरसलीन
इत तबिऊ मल ला यस अलुकुम अजरौ वहुम मुहतदून
वमालिया ला अअ’बुदुल लज़ी फतरनी व इलैहि तुरजऊन
अ अत्तखिज़ु मिन दुनिही आलिहतन इय युरिदनिर रहमानु बिजुर रिल ला तुगनि अन्नी शफ़ा अतुहुम शय अव वला यूनकिजून
इन्नी इज़ल लफी ज़लालिम मुबीन
इन्नी आमन्तु बिरब बिकुम फसमऊन
कीलद खुलिल जन्नह काल यालैत क़ौमिय यअ’लमून
बिमा गफरली रब्बी व जअलनी मिनल मुकरमीन
वमा अन्ज़लना अला क़ौमिही मिन बअ’दिही मिन जुन्दिम मिनस समाइ वमा कुन्ना मुनजलीन
इन कानत इल्ला सैहतौ वाहिदतन फइज़ा हुम् खामिदून
या हसरतन अलल इबाद मा यअ’तीहिम मिर रसूलिन इल्ला कानू बिही यस तहज़िउन
अलम यरौ कम अहलकना क़ब्लहुम मिनल कुरूनि अन्नहुम इलैहिम ला यर जिउन
वइन कुल्लुल लम्मा जमीउल लदैना मुह्ज़रून
व आयतुल लहुमूल अरज़ुल मैतह अह ययनाहा व अखरजना मिन्हा हब्बन फमिनहु यअ कुलून
व जअलना फीहा जन्नातिम मिन नखीलिव व अअ’नाबिव व फज्जरना फीहा मिनल उयून
लियअ’ कुलु मिन समरिही वमा अमिलत हु अयदीहिम अफला यशकुरून
सुब्हानल लज़ी ख़लक़ल अज़वाज कुल्लहा मिम मा तुमबितुल अरज़ू वमिन अनफुसिहिम वमिम मा ला यअलमून
व आयतुल लहुमूल लैल नसलखु मिन्हुन नहारा फइज़ा हुम् मुजलिमून
वश शमसु तजरि लिमुस्त कररिल लहा ज़ालिका तक़्दी रूल अज़ीज़िल अलीम
वल कमर कद्दरनाहु मनाज़िला हत्ता आद कल उरजुनिल क़दीम
लश शम्सु यमबगी लहा अन तुद रिकल कमरा वलल लैलु साबिकुन नहार वकुल्लुन फी फलकिय यसबहून
व आयतुल लहुम अन्ना हमलना ज़ुररिय यतहूम फिल फुल्किल मशहून
व खलकना लहुम मिम मिस्लिही मा यरकबून
व इन नशअ नुगरिक हुम फला सरीखा लहुम वाला हुम युन्क़जून
इल्ला रहमतम मिन्ना व मताअन इलाहीन
व इजा कीला लहुमुत तकू मा बैना ऐदीकुम वमा खल्फकुम लअल्लकुम तुरहमून
वमा तअ’तीहिम मिन आयतिम मिन आयाति रब्बिहिम इल्ला कानू अन्हा मुअ रिजीन
व इज़ा कीला लहुम अन्फिकू मिम्मा रजका कुमुल लाहु क़ालल लज़ीना कफरू लिल लज़ीना आमनू अनुत इमू मल लौ यशाऊल लाहू अत अमह इन अन्तुम इल्ला फ़ी ज़लालिम मुबीन
व यकूलूना मता हाज़ल व’अदू इन कुनतुम सादिक़ीन
मा यन ज़ुरूना इल्ला सैहतव व़ाहिदतन तअ खुज़ुहुम वहुम यखिस सिमून
फला यस्ता तीऊना तौ सियतव वला इला अहलिहिम यरजिऊन
व नुफ़िखा फिस सूरि फ़इज़ा हुम मिनल अज्दासि इला रब्बिहिम यन्सिलून
कालू या वय्लना मम ब असना मिम मरक़दिना हाज़ा मा व अदर रहमानु व सदकल मुरसलून
इन कानत इल्ला सयहतव वहिदतन फ़ इज़ा हुम जमीउल लदैना मुहज़रून
फल यौम ला तुज्लमु नफ्सून शय अव वला तुज्ज़व्ना इल्ला बिमा कुंतुम तअ’लमून
इन्न अस हाबल जन्न्तिल यौमा फ़ी शुगुलिन फाकिहून
हुम व अज्वा जुहूम फ़ी ज़िलालिन अलल अराइकि मुत्तकिऊन
लहुम फ़ीहा फाकिहतुव वलहुम मा यद् दऊन
सलामुन कौलम मिर रब्बिर रहीम
