भारतीय वायु परिवहन | INDIAN AIR WAYS | INDIAN AIRPORTS IN HINDI
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भारत में वायु परिवहन का प्रारम्भ 1911 ई . में हुआ , जब इलाहाबाद से नैनी के बीच विश्व की सर्वप्रथम विमान डाक सेवा का परिवहन किया गया । देश के आंतरिक भागों में विमान सेवाओं के संचालन के लिए स्थापित भारतीय विमानन निगम ( Indian Airlines Corporation ) का मुख्यालय नई दिल्ली में है ।
यह देश के आन्तरिक भागों के अतिरिक्त समीपवर्ती देशों जैसे- नेपाल , बांग्लादेश , पाकिस्तान , अफगानिस्तान , श्रीलंका , म्यांमार एवं मालदीव को भी अपनी सेवाएँ उपलब्ध कराता है । वर्तमान समय में इंडियन एयरलाइंस के वायुमार्गों की लम्बाई लगभग 69 करोड़ किमी . है । 1981 ई . में देश की घरेलू उड़ानों के लिए वायुदूत ( Vayudoot ) नामक निगम की स्थापना की गयी , जो दुर्गम क्षेत्रों अथवा उन क्षेत्रों को अपनी सेवाएँ उपलब्ध कराता है जहाँ पर इंडियन एयरलाइंस की सुविधाएँ उपलब्ध नहीं हैं ।
अब वायुदूत का इंडियन एयरलाइंस में विलय कर दिया गया है । एयर इंडिया विदेशों के लिए विमान सेवाएँ उपलब्ध कराता है ।
इंडियन एयरलाइंस व एयर इंडिया के विलय के बाद इन दोनों को संयुक्त रूप में नेशनल एविएशन कंपनी ऑफ इंडिया लिमिटेड ( NACIL ) का नाम दिया गया । नवंबर , 2010 से पुनः इसका नाम बदलकर एयर इंडिया लिमिटेड कर दिया गया है । इसका कॉरपोरेट ऑफिस मुंबई में है । एयर इंडिया घरेलू व अंतर्राष्ट्रीय दोनों उड़ानों के लिए ब्रांड नाम है । एयर इंडिया जुलाई , 2014 से विश्व की प्रमुख एयरलाइंस के गठबंधन स्टार एयरलाइंस का सदस्य बन गया है । वर्तमान समय में भारत का वायु अनुबंध लगभग 103 देशों के साथ है ।
पहले भारत में 2 विमानपत्तन प्राधिकरण थे । भारत का अंतर्राष्ट्रीय विमानपत्तन ( हवाई अड्डा ) प्राधिकरण देश के बड़े हवाई अड्डों का प्रबंधन करता था जबकि , राष्ट्रीय विमानपत्तन प्राधिकरण 86 घरेलू हवाई अड्डों और रक्षा हवाई अड्डों पर असैनिक उड़ान पट्टियों का प्रबंध करता है । वर्ष 1995 में उपरोक्त दोनों प्राधिकरणों का विलय कर भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण ( एएआई ) का गठन किया गया । यह
भारत में नागर विमानन की शीर्ष इकाई है । इसका प्रशिक्षण कॉलेज इलाहाबाद में है तथा राष्ट्रीय विमानन प्रबंधन व अनुसंधान संस्थान नई दिल्ली में है ।
भारत के विभिन्न हवाई अड्डे Indian Airports
अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे INTERNATIONAL AIRPORTS
भारत में अन्तर्राष्ट्रीय हवाई अड्डों की संख्या में वृद्धि हुई है । वर्तमान समय में
- छत्रपति शिवाजी हवाई अड्डा
- ( दमदम हवाई अड्डा – कोलकाता )
- इंदिरा गाँधी अन्तर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा ( दिल्ली )
- मीनाम्बकम ( चेन्नई )
- राजीव गाँधी अन्तर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा ( हैदराबाद )
- कोच्चि
- तिरुवनंतपुरम व कालीकट
- बंगलुरु
- कायंबटूर
- नेदुम्बसरी
- अहमदाबाद
- नागपुर – पुणे
- गुवाहाटी
- अमृतसर
- जयपुर
- लखनऊ
- श्रीनगर एवं
- वास्को – डि – गामा ( गोवा ) को अन्तर्राष्ट्रीय हवाई अड्डों का दर्जा प्राप्त है । केन्द्र सरकार ने बंगलुरु के पास देवनाहाली नया अन्तर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा बनाने की अनुमति दे दी है । निजी क्षेत्र की सहभागिता से बंगलुरु व हैदराबाद में हवाई अड्डों का विस्तार व आधुनिकीकरण किया जा रहा है ।
प्रधान हवाई अड्डे
- अगरतला ( अहमदाबाद )
- राजासंसी ( अमृतसर )
- अमौसी ( लखनऊ )
- बेगमपेट ( हैदराबाद )
- सेण्ट थॉमस ( चेन्नई )
- सफदरगंज ( दिल्ली )
- गुवाहाटी
- जयपुर तिरुचिरापल्ली
- बढ़ापानी ( शिलांग )
पटना
मध्यम श्रेणी के हवाई अड्डे
- इलाहाबाद ( बमरौली )
- औरंगाबाद
- बागडोगरा ( पश्चिम बंगाल )
- बाबतपुर ( वाराणसी ) . बैलूरघाट
- जूहू ( मुम्बई )
- बड़ोदरा
- बेलगाँव
- भोपाल
- भावनगर
- भुज
- कोयम्बटूर
- भुवनेश्वर
- गया
- इन्दौर
- बैरकपुर
- केसौद ( जूनागढ़ )
- काडला . खजुराहो
- पोर्टब्लेयर
- रायपुर
- राजकोट
- विजयवाड़ा
- विशाखापट्टनम
- जबलपुर तिरुपति
- डिब्रूगढ़
- बाजपा ( मंगलुरु )
- चकुलिया पालीघाट
- लीलाबाड़ी ( असम )
- तेजपुर
- कूचबिहार
- चण्डीगढ़
- बेहाला
- गोरखपुर
- मदुरै
- रातानाडा ( जोध पुर )
- फूलबाग ( पन्तनगर )
- मोहनबाड़ी
- कमालपुर तुलीहल ( इम्फाल )
- डबोक ( उदयपुर )
- कैलाशहर ( त्रिपुरा )
- राँची ।
छोटे प्राधिकरण छोटे हवाई अड्डे
- अकोल बिलासपुर
- कुडप्पा
- डानाकोंडा ( तमिलनाडु )
- हल्द्वानी वारंगल बेलूर
- तंजावुर
- पन्ना
- रक्सौल
- शोलापुर
- रूपसी
- माल्दा
- पासीघाट
- शैला ( असम )
- सहारनपुर राजमहेन्द्री
- ललितपुर
- झांसी
- सतना जोगबनी
- कोटा
- कोल्हापुर
- खण्डवा चकेरी ( कानपुर नगर )
- झारसगुडा ( ओडिशा )
- पोरबन्दर .
