राष्ट्रीय सोलर मिशन 

                     National Solar Mission

देश में बढ़ती ऊर्जा आवश्यकताओं की पूर्ति तथा जीवाश्म ऊर्जा पर बढ़ती निर्भरता को कम करने के लिए 11 जनवरी , 2010 को जवाहर लाल नेहरू राष्ट्रीय सोलर मिशन प्रारम्भ किया गया । इस मिशन का उद्देश्य भारत को सौर ऊर्जा के क्षेत्र में एक अग्रणी देश बनाना है ।

यह उन आठ राष्ट्रीय मिशनों में से एक है , जो जलवायु परिवर्तन पर भारत की राष्ट्रीय कार्ययोजना में शामिल हैं । इस मिशन के अन्तर्गत 20 , 000 मेगावाट सौर ऊर्जा उत्पादन का लक्ष्य रखा गया है । इस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए देश में सिलिकन वैली के आधार पर अनेक सोलर वैलियों का निर्माण किया जाएगा ।

ये ऐसे औद्योगिक क्षेत्र होंगे जहाँ पारम्परिक विद्युत के स्थान पर सौर ऊर्जा का प्रयोग किया जाएगा । इस मिशन में अस्पताल , होटल , गेस्ट हाउस आदि में सोलर वाटर हीटर को अनिवार्य करना , सोलर थर्मल पावर प्लाटों का वाणिज्यिक विकास आदि शामिल है । यद्यपि सौर ऊर्जा संयंत्र की स्थापना का प्रारंभिक निवेश काफी अधिक है परंतु बाद के वर्षों में इसकी उत्पादन लागत में क्रमशः कमी आने लगती है ।

ऊर्जा स्रोत की सुरक्षा , पर्यावरणीय प्रभाव एवं अन्य तथ्यों । को ध्यान में रखते हुए यह कहा जा सकता है कि सौर ऊर्जा भविष्य के आर्थिक विकास की पूँजी है और राष्ट्रीय सोलर मिशन इस पूँजी की प्राप्ति की दिशा में पहला बड़ा कदम है ।

देश का प्रथम सोलर थर्मल पावर स्टेशन  Australia forest fire in hindi

देश का प्रथम सोलर थर्मल पावर स्टेशन  राजस्थान में स्थापित किया जा रहा है, जसलमेर के नोखा में स्थापित होने वाले प्लांट की क्षमता 50 मेगावॉट होगी और इसमें टावर हीटिंग टेक्नोलॉजी का प्रयोग किया जाएगा ।  इस तकनीक से बिजली वाणिज्यिक उत्पादन वर्तमान समय में केवल अमेरिका रहा है ।
भारत विश्व का दूसरा ऐसा देश होगा जो इस तकनीक से विद्युत का वाणिज्यिक उत्पादन करेगा ।
ऊर्जा के गैर पारम्परिक स्त्रोत  

भारत का प्रथम कैनाल सोलर पॉवर प्रोजेक्ट

24 अप्रैल , 2012 को प्रथम कैनाल सोलर पॉवर प्रोजेक्ट का उद्घाटन किया
गया । यह प्रोजेक्ट गुजरात के मेहसाणा जिले चंद्रासण गाँव के पास नर्मदा नहर के ऊपर बनाया गया है । गुजरात राज्य विद्युत कॉपोरेशन लिमिटेड द्वारा निर्मित कैनाल पर बने इस प्रोजेक्ट से 1 मेगावॉट बिजली का उत्पादन होता है भारत के प्रथम कैनाल सोलर पॉवर प्रोजेक्ट से प्रतिवर्ष | 16 लाख यूनिट बिजली का उत्पादन
करने का लक्ष्य है ।

सबसे बड़ा सोलर थर्मल प्लांट 

देश का सबसे बड़ा सोलर थर्मल प्लांट लुधियाना जिले के गाँव कनेच में 29 जुलाई , 2012 को स्थापित किया गया है । यह संयंत्र उत्पादन के साथ – साथ उद्योगों से निकलने वाले दूषित जल को वैज्ञानिक विधि से स्वच्छ करेगा । यह प्लांट कंगारू इंडस्ट्रीज लिमिटेड द्वारा स्थापित किया जा रहा है । जो एक लाख लीटर पानी प्रतिदिन साफ करेगा ।


 देश का प्रथम सौर जल संयंत्र1

नागालैण्ड के सार्वजनिक स्वास्थ्य इंजीनियरिंग विभाग ने 13 जून , 2014 को कोहिमा के तसीसीमा गाँव में सौर ऊर्जा द्वारा संचालित जलशोधन परियोजना का उद्घाटन किया गया । इसके साथ ही , नागालैण्ड में इस
प्रकार की नवीन प्रौद्योगिकी के उपयोग से जल में विद्यमान 99 . 99 % जीवाणु समाप्त हा जाएंगे । इस प्रकार के संयंत्रों की स्थापना , उनका रख – रखाव एवं शुद्ध पेयजल की उपलब्धता का कार्यक्रम राष्ट्राय ग्रामीण पेयजल कार्यक्रम द्वारा संचालित किया जा रहा है।

Australia forest fire in hindi
कुरनूल अल्ट्रा मेगा सोलर पार्क 

आन्ध्र प्रदेश के कुरनूल में सोलर  पार्क की स्थापना की गयी। / 100 मेगावॉट क्षमता  वाला यह संयंत्र किसी एकल स्थान (single location ) पर स्थानस्थापित विश्व का सबसे बड़ा सौर ऊर्जा संयंत्र है ।


 भारत का तैरता हुआ सबसे बड़ा सोलर प्लांट

दिसंबर , 2017 को केरल के वायनाड जिले के बाणासर सागर बांध में स्थित भारत के सबसे बड़े तैरते हुए सौर संयंत्र ( Largest Floating Solar Plant ) का शुभारम्भ किया गया । भारत के सबसे बड़े तैरते हुए तथा 500 किलोवाट की क्षमता वाले इस संयंत्र में 1 , 938 सौर पैनल हैं , जिसमें प्रत्येक सौर पैनल की क्षमता 260 वॉट है । अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन एवं दिल्ली सौर एजेंडा अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन सौर ऊर्जा से सम्पन्न देशों का अन्तर सरकारी संगठन है । इसकी स्थापना की पहल भारत द्वारा की गयी थी । इस गठबंधन के सम्भावित 121 सदस्य देश पूर्णतः अथवा आंशिक रूप से कर्क और मकर रेखा के बीच स्थित स्थित हैं ।

11 मार्च , 2018 को भारत और फ्रांस के सहयोग से नई दिल्ली में अंतर्राष्ट्रीय सौर सम्मेलन का पहला शिखर | सम्मेलन सम्पन्न हुआ । इस सम्मेलन में दिल्ली सौर एजेंडा प्रस्तुत किया गया , जिसमें जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए सस्ती . टिकाऊ एवं विश्वसनीय आधुनिक ऊर्जा सेवाओं | तक सबकी पहुँच सुनिश्चित करने का लक्ष्य रखा गया है ।

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ऊर्जा के गैर पारम्परिक स्त्रोत  


ऊर्जा के पारम्परिक स्त्रोत  

  • जल विद्युत
  • कोयला
  • खनिज तेल अथवा पेट्रोलियम

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