वम ताज़ुल यौमा अय्युहल मुजरिमून
अलम अअ’हद इलैकुम या बनी आदम अल्ला तअ’बुदुश शैतान इन्नहू लकुम अदुववुम मुबीन
व अनिअ बुदूनी हज़ा सिरातुम मुस्तक़ीम
व लक़द अज़ल्ला मिन्कुम जिबिल्लन कसीरा अफलम तकूनू तअकिलून
हाज़िही जहन्नमुल लती कुन्तुम तूअदून
इस्लौहल यौमा बिमा कुन्तुम तक्फुरून
अल यौमा नाख्तिमु अल अफ्वा हिहिम व तुकल लिमुना अयदीहिम व तशहदू अरजु लुहुम बिमा कानू यक्सिबून
व लौ नशाउ लता मसना अला अअ’युनिहिम फ़स तबकुस सिराता फ अन्ना युबसिरून
व लौ नशाउ ल मसखना हुम अला मका नतिहिम फमस तताऊ मुजिय यौ वला यर जिऊन
वमन नुअम मिरहु नुनक किसहु फिल खल्क अफला यअ’ किलून
वमा अल्लम नाहुश शिअ’रा वमा यम्बगी लह इन हुवा इल्ला जिक रुव वकुर आनुम मुबीन
लियुन जिरा मन काना हय्यव व यहिक क़ल कौलु अलल काफ़िरीन
अव लम यरव अन्ना खलक्ना लहुम मिम्मा अमिलत अय्दीना अन आमन फहुम लहा मालिकून
व ज़ल लल नाहा लहुम फ मिन्हा रकू बुहुम व मिन्हा यअ’कुलून
व लहुम फ़ीहा मनाफ़िउ व मशारिबु अफला यश्कुरून
वत तखजू मिन दूनिल लाहि आलिहतल लअल्लहुम युन्सरून
ला यस्ता तीऊना नस रहुम वहुम लहुम जुन्दुम मुह्ज़रून
फला यह्ज़ुन्का क़व्लुहुम इन्ना नअ’लमु मा युसिर रूना वमा युअ’लिनून
अव लम यरल इंसानु अन्ना खलक्नाहू मिन नुत्फ़तिन फ़ इज़ा हुवा खासीमुम मुबीन
व ज़रबा लना मसलव व नसिया खल्कह काला मय युहयिल इजामा व हिय रमीम
कुल युहयीहल लज़ी अनश अहा अव्वला मर्रह वहुवा बिकुलली खल किन अलीम
अल्लज़ी जअला लकुम मिनश शजरिल अख्ज़रि नारन फ़ इज़ा अन्तुम मिन्हु तूकिदून
अवा लैसल लज़ी खलक़स समावाती वल अरज़ा बिक़ादिरिन अला य यख्लुक़ा मिस्लहुम बला वहुवल खल्लाकुल अलीम
इन्नमा अमरुहू इज़ा अरादा शय अन अय यकूला लहू कुन फयकून
फसुब हानल लज़ी बियदिही मलकूतु कुल्ली शय इव व इलैहि तुरज उन
सूरह यासीन हिंदी में | Surah yaseen in hindi
सूरह इखलास हिंदी में | सोने की दुआ और सोने का सुन्नत तरीका Surah Yaseen PDF
- सूरह यासीन शरीफ़ का तर्जुमा
- यासीन
- क़ुराने हकीम की क़सम
- इस में कोई शक नहीं कि आप अल्लाह के पैगम्बरों में से हैं
- सीधे रस्ते पर हैं
- ये कुरान उस ज़ात की तरफ से उतारा जा रहा है जो ज़बरदस्त भी है रहम फरमाने वाला भी है
- ताकि आप उस कौम को ख़बरदार कर दें जिन के बाप दादा को ख़बरदार नहीं किया गया तो वो ग़फलत में पड़े हुए थे
- हक़ीक़त ये है कि उन में से अक्सर लोगों के बारे में बात हो पूरी हो चुकी है इसलिए वो ईमान नहीं लाते
- हम ने उनकी गर्दनों में तौक डाल रखे हैं फिर वो थोडियों तक हैं तो उनके सर अकड़े पड़े हैं
- और हम ने एक आड़ उनके आगे खड़ी कर दी है और एक आड़ उनके पीछे खड़ी कर दी है और इसी तरह उन्हें हर तरफ से ढांक लिया है इसलिए उन्हें कुछ सुझाई नहीं देता