- पालनपुर ।
ग्रीन फील्ड एयरपोर्ट GREEN FEILD AIRPORTS
- गोवा
- नवी मुम्बई
- सिंधु दुर्ग ( महाराष्ट्र )
- बीजापुर
- गुलबर्ग
- हासन ( कर्नाटक )
- शिमोगा
- पल्लादि ( राजस्थान )
- कुशीनगर ( उत्तर प्रदेश )
- कन्नूर ( केरल )
- पेकयांग ( सिक्किम )
- दुर्गापुर ( पश्चिम बंगाल )
- डाबरा ( मध्य प्रदेश ) व
- ईटानगर ( अरुणाचल ) में एक – एक ग्रीन फील्ड विमान तल के निर्माण की सैद्धांतिकः स्वीकृति दे दी है ।
गगन परियोजना
13 जुलाई , 2015 को जी.पी.एस. सहायता प्राप्त नेविगेशन संवर्द्धित नेविगेशन गगन औपचारिक रूप से प्रारंभ किया गया । अमेरिका के डब्ल्यूएएएस एवं यूरोप के ईजीएनओएस के बाद भारत एसवीएएस उपलब्धि को प्राप्त करने वाला तीसरा देश है । इस प्रणाली का उपयोग नागरिक उड्डयन की सूक्ष्म आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए जीपीएस की शुद्धता और समग्रता में वृद्धि हेतु किया जाता है । इसके साथ ही हवाई मार्गों की सीधी व्यवस्था होने के कारण हवाई मार्गों एवं ईंधन की खपत आदि में कमी आने की सम्भावना है । यह उपग्रह ऑस्ट्रेलिया से अफ्रीका तक के भौगोलिक क्षेत्र की सूचनाएँ प्रदान करेगा ।
पवनहंस हेलीकॉप्टर्स लिमिटेड
1987 ई . से कार्यरत ( 1985 ई . में स्थापित ) यह भारत की अग्रणी हेलिकॉप्टर कंपनी है , जो विश्वसनीय हेलीकॉप्टर संचालन के लिए जानी जाती है । इसकी स्थापना मूलत : तेल एवं प्राकृतिक गैस निगम ( ONGC ) को तेल सम्बंधी अन्वेषण में हेलीकॉप्टर सहायता उपलब्ध कराने के लिए की गयी थी ।
इसका मुख्यालय दिल्ली के सफदरगंज एयरपोर्ट पर है , जबकि कॉरपोरेट ऑफिस नोएडा में है । इसके 2 क्षेत्रीय कार्यालय मुंबई और नई दिल्ली में है । अपनी सेवाओं के लिए ISO 9001 : 2000 प्रमाण पत्र पाने वाली यह भारत की यह एकमात्र विमानन सेवा कंपनी है ।
नागर विमानन नीति, 2016
15 जून , 2016 को प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में नई नागर विमानन नीति ( Civil Aviation Policy ) को मंजूरी प्रदान की गई । इसके तहत अन्तर्राष्ट्रीय संचालन हेतु 5/20 नियम में परिवर्तन किया गया । इस नीति में 5 वर्ष के अनुभव की शर्त को हटा दिया गया है , परन्तु कम्पनी को कम से कम 20 विमान या अपनी क्षमता का 20 प्रतिशत घरेलू परिचालन में उपयोग करना होगा ।
उड़ान योजना का शुभारंभ
27 अप्रैल, 2017 को प्रधानमंत्री ने उड़े देश का आम नागरिक ( Ude Desh ka Aam Nagarik : UDAN ) नामक क्षेत्रीय संपर्क योजना को शिमला हवाई अड्डे से प्रारम्भ किया । क्षेत्रीय उड्डयन बाजार विकसित करने के लिए यह एक नवाचारी योजना है , जिससे देश में क्षेत्रीय वायु संपर्क को बेहतर बनाया जा सकेगा । यह योजना जून , 2016 में जारी की गई राष्ट्रीय नागरिक उड्डयन नीति ( NCAR – 2016 ) का एक प्रमुख घटक है ।
विंग्स 2017 : सब उड़ें , सब जुड़ें
7 जुलाई , 2017 को विंग्स 2017 : सब उड़ें सब जुड़ें बढ़ती क्षेत्रीय कनेक्टिविटी के प्रथम संस्करण का आयोजन नागरिक उड्डयन मंत्रालय द्वारा नई दिल्ली में किया गया । क्षेत्रीय एवं सुदूर हवाई संपर्क में सुधार करने के लिए भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण द्वारा अगले दो वर्षों में लगभग 50 हवाई अड्डों का पुनरुद्धार कर उन्हें संचालित करने की योजना है । भारत , नागरिक उड्डयन क्षेत्र में विश्व का 9 वाँ सबसे बड़ा बाजार है । योजना इसके अन्तर्गत भारत को वर्तमान १ वें स्थान से वर्ष 2022 तक तीसरा नागर विमानन बाजार बनाने का लक्ष्य रखा गया है ।
पहला एयर फ्रेट कॉरिडोर
19 जून , 2017 को अफगानिस्तान के राष्ट्रपति ने काबुल से नई दिल्ली के मध्य एयर फ्रेट कॉरिडोर फ्लाइट का शुभारंभ किया । यह भारत और अफगानिस्तान के मध्य पहला एयर फ्रेट कॉरिडोर है ।
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