बृहद्रथ वंश ( BRIHDRATH DYNESTY )
THE RISE OF TH MAGADHA EMPIRE |
मगध साम्राज्य का उत्कर्ष | THE RISE OF THE MAGADHA EMPIRE | उत्कर्ष के कारण ( CAUSES OF THE RISE OF MAGADHA EMPIRE ) प्राचीन भारतीय इतिहास में मगध का विशेष स्थान है । प्राचीन काल में भारत अनेक छोटे बड़े राज्यों की सत्ता थी ।
मगध के प्रतापी राजाओं ने इन राज्यों पर विजय प्राप्त कर भारत के एक बड़े भाग पर विशाल एवं शक्तिशाली साम्राज्य की स्थापना की और इस प्रकार मगध के शासकों ने सर्वप्रथम अपनी साम्राज्यवादी प्रवृत्ति को प्रदर्शित किया ।
मगध में मौर्य वंश की स्थापना से पूर्व भी अनेक शासकों ने अपने बाहुबल व वीरता से मगध साम्राज्य को शक्तिशाली बनाया था ।
जिनमें-
- मॉर्य वंश (MAURYA DYNASTY)
और आज हम बात करेंगे बृहद्रथ वंश ( BRIHDRATH DYNESTY ) के बारे में
बृहद्रथ वंश ( BRIHDRATH DYNESTY )
मगध पर शासन करने वाला प्राचीनतम ज्ञात राजवंश ‘बृहद्रथ वंश ‘ है । महाभारत व पुराणों से ज्ञात होता कि प्राग् – ऐतिहासिक काल में चेदिराज वसु के पुत्र वृहद्रथ ने गिरिव्रज को राजधानी बनाकर मगध में अपना स्वतन्त्र राज्य स्थापित किया था ।
दक्षिणी बिहार के गया और पटना जनपदों के स्थान पर तत्कालीन मगध साम्राज्य था।
इसके उत्तर में गंगा नदी , पश्चिम में सोन नदी , पूर्व में चम्पा नदी तथा दक्षिण में विन्ध्याचल पर्वतमाला थी, बृहद्रथ को ही मगध साम्राज्य का संस्थापक माना जाता है । उसके द्वारा स्थापित राजवंश को ‘ वृहद्रथ वंश ‘ कहा गया ।
इस वंश का सबसे प्रतापी शासक जरासंध था , जो वृहद्रथ का पुत्र था । जरासंध अत्यन्त पराक्रमी एवं साम्राज्यवादी प्रवृत्ति का शासक था । कृष्ण की सहायता से भीम ने जब जरासंध का वध किया तब जरासंघ की मृत्यु के पश्चात् मगध पतन की ओर अग्रसर हो गया , किन्तु फिर भी वृहद्रथ वंश के अनेक शासक कुछ समय तक मगध पर शासन करते रहे ।
बृहद्रथ वंश का अन्तिम शासक रिपुंजय था, जिसकी हत्या उसके मन्त्री पुलिक ने कर दी तथा अपने पुत्र ‘ बालक ‘ को मगध का शासक नियुक्त किया । इस प्रकार वृहद्रथ वंश का पतन हो गया । कुछ समय पश्चात् महिय नामक एक सामन्त ने ‘ बालक ‘ की हत्या करके अपने पुत्र विम्बिसार को मगध की गद्दी पर बैठाया।
- मौर्यों से पूर्व मगध साम्राज्य के उत्कर्ष का वर्णन कीजिए ।
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