- उनके लिए दोनों बातें बराबर हैं चाहे तुम उन्हें ख़बरदार करो या ख़बरदार न करो वो ईमान नहीं लायेंगे
- तुम तो सिर्फ ऐसे शख्स को ख़बरदार कर सकते हो जो नसीहत पर चले और खुदाए रहमान को देखे बगैर उस से डरे, चुनान्चे ऐसे शख्स को तुम मगफिरत और बा इज्ज़त अज्र की खुशखबरी सुना दो
- यक़ीनन हम हम ही मुर्दों को जिंदा करेंगे, और जो कुछ अमल उन्होंने आगे भेजे हैं हम उनको भी लिखते जाते हैं और उनके कामों के के जो असरात हैं उनको भी और हर चीज़ एक खुली किताब में हम ने गिन गिन कर रखी है
- और आप उनके सामने गाँव वालों की मिसाल दीजिये जब रसूल उनके पास पहुंचे थे
- जब हम ने उनके पास (शुरू में) दो रसूल भेजे तो उन्होंने दोनों को झुटलाया तो हम ने तीसरे के ज़रिये उनको क़ुव्वत दी तो उन सब ने कहा हम को तुम्हारी तरफ़ रसूल बना कर भेजा गया है
- वो लोग कहने लगे : तुम तो हमारे ही जैसे इंसान हो, खुदाए रहमान ने कोई चीज़ उतारी नहीं है तुम लोग सरासर झूट बोल रहे हो
- उन रसूलों ने कहा : हमारा परवरदिगार खूब जानता है कि हमें वाक़ई तुम्हारे पास रसूल बना कर भेजा गया है Surah Yaseen PDF
- और हमारी ज़िम्मेदारी तो सिर्फ इतनी है कि साफ़ साफ़ पैग़ाम पहुंचा दें
- बस्ती वालों ने कहा : हम तो तुम लोगों को मनहूस समझते हैं, अगर तुम बाज़ न आये तो हम तुमको पत्थर मार मार कर हालाक कर देंगे और हमारी जानिब से तुम को दर्दनाक तकलीफ़ पहुंचेगी
- रसूलों ने कहा : तुम्हारी नहूसत खुद तुम्हारे साथ लगी हुई है, Surah Yaseen PDF क्या ये बातें इस लिए कर रहे हो कि तुम्हें नसीहत की बात पहुंचाई गयी है ? असल बात ये है कि तुम खुद हद से गुज़रे हुए लोग हो
- और शहर के किनारे से एक आदमी दौड़ता हुआ आया बोला, ए मेरी कौम रसूलों का कहा मान लो
- उन लोगों का कहा मान लो जो तुम से कोई उजरत नहीं मांग रहे, और सही रास्ते पर हैं Surah Yaseen PDF
- आखिर मैं क्यूँ उस ज़ात की इबादत न करूं, जिस ने मुझे पैदा फ़रमाया, और उसी की तरफ तुम सब लौटाए जाओगे
- क्या मैं उसके अलावा ऐसे माबूद बना लूं कि अगर रहमान मुझे नुकसान पहुँचाने का इरादा कर ले तो न उनकी सिफ़ारिश मेरे कुछ काम आ सकेगी और न वो मुझे बचा सकेंगे
- अगर मैंने ऐसा किया तो मैं खुली हुई गुमराही में जा पडूंगा
- मैं तो तुम्हारे रब पर ईमान ला चुका हूं इसलिए मेरी बात सुन लो
- (मगर जो लोग कुफ्र पर अड़े हुए थे उन्होंने उस ईमान लाने वाले को शहीद कर दिया चुनांचे खुदा की तरफ से) उसको हुक्म फरमाया गया कि तुम जन्नत में दाखिल हो जाओ (वह कहने लगे) काश ! मेरी कौम को यह बात मालूम हो जाती Surah Yaseen PDF
- कि मेरे रब ने मुझे माफ कर दिया है और मुझको बा इज्ज़त बन्दों में शामिल फरमा लिया है
- हमने उसके बाद उसकी कौम पर आसमान से कोई लश्कर नहीं भेजा और ना हमें इसकी जरूरत थी Surah Yaseen PDF
- वह तो सिर्फ एक सख्त आवाज थी, फिर उसी लम्हे वह सब बुझ कर रह गए
- अफसोस मेरे उन बंदों पर कि जब उनके पास कोई रसूल आता तो वह उसका मजाक उड़ाते
- क्या उन्होंने गौर नहीं किया कि हमने उनसे पहले कितनी नस्लों को हलाक कर दिया वह उनके पास वापस नहीं आ सकते Surah Yaseen PDF
- और यकीनन सब के सब हमारे पास हाजिर कर दिए जाएंगे और Surah Yaseen PDF
- उनके लिए एक निशानी यह बंजर जमीन भी है हमने उसको जिंदा कर दिया और उसमें से अनाज निकाला तो वह उससे खाते हैं
- और हमने उसमें खजूरों और अंगूरों के बागात पैदा किये और उस ज़मीन में चश्मे जारी कर दिए
- ताकि लोग उसके फल खाएं और ये फ़ल उनके हाथों के बनाये हुए नहीं हैं, फिर भी वह ऐसा नहीं मानते
- अल्लाह की ज़ात पाक है जिसने सबके जोड़े पैदा किए जमीन की पैदावार में भी और खुद इंसानों में और कितनी ऐसी चीजों में जिसको वह जानते ही नहीं
- और उनके लिए एक निशानी रात भी है दिन को हम उससे हटा लेते हैं बस वह यकायक अंधेरे में रह जाते हैं
- और सूरज अपने ठिकाने की तरफ चला जा रहा है, यह उस जात का मुकर्रर किया हुआ (निजाम) है जो बेहद ताकतवर और बड़ा ही बाखबर है
- चांद के लिए भी हमने मंजिलें मुकर्रर कर दी यहां तक कि वह सूखी हुई पुरानी टहनी की तरह हो जाता है
- ना सूरज की मजाल है कि वह चांद को आ पकड़े और ना रात दिन से पहले आ सकती है, सब के सब एक मदार में तैर रहे हैं
- उनके लिए एक निशानी यह भी है कि हमने उनकी नस्ल को भरी हुई कश्ती में सवार कर लिया
- और हमने उनके लिए कश्ती की तरह की और चीजें भी पैदा की हैं जिन पर वह सवार होते हैं
- और अगर हम चाहे तो उनको गर्क़ कर (डुबो) दें फिर ना उनकी फरियाद पर कोई पहुंचने वाला हो और ना वह निकाले जा सकें
- मगर यह सिर्फ हमारी मेहरबानी है और एक वक्त तक के लिए फायदा मुहैया करना है
- और जब उनसे कहा जाता है ( अज़ाब ) से डरो, जो तुम्हारे सामने और पीछे हैं, तो शायद तुम पर रहम किया जाए (तो वह उसकी कोई परवाह नहीं करते)
- और जब भी उनके पास उनके परवरदिगार की निशानियां में से कोई निशानी आती है तो वह उसे मुंह फेर लेते हैं
- और जब उनसे कहा जाता है कि अल्लाह तआला ने तुमको जो कुछ अता फ़रमाया है उसमें से खर्च करो तो ईमान न लाने वाले मुसलमानों से कहते हैं : क्या हम उन लोगों को खिलाएं, जिन को खिलाना अल्लाह को मंजूर होता तो खुद ही खिला देते ? तुम लोग खुली हुई गुमराही में पड़े हुए हो
- और वह लोग कहते हैं अगर तुम सच्चे हो (तो बताओ कि) यह वादा कब पूरा होगा ?
- वह लोग बस एक सख्त आवाज़ का इंतजार कर रहे हैं, जो उनको इस हालत में आ पकड़ेगी कि वह लड़ झगड़ रहे होंगे
- फिर ना तो वह कोई वसीयत कर सकेंगे और ना अपने घरवालों की तरफ जा सकेंगे
- और सूर फूंका जाएगा तो वह सब क़बरों से निकलकर अपने परवरदिगार की तरफ दौड़ पड़ेंगे
- कहेंगे : हाय हमारी बदनसीबी हमको हमारी क़बरों से किस ने उठा दिया ? यही है वह वाकिया जिसका बेहद मेहरबान (खुदा) ने वादा फरमाया था, और अल्लाह के पैग़म्बरों ने सच ही कहा था Surah Yaseen PDF
- बस यह एक सख्त आवाज होगी, फिर एक ही दम सब के सब हमारे सामने हाजिर कर दिए जाएंगे
- फिर उस दिन किसी शख्स के साथ जरा भी नाइंसाफी नहीं होगी और तुमको तुम्हारे आमाल का पूरा पूरा बदला दिया जाएगा
- यक़ीनन जन्नत वाले लोग उस दिन मज़े उड़ाने में लगे होंगे
- वह और उनकी बीवियां साये में टेक लगाए हुए मसेहरियों पर बैठे होंगे Surah Yaseen PDF
- उनके लिए जन्नत में मेवे भी होंगे और वह सारी चीजें भी जो वह मांगेंगे
- (सबसे अहम् इनआम यह है कि) उनको मेहरबान परवरदिगार की तरफ से सलाम फरमाया जाएगा
- और ( अल्लाह तआला फरमाएंगे:) ए गुनहगारों ! आज तुम अलग हो जाओ
- ए आदम की औलाद ! क्या मैंने तुमको ताकीद नहीं की थी कि तुम शैतान की इबादत न करो कि वह तुम्हारा खुला हुआ दुश्मन है
- और यह कि तुम मेरी ही इबादत करना यही सीधा रास्ता है
- और शैतान तो तुम में से बहुत से लोगों को गुमराह कर चुका है तो क्या तुम अक्ल नहीं रखते थे ?
- यही वह दोजख़ ( जहन्नम ) है जिससे तुम्हें डराया जा रहा था
- आज अपने कुफ्र करने की वजह से उस में दाखिल हो जाओ
- आज हम उनके मुंह पर मुहर लगा देंगे, और उनकी हरकतों के बारे में उनके हाथ हम से बात करेंगे और उनके पांव गवाही देंगे
- अगर हम चाहें तो उनकी आंखों को सपाट कर दें, फिर यह रास्ते की तरफ दौड़ें, तो कहां देख पाएंगे ?
- और अगर हम चाहें तो उनकी अपनी जगह पर बैठे बैठे उनकी सूरतें इस तरह मस्ख कर दें कि यह न आगे बढ़ सकें और न पीछे लौट सकें
- जिस शख्स को हम लंबी उम्र देते हैं उसकी पैदाइश को उलट देते हैं फिर भी क्या वो अक्ल से काम नहीं लेते
- और हम ने (अपने) उन (पैगंबर) को ना शायरी सिखाई है, और ना यह बात उनके शायाने शान है यह तो बस एक नसीहत की बात है और ऐसा कुरान जो हक़ीक़त खोल खोल कर बयान करता है
- ताकि ऐसे शख्स को खबरदार कर दें जो (क़ल्ब और रूह के एतबार से) जिंदा हो और ताकि ईमान लाने वालों पर हुज्जत पूरी हो जाए
- क्या उन्होंने देखा नहीं कि जो चीजें हमने अपने हाथों से बनाई हैं उनमें से यह भी है कि हमने उनके लिए चौपाये पैदा कर दिए और ये उनके मालिक बने हुए हैं
- और हमने उन चौपायों को उनके काबू में कर दिया है चुनांचे उनमें से कुछ वो हैं जो उनकी सवारी बने हुए हैं और कुछ वो हैं जिन्हें ये खाते हैं
- उनको उन चौपायों से और भी फ़ायदे हासिल होते हैं और जानवरों में पीने की चीजें भी है तो क्या फिर भी यह शुक्र अदा नहीं करते
- उन लोगों ने अल्लाह के सिवा दूसरे माबूद बना लिए हैं कि शायद उनकी मदद की जाए
- (हालाँकि) उन में ये ताक़त ही नहीं है कि वह उनकी मदद कर सकें, बल्कि वो उन के लिए एक ऐसा (मुख़ालिफ़) लश्कर बनेंगे जिसे (क़यामत में उनके सामने) हाज़िर कर लिया जायेगा
- आप उनकी बातों से ग़मगीन ना हों, वह जो कुछ छुपाते हैं और जो कुछ जाहिर करते हैं वह सब हमें मालूम है
- क्या इंसान ने गौर नहीं किया कि हमने तो उसको नुत्फे से पैदा किया, फिर वह खुला हुआ झगड़ालू हो गया ?
- वह हमारे लिए मिसालें बयान करने लगा और अपनी पैदाइश को भूल गया, वह कहने लगा : जो हड्डियां गल चुकी है, उनको (दोबारा) कौन जिंदा करेगा
- आप कह दीजिए : वही जिंदा करेगा जिसने उसको पहली दफा पैदा किया था और वह सब (चीजों को) पैदा करना जानता है Surah Yaseen PDF
- जिस ने तुम्हारे लिए सब्ज़ दरख़्त से आग पैदा कर दी है फिर तुम उससे (आग) सुलगाते हो
- क्या वह ज़ात जिसने आसमानों को और जमीन को पैदा किया है, इन (इंसानों) के जैसा पैदा नहीं कर सकती ? क्यों नहीं ? वह जरूर पैदा कर सकता है, वह खूब पैदा करने वाला और खूब जानने वाला है
- उसकी शान यह है कि जब वह किसी चीज का इरादा करता है तो उसको हुक्म फरमाता है हो जा, तो वह हो जाती है Surah Yaseen PDF
- गर्ज़ कि वो ज़ात पाक है जिसके हाथों में हर चीज की हुकूमत है और उसी की तरफ तुम को लौट कर जाना है।
- सूरेह यासीन पढ़ने के फ़ायदे
- अगर किसी के दिल में कोई जायज़ हाजत है और वो पूरे यक़ीन के साथ सूरेह यासीन पढ़ेगा तो अल्लाह उस हर हाजत पूरी फरमाएगा।
- जो शख़्श यासीन शरीफ सुबह के वक़्त पढ़ेगा शाम तक अल्लाह कि पनाह में रहेगा, और जो रात में पढ़ेगा वो सुबह तक अल्लाह कि हिफ़्ज़ में रहेगा।
- सरो कायनात अस्सलामु अलैकुम फ़रमाया कि इस सूरेह को बहुत पढ़ा करो क्योंकि इस में बहुत फ़ायदे हैं।
- अगर भूखा खुलूसे दिल इसे पढ़ेगा तो अल्लाह अपने फज़ल उस भूखे कि भूख फ़नाह (ख़त्म) कर देंगे।
- अगर ख़ौफ़ ज़दा पढ़ेगा तो उस का ख़ौफ़ व ग़म दूर होगा।
- अगर कर्ज़दार पढ़ेगा तो क़र्ज़ से निजात मिलेगी। Surah Yaseen PDF
- हज़रत तबरी हज़रत अनस र.अ. से नक़ल करते हैं कि जो शख़्श रात को हमेशा सूरेह यासीन पढ़ता रहेगा और फिर उस हालत में मर जाये तो उस कि मौत शहादत होगी।
- जो यासीन शरीफ सुनेगा उसे “दस” दिनाग ख़ैरात करने का सवाब मिलेगा।
- अगर क़ैदी इस सूरेह को पढ़ेगा तो उसे इस सूरेह की बरक़त से आज़ादी मिल जाएगी। Surah Yaseen PDF
- सूरेह यासीन कब नाज़िल हुई
- अंदाज़े बयान पर गौर करने से महसूस होता है कि इस सूरत का नाज़िल होने का ज़माना या तो मक्का के दौर या मतोसत का आखरी ज़माना हे या फिर क़याम मक्का के आखरी दौर की सूरतों में से है। Surah Yaseen PDF
Surah Yaseen Pdf Download | Surah Yaseen In Hindi PDF
यहाँ से यासीन शरीफ हिंदी PDF में Download करें ।
Yaseen PDF
नॉट:- नाज़रीन ये था सूरेह यासीन को हिंदी में पढ़ने का तरीक़ा और कुछ बातें जो क़ुरआन और हदीस से मिलती हैं।
अगर आप का कोई सवाल हो या फिर आप हमें कोई सलाह देना चाहते हैं आप हमें कमेंट कर सकते हैं।
सूरह यासीन कैसे पढ़ा जाता है?
सूरह यासीन को भी उसी तरह से पढ़ा जाता है जैसे बाकी की सूरह को पढ़ा जाता है, सूरह को पढ़ने के साथ साथ उसके मतलब और फायदे का भी पता होना बहुत ज़रूरी है
यासीन कुरान का दिल क्यों है?
एक हदीसें पाक में नबीये करीम सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने फ़रमाया है “बेशक़ हर चीज़ का एक दिल होता हैं और क़ुरआन का दिल सूरह यासीन है” और जो एक मर्तबा सूरे: यासीन पढ़ेगा उसके लिए 10 मर्तबा क़ुरआन पढ़ने का सवाब लिखा जायेगा ..
यासीन पढ़ने से क्या होता है?
सूरेह यासीन शरीफ पढ़ने के बहुत सारे फायदे हे जो हमने सूरह यासीन के फायदे इस पोस्ट में बताएं हैं।